वाराणसी (ब्यूरो)। मै बिहार के भभुआ का रहने वाला हूंअपने पिता का इलाज कराने बुधवार को ही बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल पहुंच गया थाउन्हें कॉर्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में दिखाना थालेकिन, तीन दिन से दर-दर की ठोकरें खा रहा हूंयहां पर आने के बाद मालूम हुआ कि कोलकाता में महिला रेजिडेंट से रेप व मर्डर के विरोध में हड़ताल चल रहा हैपहले लगा कि इलाज हो जाएगा, लेकिन स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही हैपिताजी की हालत खराब होने के बावजूद जमीन पर सोकर ही डॉक्टर्स का इंतजार करना पड़ रहा हैस्ट्रेचर तक नहीं मिल रहे हैैंयही नहीं मेडिकल स्टाफ संदेश प्रसारित कर रहे हैं कि डॉक्टर वार्ड में नहीं आएंगे, इसलिए वह अपने जीवन की ङ्क्षचता स्वयं करेंगलती एक की है और सजा सबको मिल रही है

वार्डों की भी बिगड़ी व्यवस्था

इमरजेंसी ही नहीं, ओपीडी, सर्जरी और वार्डों की व्यवस्था बिगडऩे लगी हैचौथे दिन इमरजेंसी और ओपीडी में मरीज सिर्फ स्ट्रेचर पर तड़पते रह गएउनकी सांसें घुटती रहीं, लेकिन कोई उन्हें देखने वाला नहीं थाअब तो वार्ड भी खाली कराए जा रहे हैंऐसे में तीमारदार बिगड़ी व्यवस्था के कारण प्राइवेट अस्पतालों की ओर रूख करने लगे हैंअधिकतर लोग अपने घर लौट रहे हैं

निकाली आक्रोश रैली

देर शाम एक हजार से अधिक रेजिडेंटों ने काली पट्टी बांधकर आक्रोश रैली निकालीकैंडिल मार्च के जरिए विरोध प्रकट कियाअस्पतालों के सरकारी डाक्टर भी उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैंआल इंडिया फेडरेशन आफ डाक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर सरकारी डाक्टर भी अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन में शामिल होंगे और मरीजों को देखेंगे

कंसल्टेंट भी हो रहे फेल

आईएमएस बीएचयू के रेजिडेंट की हड़ताल का असर पहले दिन से ही देखने को मिल रहा हैकंसल्टेंट ने ओपीडी में बैठकर मरीज को देखा, लेकिन रेजिडेंट के न बैठने से ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़ लगी रहीजूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से सभी मरीज सीनियर डॉक्टर्स के पास दिखाने के लिए जा रहे हैं, जिसके कारण सीनियर डॉक्टर्स भी इतने सारे मरीज को अकेले देख नहीं पा रहे हैं

दरवाजे रहे बंद

रेडियोलॉजी विभाग में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी स्कैन में रेजिडेंट ने सहयोग नहीं कियाइस वजह से केवल 164 जांच अस्पताल में हो पाईवहीं दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय, आयुर्वेद संकाय के पास सन्नाटा पसरा रहाहड़ताल के चलते ज्यादातर गेट बंद दिखेकिसी जूनियर डॉक्टर ने मरीज को नहीं देखाओपीडी हॉल में रखी कुर्सियां जो सामान्य दिनों में भरी रहती हैं, उसमें शुक्रवार को कई कुर्सियां खाली रहींहड़ताल से कुछ मरीज नहीं आए, वहीं जो आए उन्हें भी दिखाने में परेशानी हुईकुछ मरीज बाद में आने की बात कहकर निराश लौट गए तो किसी ने वहीं रात बिताकर अपनी बारी आने का इंतजार कियाअस्पताल में दोपहर एक बजे रेडियोथेरेपी विभाग में ओपीडी का दरवाजा बंद रहा तो कार्डियोलॉजी विभाग में भी किसी डॉक्टर ने मरीजों को नहीं देखा

मरीजों ने बताया अपना दर्द

केस-1

औरंगाबाद से अपने पेट में सूजन की समस्या को दिखाने आए धर्मेंद्र बुधवार की सुबह 8 बजे से अस्पताल में ही इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैंउन्होंने कहां कि डॉविक्की जोकि गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट हैं, उन्हें समस्या दिखानी थीलेकिन उनके पास मरीजों की इतनी भीड़ थी कि उन्होंने बुधवार को नहीं देखाफिर धर्मेंद्र ने अस्पताल में ही अपनी रात गुजारी और शुक्रवार की 12 बजे तक भी उन्हें इलाज नहीं मिलाजब उन्होंने डॉक्टर से बार बार इलाज के लिए कहा तो डॉक्टर ने उसने कहा कि ज्यादा जल्दी है तो कहीं और इलाज करा लो

केस-2

सोनभद्र से अपने इलाज के लिए आए मनमोहन शर्मा को दांत के डॉक्टर को दिखाना था, पर हड़ताल के कारण वह घंटों इंतजार करते रहेउन्होंने डॉक्टर के पास जाकर इलाज की गुहार लगाई, पर किसी डॉक्टर ने उनकी नहीं सुनीइसके बाद वह निराश होकर वापस लौट गएउन्होंने कहा कि वह बहुत दूर से इलाज कराने के लिए आए थेउनका खर्चा भी बहुत हुआ हैएक की सजा सभी मरीजों को डॉक्टर्स क्यों दे रहे हैंअगर किसी मरीज को कुछ हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा

----------------

सोशल मीडिया में भी गुस्सा

सोशल मीडिया पर कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी और हत्या की घटना के बाद से ही लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा हैहर कोई अपराधी को सजा दिलाने की बात कह रहा है और महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए ढेरों पोस्ट कर रहा हैसेलिब्रिटी से लेकर आम पब्लिक तक हैसटेक जस्टिक चला रहे हैैं जोकि सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड भी कर रहा है

लोग ये कर रहे ट्वीट

ऐसी हैवानियत भरी घटना के बावजूद अगर न्याय दिलाने में देर हो या बलात्कारियों को बचाने की कोशिश हो, इससे दुखद देश के लिए क्या है

अभिनय

अगर पेट्रोल अरब से आ सकता है तो क्यों न एक बलात्कारी के लिए अरब वाला कानून मंगवाया जाए

विनेश

अगर आपकी सांसें चल रही हैं तो जिंदा होने का सबूत दोबात सिर्फ कोलकाता की बेटी की नहीं हैभारत में हर 20 मिनट में एक बेटी को नोंचकर खाया जाता हैआग लगी है तो आप भी जल्दी इसकी चपेट में आएंगेइसलिए समय रहते आवाज उठाओ

प्रियांशु कुमार

बीएचयू अस्पताल में सीनियर डॉक्टर्स मरीजों की जांच कर रहे हैंस्थिति ठीक करने के प्रयास जारी हैंजल्द ही जूनियर डॉक्टर्स भी इलाज के लिए उपलब्ध होंगे

-एसएन संखवार, डॉयरेक्टर, आइएमएस बीएचयू