वाराणसी (ब्यूरो)। गोदौलिया से सोनारपुरा मार्ग पर दो दिन से जाम नहीं लग रहा हैदिनभर वाहनों की रफ्तार फर्राटा भर रही हैमात्र 15 से 20 मिनट में आम पब्लिक गोदौलिया से लंका तक सफर तय कर रही है, जबकि पहले यही सफर तय करने में 1 से डेढ़ घंटे तक लग जाता थायही स्थिति गिरिजाघर से लहुराबीर मार्ग भी दिख रही हैइस मार्ग पर बुधवार सुबह से शाम तक ट्रैफिक स्मूथ रहीएक बार भी आम पब्लिक को एक बार भी जाम की झंझावत में नहीं फंसना पड़ाअमूमन लक्सा, बेनिया, नई सड़क, मैदागिन, पियरी, चेतगंज, लहुराबीर, कैंट, इंग्लिशिया लाइन तिराहा, लंका, सामने घाट, सुंदरपुर, चितईपुर रोड पर पिछले दो दिन से लोगों का सफर सुकून भरा दिख रहा है

रूटवार दौड़ रहे ई-रिक्शा

-रिक्शा यूनियन की हड़ताल के चलते 9 सितंबर से सुबह से रात तक शहर की सड़कों पर इक्का-दुक्का ई-रिक्शा की आवाजाही दिख रही हैबुधवार को काशी जोन के 11 थाना क्षेत्रों में जिन ई-रिक्शा पर कलर व क्यूआर कोड लगा है, वहीं सड़कों पर भर्राटा भरते दिखेहालांकि इन संख्या अभी बहुत कम हैपहले दिन करीब 150 -रिक्शा चालकों को कलर व क्यूआर कोड दिया गयादूसरे दिन बुधवार को करीब 200 -रिक्शा को कलर व क्यूआर कोड जारी किया गयाकाशी में जोन में अभी आठ हजार से अधिक ई-रिक्शा को कलर व क्यूआर कोड जारी होना है, जिसे पूरा करने में अभी एक माह से अधिक का समय लगेगा

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा बनारस

शहर के अधिकतर मार्गों पर करीब चार दिन पहले यही रोड ई-रिक्शा से भरा रहता था, जिससे आए दिन और हर वक्त लोगों को जाम रूपी परेशानी झेलनी होती थी, लेकिन पिछले तीन दिन से काशी जोन में ई-रिक्शा नहीं चलने से लोगों को सड़कों पर सुकून भरा सफर महसूस हो रहा हैसोशल मीडिया पर प्लेटफार्म पर पब्लिक अपनी फिलिंग भी शेयर कर रही हैंशहर का हर शख्स पुलिस की नई पहल से काफी खुश हैनियम का उल्लंघन करने पर ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी

पीएम संसदीय कार्यालय का घेराव

वाराणसी में नई यातायात प्रणाली और क्यूआर कोड के विरोध में ई-रिक्शा चालक बुधवार को सड़क पर हाथों में तिरंगा झंडा लेकर उतर गएरूटवार व्यवस्था से नाराज ई-रिक्शा चालकों ने पीएम संसदीय कार्यालय का घेराव करते हुए नारेबाजी कीइस दौरान जमकर प्रदर्शन किया और विधायक सौरभ श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपाइस दौरान विधायक ने कहा- हम 24 घंटे में बैठक बुलाकर बात करेंगेजिला प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद अनशनरत ई-रिक्शा चालकों ने ऐलान किया कि बुधवार को 5 हजार ई-रिक्शा चालक अपने वाहनों की चाबी प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय में सौंपने पहुंच गएअखिल भारतीय ई-रिक्शा चालक यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी ने बताया कि चालकों के मना करने पर भी यातायात पुलिस जबरन ई-रिक्शा को होमगार्ड और टीआई के जरिए ट्रैफिक कार्यालय ले जाकर बार कोड लगवाया जा रहा हैबिना सहमति के बार कोड लगवाया जा रहा हैबहुत से चालक अज्ञानतावश अपनी गाड़ी में स्टीकर लगवा रहे हैंक्योंकि 2 किलोमीटर की रेंज में चालक क्या कमाएंगेबैंक की किश्त भी नहीं भर पाएंगे

सोशल मीडिया पर कमेंट

-रिक्शा की हड़ताल से बनारस पूरी तरह से जाम मुक्त हो चुका हैसफर भी सुकून भरा है

- दुष्यंत चंद्रवंशीय

हड़ताल से यह साबित हो गया है कि शहर की सूरत को बिगाडऩे में सबसे ज्यादा इसी का हाथ है

-हरेंद्र शुक्ला

आजकल काशी की जनता सुकून में हैशहर में ई-रिक्शा का संचालन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए

-राकेश मिश्रा

पुलिस का कमाल ही है कि ई-रिक्शा मुक्त काशी, जाम और झाम दोनों से मुक्त बनारस

-अभिषेक सिंह

बनारस में ई-रिक्शा वालों की हड़ताल से दो चीजें सामने आई हैंलोकल लोग खुश हैं, उन्हें सड़क पर शांति दिख रही है

- रोहित कुमार सहानी

ट्रैफिक पुलिस की नई पहल के विरोध में ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल से एक अच्छी तस्वीर सामने आई है कि जाम की असल वजह ई-रिक्शा ही है

-ऋषि झिंगरन