वाराणसी (ब्यूरो)। बीएचयू के कार्डियोलाजी विभाग के प्रमुख डा। ओमशंकर को उनके पद से हटा दिया गया है। वह 15 दिन से अपने चेंबर में आमरण अनशन पर बैठे हैं। वह चिकित्सा अधीक्षक को बर्खास्त करने और हृदय रोगियों को 90 बेड आवंटित करने की मांग कर रहे हैं। बीएचयू के उप रजिस्ट्रार रंजीत सांडिल्य की तरफ से जारी पत्र में कार्रवाई किए जाने का कारण भूख हड़ताल और सेवा में अनुपलब्धता बताया गया है। यह कार्रवाई आइएमएस निदेशक की सिफारिश पर हुई है.
कार्रवाई पर कई सवाल
डा। ओमशंकर का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है। ऐसे में दो महीने पहले हुई कार्रवाई ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। डा। विकास अग्रवाल को नया कार्डियोलाजी हेड नियुक्त किया गया है। मामले में डा। ओमशंकर ने कहा है कि अपने चेंबर में भूख हड़ताल करते हुए 24 घंटे सेवा दी है। कुलपति ने दुर्भावनापूर्ण ढंग से कार्रवाई की है। वह विरोध करेंगे, उन्हें जवाब देंगे। वह भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं। चूंकि आदेश नियम विरुद्ध है, इसलिए वह अपना कार्यभार किसी को नहीं सौंपेंगे.
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एनएमसी रूल से होगा बेड का डिस्ट्रीब्यूशन
पिछले दो साल से एएस हॉस्पिटल-बीएचयू के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डिजिटल लॉक को लेकर चल रहे विवाद और एचओडी के आमरण अनशन से बीएचयू की काफी किरकिरी हो रही थी। बीएचयू प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया और एनएमसी रूल के हिसाब से अस्पताल में बेड डिस्ट्रीब्यूशन के लिए एक कमेटी बनाई है। बीएचयू की ओर से कहा गया है कि एसएस अस्पताल में समस्त मरीजों को प्राथमिकता के अनुसार बेड उपलब्ध कराने, अस्पताल एवं बेड प्रबंधन की कार्य क्षमता बढ़ाने, एनएमसी के मानकों के अनुसार अस्पताल में उपलब्ध समस्त बेडों का डिस्ट्रीब्यूशन, डॉक्टर नर्स एवं अन्य कर्मचारी के अनुपात के दृष्टिगत रखते हुए और भारत के अन्य उत्कृष्ठ मेडिकल संस्थानों में उपलब्ध चिकित्सा सुविधा के अनुसार बीएचयू अस्पताल के बेड प्रबंधन एवं अन्य सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए बीएचयू प्रशासन ने एम्स दिल्ली के भूतपूर्व निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है.
टॉप 5 में है आईएमएस बीएचयू
कमेटी से अनुरोध किया गया है कि 15 दिनों के अंदर अपनी संस्तुति प्रदान करे। विश्वविद्यालय प्रशासन का विश्वास एवं प्रयास है कि आईएमएस में मेडिकल रिसर्च, शैक्षणिक कार्य एवं मरीजों कि देखभाल के लिए अधिकतम सुविधाएं नियम अनुसार प्रदान की जाएं। साथ ही यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि बीएचयू का चिकित्सा विज्ञान संस्थान भारत के सर्वश्रेष्ठ 5 मेडिकल संस्थानों में शामिल है और इस प्रकार के प्रयासों से संस्थान को भारत के श्रेष्ठ तीन संस्थानों में लाने के प्रयासों को गति मिलेगी और मरीजों को विश्वस्तरीय सुविधायें भी प्रदान की जा सकेगी.