वाराणसी (ब्यूरो)। रिहायशी मकान में चल रहे तेजाब कारखाने में बुधवार की दोपहर आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि सामने के मकान तक पहुंच गईं। लपटों से घिरी आधा दर्जन महिलाओं ने मुश्किल से अपनी जान बचाई। चौक थाना क्षेत्र के भुलेटन स्थित मकान में आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आग लगने की वजह शार्ट-सर्किट बताई जा रही है।
मची अफरा-तफरी
भुलेटन की संकरी गली में मेवालाल चौहान का तीन मंजिला मकान हैं। इनमें चार बेटे व भाई का परिवार भी रहता है। सबसे नीचे के तल पर एक कमरे में तेजाब बनाने का कारखाना चल रहा था। इसमें बड़ी मात्रा में बना हुआ तेजाब, केमिकल और तेजाब पैक करने के सामान मौजूद थे। दोपहर में लगभग दो बजे तेजाब कारखाने में आग लग गई। उसमें मौजूद केमिकल की वजह से थोडी ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। इसकी जानकारी होते ही मकान में मौजूद सभी लोगों में अफरा-तफरी मच गई, जो जिस हालत में था वैसे ही बाहर की ओर भागा.
बुझाने में मशक्कत
आसपास के लोग भी अपने घरों से बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान की ओर भाग निकले। आग की लपटें सामने रहने वाले चंदर के घर तक पहुंच गईं। वहां भी अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सूचना मिलने पर चेतगंज फायर स्टेशन से फायर ब्रिगेड की तीन गाडिय़ां भुलेटन पहुंची, लेकिन सकरी गलियों में मकान तक नहीं पहुंच सकीं। आग बुझाने के लिए अग्निशमन कर्मियों को लगभग दो सौ मीटर पाइप बिछानी पड़ी। 20 मिनट में आग बुझा ली गई लेकिन घर को ठंडा करने के लिए 30 मिनट और अतिरिक्त कूङ्क्षलग की गई। आग से लगभग दस लाख रुपये के नुकसान होने की संभावना है।
तेजी से भड़की आग
तेजाब के कारखाने में काफी मात्रा में केमिकल मौजूद था। शार्ट सर्किट से आग लगने के बाद केमिकल ने उसे भड़का दिया। थोड़ी ही देर में लपटें उठने लगीं और तीसरे तल तक पहुंचने लगीं। ताप से मकान की पटिया चटकनी लगी। आग की चपेट में आने से घर के खिड़की दरवाजे जल गए। धुएं से दीवारें भी काली पड़ गईं।
लपटों से घिरीं महिलाएं
जिस समय आग लगी घर की महिलाएं घरेलू काम पूरा करके आराम कर रही थीं। आग लगने पर मची चीख-पुकार सुनकर माया देवी की नींद खुली तो दो बहुएं, दो परिवार की तीन लड़कियों के साथ पहले तल पर बने बाथरूम में जा छुपीं। थोड़ी ही देर में धुआं और लपटें वहां तक पहुंचने लगीं। यह देखकर सभी छत की ओर भागीं लेकिन वहां ताप महसूस होने पर नीचे की ओर भागने लगीं। धुआं की वजह से उन्हें सीढ़ी नजर नहीं आ रही थी। सांस लेना मुश्किल होने लगा तो किसी तरह सभी सुरक्षित बाहर निकल सकीं।
पड़ोसियों की सूझबूझ
तेजाब कारखाना में आग लगने पर उठ रही लपटें देखकर पड़ोस के रहने वाले मियाज खान व अन्य मदद को पहुंच गए। घर में मौजूद लोगों को बाहर निकालने लगे। बिजली विभाग को सूचना देकर बिजली आपूर्ति बंद कराई। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।
आबादी में कारखाना
मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद ङ्क्षसह राजपूत के अनुसार मकान में केमिकल मौजूद था। इसकी वजह से आग तेजी से भड़की। तेज गंध की वजह से आग बुझाने में अग्निशमन कर्मियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। घनी आबादी में इस तरह के कारखाने काफी खतरनाक साबित होते हैं.