वाराणसी (ब्यूरो)। आज के टीनेज की लाइफस्टाइल कैसी है। यह तो सभी जानते ही हैं। खराब खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में ही लोग बाल सफेद होने की समस्या से परेशान हो रहे हैं। कई शोध यह बतलाते हैं कि भारत में कम उम्र में सफेद होते बालों की समस्या से पीडि़त लोगों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि उम्र उम्र में बाल सफेद होने के कारण और उपाय क्या हैं। आमतौर पर देखा जाए तो कम उम्र में बालों के सफेद होने के कारणों में जेनेटिक्स, विटामिन की कमी आदि शामिल है। खासतौर पर जब हम भारतीयों की बात करते हैं, तो अगर 35 उम्र से पहले ही अगर बाल सफेद होने की समस्या शुरू हो जाए तो इसे प्रीमैच्योर ग्रेइंग कहा जाता है।
16 साल की उम्र में हो रहे बाल सफेद
एक्सपर्ट कहते हैं कि कई बार ऐसा भी होता है कि समय से पहले बाल सफेद होने की वजह से बाल झडऩे भी लगते हैं। बाल सफेद होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे आनुवंशिकता, शरीर में विटामिन की कमी, हार्मोनल बदलाव, थायराइड विकार, धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन करना, प्रदूषण, त्वचा रोग जैसे विटिलोगी, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और तनाव शामिल है। डॉक्टर के पास 16 साल से लेकर 35 साल के लोग प्रीमैच्योर ग्रेइंग की समस्या को लेकर इन दिनों पहुंच रहे हैं।
1. आनुवांशिकता
समय से पहले बाल सफेद होने का सबसे बड़ा कारण जेनेटिक्स यानि आनुवांशिकता होता है। आपके घर में अगर आपके माता पिता, दादा दादी, नाना नानी आदि के बाल अगर समय से पहले ही सफेद होना शुरू हो गए थे तो ज्यादातर संभावना है कि आपको यह विरासत में ही मिला है।
2. अत्यधिक तनाव
तनाव व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन है। अगर आपके बाल समय से पहले ही सफेद हो गए हैं तो हो सकता है कि यह आपके अत्यधिक स्ट्रेस लेने की वजह से हुआ हो। तनाव उन स्टेम कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है जो बालों के रंगद्रव्य को पुनर्जीवित करती हैं, जो मेलानोसाइट्स नामक कोशिकाओं द्वारा निर्धारित होता है।
3. ऑक्सीडेटिव तनाव
फ्री रेडिकल्स यानि मुक्त कण ऐसे पदार्थ होते हैं जो हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से बनते रहते हैं। इनकी मात्रा कम होती है तो कोई खतरे की बात नहीं होती, लेकिन अगर लम्बे समय तक इनका खात्मा न हो तो ये शरीर में जमा होने लगते हैं जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव होता है। इससे शहरी के कई हिस्सों की कोशिकाएं खराब होने लगती हैं, जिससे बालों के रंग पर भी प्रभाव पड़ता है।
4. विटामिन की कमी
शरीर में अगर विटामिन की कमी हो जाए तो भी आपके बाल समय से पहले ही सफेद हो सकते हैं। खासतौर पर अगर आपके शरीर में विटामिन बी12, विटामिन बी9, बायोटिन और विटामिन डी की कमी हो जाए तो समय से पहले ही आपके बाल सफेद होना शुरू हो सकता है।
5. शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन
अगर आपके शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन हो गया है तो इस परिस्थिति में भी आपके बाल तेजी से सफेद होने शुरू हो सकते हैं। खासतौर पर अगर हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से अगर थायराइड की समस्या हो गई है तो बाल समय से पहले सफेद होना शुरू हो सकते हैं।
ये दवाएं भी करती है बाल सफेद
- मलेरियारोधी
- कीमोथेराप्यूटिक दवाएं
- क्लोरोक्वीन (मलेरिया के लिए)
- मेफेनिसिन (मांसपेशियों को आराम देने वाला)
- फेनिलथियोरिया
- त्रिपरानोल (कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए)
- डिक्सीराजिऩ (विभिन्न मानसिक विकारों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है)
- सामयिक दवाएं, जैसे कि डिथ्रानोल, क्राइसारोबिन, और बेंज़ोकेन-रेसोरसिनॉल
ऐसे रोकें बाल सफेद होना
समय से पहले बाल सफेद होने की समस्या को कम करने या रोकने के लिए अभी तक कोई भी वैज्ञानिक उपचार नहीं खोजा जा सका है। लेकिन कई ऐसे तरीके हैं जिससे समस्या को बढऩे से कुछ हद तक रोका जा सकता है। अक्सर यह देखा गया है कि समय से पहले सफेद होते बालों की समस्या का मुख्य कारण शरीर में विटामिन की कमी होती है। ऐसे में आप डॉक्टर की सलाह के पश्चात विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। खासतौर पर विटामिन डी, विटामिन बी6, विटामिन बी12 और बायोटिन समय से पहले सफेद हो रहे बालों की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की परामर्श के भूलकर भी विटामिन सप्लीमेंट्स न लें, अन्यथा यह नुकसानदेह हो सकता है।
इसे भी करे फॉलो
- ज्यादा तनाव न लें।
- कठोर रसायनों से युक्त पदार्थों का सेवन न करें।
- संतुलित आहार का सेवन करें।
- बालों में आंवला का पेस्ट लगाएं।
- एक्सरसाइज करें।
युवाओं की खराब होती लाइफस्टाइल के कारण उनके कम उम्र में ही बाल सफेद होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें अपने खानपान को सुधारने की जरूरत है।
डॉ। स्नेहा गुप्ता, डर्मेटोलॉजिस्ट
युवाओं को केमिकल से बचने की जरूरत है। इसका यूज बालों में ज्यादा करने से उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ता है। लाइफस्टाइल भी सुधारने की जरूरत है।
डॉ। एसएस पांडे, डर्मेटोलॉजिस्ट