लंका : 14 फीसद
भेलूपुर : 11 फीसद
सिगरा : 10 फीसद
कैंट : 9 फीसद
पांडेयपुर-लालपुर : 8 फीसद
22 थाना एरिया में 48 फीसद
केस-1
वाराणसी (ब्यूरो)। लंका थाना एरिया के भगवानपुर निवासी अमरेंद्र कुमार को साइबर क्रिमिनल ने शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर 15 लाख 49 हजार रुपये ठग लिये।
केस-2
लंका एरिया में इंवेस्टमेंट के नाम पर बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रेडियोथेरेपी विभाग के रिटायर्ड विभागाध्यक्ष डॉ। उदय प्रताप शाही से साइबर जालसाजों ने 42 लाख 70 हजार रुपये ऐंठ लिए थे।
केस-3
लंका एरिया स्थित बीएचयू के सांख्यिकी विभाग में सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट डॉ। राम सागर यादव से प्रचार-प्रसार करने पर भुगतान करने, टास्क व अन्य टैक्स के नाम पर करीब 11 लाख की साइबर ठगी हुई।
केस-4
लंका एरिया में इन्वेस्टमेंट आदि के नाम पर प्रदीप सिंह से पौने नौ लाख की साइबर ठगी हुई थी।
केस-5
लंका की रहने वाली टीचर वंदना राय से बिजनेस में इंवेस्टमेंट आदि के नाम पर लगभग 20 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई।
लंका एरिया में 14 फीसद वारदात
साइबर ठगी ये बड़ी घटना हैं, जो पिछले तीन महीने में हुई है। इससे पांच गुना से अधिक साइबर ठगी की शिकायतें साइबर सेल में पहुंची। साइबर ठगी के आंकड़ों पर गौर करें तो 14 फीसद वारदात लंका थाना में होती है। इसके बाद दूसरे नंबर पर भेलूपुर एरिया में 11 फीसद, तीसरे नंबर पर सिगरा एरिया में 10, चौथे नंबर पर कैंट में 9 और पांचवें नंबर पांडेयपुर-लालपुर में 8 फीसद साइबर ठगी की वारदात होती है। बाकी 48 फीसद साइबर ठगी 22 थाना एरिया में होती है। यह चौकाने वाली जानकारी कमिश्नरेट पुलिस की साइबर सेल ने दी है।
नौ माह में डिजिटल अरेस्ट की 8 वारदात
साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस साल अब तक 114 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। साइबर ठग 26 करोड़ रुपये उड़ा चुके हैं। पुलिस ने 48 ठगों को पकड़ा है और सवा करोड़ रुपये वापस करा चुकी है। आनलाइन कम निवेश करके अच्छी कमाई के चक्कर में लोग अधिक ठगे जा रहे हैं। इस वर्ष अब तक साइबर ठगी के 102 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से 80 मामले आनलाइन अच्छी कमाई का झांसा देकर ठगी के हैं। वहीं गिरफ्तारी का डर दिखा कर डिजिटल अरेस्ट करते हुए साइबर ठगी के मामले भी बढ़े हैं। बीते आठ महीनों में नौ लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए। पुलिस की जांच में पता चला कि सभी के साथ लगभग एक जैसी वारदात हुई है।
विदेशों तक फैली हैं साइबर ठगों की जड़ें
साइबर क्राइम थाना के एक्सपर्ट श्यामलाल गुप्ता के अनुसार, पकड़े गए साइबर ठगों से पुलिस को जानकारी मिली कि लोगों को मैसेज भेजने, डिजिटल काल करने के लिए एप का इस्तेमाल करते हैं। इनका एड्रेस चीन, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया व दुबई में जेनरेट होता है। इससे साइबर ठगों की पहचान छुपी रहती और पुलिस इन तक नहीं पहुंच पाती है। साइबर ठगी के हासिल रुपये को भी कई बार विदेशों में भेजकर फर्जी गेंमिग एप के यूजरो के बैंक खातों व अपने अन्य सिंडीकेट के खातों मे भेज दिया जाता है।
सावधान कर रही पुलिस
साइबर सेल में तैनात एक्सपर्ट विराट सिंह ने बताया कि कूरियर के बहाने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए पुलिस ने लोगों को सावधान करने के लिए एडवाइजरी जारी किया है। इसमें ठगी करने के तरीके और उससे बचाव के उपाय बताया है। पुलिस ने बताया कि साइबर ठगी से बचने के लिए जरूरी है कि अनजान नंबर से कूरियर कंपनी के नाम पर फोन आए तो कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पुष्टि करें।
गिरफ्तारी का डर दिखाकर इनके साथ हुई साइबर ठगी
-रथयात्रा स्थित अमलताश अपार्टमेंट में रहने वाली शिक्षिका शम्पा रक्षित से तीन करोड़ 55 लाख रुपये
- मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के मड़ौली निवासी अमिताभ श्रीमनी से 40 लाख रुपये
-भेलूपुर थाना क्षेत्र के सोनारपुरा निवासी निहार पुरोहित से 29 लाख
-शिवपुर के तरना निवासी सुभाष सिंह से 19 लाख रुपये
-चितईपुर थाना क्षेत्र के सुसुवाही निवासी राम नरेश सिंह से साढ़े दस लाख रुपये
-आइएमएस बीएचयू के डिपार्टमेंट आफ रेडियोथेरिपी में तैनात डा। साश्वती साहू से पांच लाख रुपये
-चितईपुर थाना क्षेत्र के विवेकानंद नगर में रहने वाली जया झा से एक लाख 40 हजार रुपये
-कैंट थाना क्षेत्र के भुवनेश्वर नगर कालोनी निवासी सेवानिवृत्त सहायक चंकबंदी अधिकारी सुधीर सिंह परमार से 38 लाख रुपये
-बड़ागांव के अहरक निवासी हंसराज सिंह से साढ़े आठ लाख रुपये
- हुकुलगंज स्थित चंद्रा रेजिडेंसी की बुजुर्ग महिला से 32.40 लाख रुपए
सजगता से ही होगा बचाव
-इंटरनेट मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें
-लोगों से आनलाइन चैटिंग के दौरान भी प्रयास करें की वह सार्वजनिक न हो
-किसी भी अनजान व्यक्ति के फोन काल पर अपने बारे में जानकारी न दें
-अनजान मेल, मैसेज के जरिए मिले किसी प्रलोभन, सूचना की जांच जरूर कर लें
घटना के बाद यहां करें शिकायत
-7839856954-हेल्पलाइन साइबर सेल (वाराणसी)
-1930- साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय का
एनसीसीपीआर-नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल