वाराणसी (ब्यूरो)। सीवर ओवरफ्लो, दूषित पेयजल, पानी की आपूर्ति की शिकायतों को नगर निगम ने गंभीरता से लिया है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने आदेशों की अवहेलना करने, कार्य में लापरवाही बरतने, समस्याओं का उचित निस्तारण न करने के आरोप में जलकल विभाग के दो अधिशासी अभियंता व पांच अवर अभियंताओं को नोटिस दिया है। उन्होंने तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण न देने पर निलंबन की चेतावनी भी दी है। इसे लेकर जलकल विभाग में खलबली मची हुई है।
बरसात शुरू होते ही सीवर, दूषित पेयजल की शिकायत अचानक बढ़ गई है। वर्तमान में औसत एक दिन में 200 शिकायतें कंट्रोल रूम में दर्ज हो रही हैं। जलकल विभाग शिकायतों को लेकर गंभीर नहीं है। जलकल के अभियंता मौके पर नहीं जा रहे हैं। ठेकेदार की रिपोर्ट के आधार पर निस्तारण की रिपोर्ट लगा दे रहे हैं जबकि शिकायतें यथावत बनी हुई हैं। महापौर अशोक कुमार तिवारी ने इसकी क्रास चेङ्क्षकग कराई तो पोल खुल गई। पार्षदों व नागरिकों की शिकायतों की बढ़ती संख्या को नगर आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए जलकल विभाग के सात अभियंताओं को नोटिस जारी किया है। इसमें जलकल विभाग के प्रभारी व अधिशासी अभियंता अनार ङ्क्षसह, रामावतार ङ्क्षसह, अवर अभियंताओं में नीलम यादव, मंगलदेव वर्मा, चंदन यादव, गौरव कुमार मिश्र व मनीष ङ्क्षसह हैं। नोटिस में कहा गया है कि जलकल विभाग प्राप्त शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण, समयांतर्गत निस्तारण नहीं कर रहा है। इससे जलकल के अलावा नगर निगम की भी छवि धूमिल हो रही है।