वाराणसी (ब्यूरो)। सीपी मोहित अग्रवाल ने बीते शुक्रवार को स्कूल संचालकों के साथ बैठक की, जिसमें स्टूडेंट की सुरक्षा पर बात की गई। बैठक में कहा गया कि विभिन्न सुरक्षा उपायों स्कूल परिसरों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, नियमित पुलिस पेट्रोलिंग और साइबर सुरक्षा होना चाहिए। वहीं, 18 वर्ष से कम उम्र के बालक बालिकाओं के वाहन चलाने पर कार्रवाई की जाएगी। इसी के तहत सीबीएसई स्कूल्स में स्टूडेंट्स को बाइक व स्कूटी नहीं चलाने की नसीहत दी जाएगी। साथ ही 18 वर्ष से कम उम्र में गाड़ी चलाने पर होने वाली सजा के बारे में भी बताया जाएगा।
सीबीएसई स्कूल करेगा अलर्ट
शहर के सीबीएसई स्कूल बच्चों को ट्रैफिक नियमों से रूबरू कराएंगे। वहीं, बताया जाएगा कि अगर आप 18 वर्ष के हैंै और हेलमेट नहीं लगाते हैं तो कैसे आप अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं। वहीं, पेरेंट्स को भी स्कूल में बुलाकर अपने बच्चे को गाड़ी न देने के लिए कहा जाएगा। खासकर जब बच्चा 18 वर्ष से कम उम्र का हो। उनको ये भी जानकारी दी जाएगी कि अगर आप अपने बच्चे को गाड़ी देते हैं तो आपको सजा भी हो सकती है।
ये हैं गाड़ी चलाने के नियम
- 18 वर्ष से कम उम्र में गाड़ी न चलाएं।
- लाइसेंस होना अनिवार्य है।
- फोर-व्हीलर में हमेशा सीटबेल्ट पहनें।
- गाड़ी चलाते समय सड़क पर रखें ध्यान।
- गति सीमा को पार न करें।
- ट्रैफिक सिग्नल का पालन करें।
- शराब पीकर वाहन न चलाएं।
ये है जुर्माना
प्रदेश में 18 साल से कम आयु का कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थल में दो या चारपहिया वाहन नहीं चलाएगा। शासन की ओर से इसको लेकर जारी निर्देश के बाद परिवहन विभाग के सहयोग से विद्यालयों में सख्ती की जाएगी। साथ ही छात्रों को सड़क सुरक्षा के प्रति विभिन्न माध्यमों से जानकारी भी दी जाएगी।
रोड सेफ्टी क्लब का होगा गठन
हर विद्यालय में एक रोड सेफ्टी क्लब का गठन किया जाएगा। सभी कक्षाओं में एक-एक विद्यार्थी को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाया जाएगा। विद्यालय में एक क्लास सड़क सुरक्षा की जानकारी पर भी लगेगी। हर विद्यालय में एक शिक्षक को नोडल बनाकर परिवहन विभाग के सहयोग से ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। वहीं, 18 साल से कम आयु के बच्चे अगर गाड़ी चलाते हुए पाए गए तो उनके माता पिता को 3 साल की सजा और 25,000 हजार तक जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल में बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे में बताया जाएगा। बच्चों को 18 साल से कम उम्र का होने पर गाड़ी न चलाने के लिए समझाया जाएगा।
अर्चना महेस्कर, देवा संस्कार स्कूल
स्कूल में बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे में तो बताया ही जाएगा। साथ ही उनके पेरेंट्स को बुलाकर कहा जाएगा कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे को गाड़ी चलाने के लिए न दें।
रचना श्रीवास्तव, सिल्वर ग्रोव स्कूल
बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। इससे उनके साथ होने वाली घटनाएं कम होंगी और पेरेंट्स को भी अपने छोटे बच्चे को गाड़ी न देने की सलाह दी जाएगी।
सुधा सिंह, सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल