केस-1
इंटरनेशनल बस अड्डे से रोडवेज के बाबू को एंटी करप्शन की टीम ने 50 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए बाबू रियाजुद्दीन ने नौकरी ज्वाइन करवाने के लिए मिर्जापुर के कर्मचारी से 50 हजार रुपए मांगे थे।
केस-2
जौनपुर के तेजीबाजार थाना क्षेत्र में आशुतोष यादव बरियार गांव को जेसीबी छुड़ाने के नाम पर दरोगा हैदर अली रिश्वत मांग रहा था। पीडि़त आशुतोष यादव ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। 10 हजार रुपए नहर पर देते ही दरोगा हैदर अली को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ लिया।
केस-3
गाजीपुर के मुहम्मदाबाद में लेखपाल ने एक शिकायतकर्ता से थाना समाधान दिवस पर दिए गए प्रार्थना पत्र पर रिपोर्ट लगाने के लिए 5000 की मांग की थी। शिकायतकर्ता की सूचना पर कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को पैसा गिनते हुए धर दबोचा।
वाराणसी (ब्यूरो)।भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस नीति के तहत प्रदेश सरकार ने सब कुछ ऑनलाइन कर दिया है। घर बैठे सारी सुविधाएं मिलने के कारण वाराणसी समेत पूरे रेंज में भ्रष्टाचार भी तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसके खिलाफ जौनपुर वाले ज्यादा जागरूक हैं। रेंज स्तर पर क्रियाशील एंटी करप्शन थाने में जिले से भ्रष्टाचार और घूस लेने की सर्वाधिक शिकायतें आईं हैं। वर्ष 2023 से अब तक सबसे ज्यादा 17 भ्रष्टाचारी जौनपुर से ही पकड़े गए हैं। इसके बाद 11 भ्रष्टाचारी के साथ वाराणसी दूसरे नंबर है। गाजीपुर से आठ और चंदौली से महज एक की गिरफ्तारी हुई। इधर, वाराणसी कमिश्नरेट में भ्रष्टाचारी सूर्य कुमार पांडेय, अनोभा तिवारी पकड़े गए तो ऐसे कुल 55 पुलिसकर्मी का नाम सामने आया, जिन पर पहले भ्रष्टाचार का दाग लग चुका है। पुलिस आफिस में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार पर नवागत पुलिस उपायुक्त मुख्यालय प्रमोद कुमार ने 50 से ज्यादा स्थानों पर अपने आदेश की प्रति चस्पा कराई है, जिसमें विभागीय लिपिक के घूस मांगने पर सीधा अपने सरकारी मोबाइल नंबर (9454405426) पर फोन करके शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।
दो वर्ष में 14 भ्रष्टाचारी राजस्व विभाग से धराये
वाराणसी के एंटी करप्शन थाना अंतर्गत कुल चार जिले आते हैं। वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर के लोग यहां शिकायत कर सकते हैं। साल 2023 से अब तक यहां 34 मामलों में राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों के 37 कर्मचारियों, अधिकारियों को घूस लेते पकड़ा गया। इनमें जौनपुर के लोनिवि लिपिक जागेंद्र यादव, राजस्व निरीक्षक रामसेवक यादव, लेखपाल मुकेश कुमार, सत्येंद्रदत्त द्विवेदी, रामविलास मौर्य, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी रोहित मिश्र, नगर पालिका का लिपिक संतोष कुमार, कार्यवाहक जिलेदार आशीष कुमार, ट्रेजरी आफिस के लेखाकार दयाराम गुप्ता, लेखपाल स्वदेश पांडेय, तारकेश्वरनाथ सिंह, सन्नी वाल्मीकि, एसआई झिल्लू राम, सिपाही सूर्यप्रकाश, रजिस्ट्रार सुभाषचंद, एसआई हैदर अली शामिल हैं।
कार्रवाईयों में हुआ इजाफा
दो साल पहले तक वाराणसी इकाई का दायरा जोन के सभी 10 जिलों तक था। अब आजमगढ़ और मिर्जापुर में रेंज स्तर की नई इकाइयां खुल गई। वाराणसी इकाई अंतर्गत चार जिले हैं, जिससे कार्रवाई तेज हो गई है। पूर्व में लंबी प्रक्रिया के कारण रिश्वत देते समय शिकायतकर्ता का पैसा वापस मिलने में चार से पांच साल लगता था। अब चार से पांच माह में ही पैसा वापस हो जा रहा है।
कमिश्नरेट पुलिस आफिस में चस्पा हेल्पलाइन नंबर
पुलिस आफिस में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार पर नवागत पुलिस उपायुक्त मुख्यालय प्रमोद कुमार ने प्रहार किया है। उन्होंने पुलिस आफिस में 50 से ज्यादा स्थानों पर अपने आदेश की प्रति चस्पा कराई है, जिसमें विभागीय लिपिक के घूस मांगने पर सीधा अपने सरकारी मोबाइल नंबर (9454405426) पर फोन करके शिकायत दर्ज कराने की बात कही है। एक अन्य आदेश में भी उन्होंने पुलिसकर्मियों की समस्या/अवकाश की सीधी सुनवाई करने की बात कही है। कहा है कि वह सुबह 10 बजे से दोपहर में दो बजे तक जनता के साथ पुलिसकर्मियों की समस्याएं भी सुनेंगे। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिसकर्मी अपनी समस्या में उलझे रहेंगे तो जनता की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे। सिपाही से इंस्पेक्टर तक पुलिसकर्मी अपनी छोटी-छोटी समस्या के लिए बाबुओं के यहां चक्कर काटते हैं। बाबुओं को भी हिदायत दी गई है, किसी को अनावश्यक परेशान न करें।