वाराणसी (ब्यूरो)। Varanasi News: ये देखिए, किसी जनप्रतिनिधि विधायक महोदय के ये ड्राइवर महाशय हैं। नो पार्किंग में कार पार्क किए हैं। जनता को परेशानी हो रही। जाम लग रहा है। पर इन्हें इससे क्या? सैंया भये कोतवाल तो डर कहे का यह वाक्य सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बीते दिनों संकट मोचन मंदिर के पास बीच रोड पर कार खड़ी होने से अन्य वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है और जाम भी लग रहा है। पब्लिक की समस्या को देखते हुए चौकी प्रभारी ने अपनी ड्यूटी निभाई, लेकिन उसे क्या पता था कि यह ड्यूटी उसे उल्टी पड़ेगी। कैंट विधायक की शिकायत पर एसआई को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। इसे साफ है कि वाराणसी में एक बार फिर खाकी पर खादी भारी पड़ गई। यह पहला मामला नहीं है जब वाराणसी में खाकी पर खादी भारी पड़ी है। इसके पहले मेयर के एक करीबी और कैंट इंस्पेक्टर के बीच गाड़ी हटाने को लेकर ही विवाद हुआ था। उसे मामले में मेयर की शिकायत पर इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था।
यह था पूरा मामला
संकट मोचन मंदिर के पास बीते शनिवार रात कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव के ड्राइवर ने बीच रोड पर विधायक लिखी कार खड़ी कर दी। इसके चलते आने-जाने वाले वाहन चालकों को दिक्कत हो रही थी। यह देखकर संकट मोचन चौकी प्रभारी प्रशांत पांडेय मौके पर पहुंचे और ड्राइवर को वहां से गाड़ी हटाने के लिए कहा। मौके पर मौजूद पब्लिक भी ड्राइवर को कोस रही थी, लेकिन ड्राइवर के कानों पर जूं भी नहीं रेंग रही थी। चौकी प्रभारी ने सख्ती दिखाई तो कहासुनी होने लगी। गलती के बावजूद ड्राइवर ने घटना की जानकारी विधायक को दी। इस मामले में विधायक ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से शिकायत की। शिकायत के बाद पुलिस कमिश्नर ने जनप्रतिनिधि से जुड़े मामले को गंभीरता से लिया। उसके बाद दरोगा को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। मामले को लेकर महकमे में खूब चर्चा हो रही है। हालांकि, इस मामले में चौकी प्रभारी को सस्पेंड किए जाने की पीछे विभागीय कारण भी बताए जा रहे हैं।
मेयर और कैंट थानाध्यक्ष के बीच नोकझोंक
एडीसीपी वरुणा जोन सरवणन टी 19 जुलाई शुक्रवार की रात भ्रमण कर रहे थे। उन्होंने कचहरी क्षेत्र में बेतरतीब तरीके से खड़े वाहनों को किनारे कराया। इसके बाद 9.30 बजे वरुणा पुल होते हुए उसके किनारे स्थित शराब ठेके के सामने पहुंचे। ठेके के इर्द-गिर्द बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े कर शराब पीते लोगों को देख कर उन्होंने कैंट थानाध्यक्ष को कार्रवाई के निर्देश दिए। कैंट थानाध्यक्ष फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने चौपहिया वाहन और एक दोपहिया वाहन सवार को कैंट थाने चलने को कहा। उन्हीं में से एक कार सवार ने खुद को भाजपा कार्यकर्ता व मेयर का करीबी बताते हुए कैंट थाने जाने से इंकार कर दिया। साथ ही उसने मेयर अशोक तिवारी को फोन किया। इसके बाद मेयर ने कैंट थानाध्यक्ष को कार छोडऩे के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई हो रही है। वह कह देंगे तो हम कार छोड़ देंगे। इस पर मेयर और भाजपा के महानगर अध्यक्ष पुलिस आयुक्त के कैंप कार्यालय गए और थानाध्यक्ष कैंट की शिकायत की। मेयर ने थानाध्यक्ष कैंट पर दुव्र्यवहार और असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया। नतीजतन, थानाध्यक्ष कैंट को वरुणा जोन के डीसीपी ऑफिस से संबद्ध कर दिया गया।
तो एसएसपी का हो गया था तबादला
जुलाई 2020 में सुंदरपुर में भाजपा के जिला महामंत्री और जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र पटेल और उनके बेटे सहित अन्य लोगों द्वारा पुलिसकर्मियों से की गई मारपीट के चार दिन बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला मुरादाबाद कर दिया गया। वहीं, पुलिस आफिस से संबद्ध की गई डीएसपी प्रीति त्रिपाठी को चंदौली स्थानांतरित कर दिया गया। भाजपा नेता, उनके बेटे और भाई सहित सात लोगों के खिलाफ एक दरोगा और दो सिपाहियों से मारपीट के आरोप में लंका थाने में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था। भाजपाइयों ने दर्ज मुकदमे को गलत बताते हुए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद तत्कालीन सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी को पुलिस आफिस से संबद्ध कर लंका इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार चतुर्वेदी, दो दरोगा और दो सिपाही को निलंबित कर दिया गया था। चार दिन बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया था। यह मामला भी खूब सूखियों में रहा। सोशल मीडिया पर जहां एक ओर भाजपाजनों ने इसे लेकर खुशी जताते हुए अपनी जीत बताई। वहीं, पुलिसकर्मियों का कहना था कि यह गलत हुआ। इस तरह से तबादला होगा तो पुलिस सही तरीके से काम नहीं करेगी।
चाहे आमजन हों या जनप्रतिनिधि, दुव्र्यवहार और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करना क्षम्य नहीं है। इसके लिए पुलिसकर्मियों को लगातार समझाया भी जाता है। कोई भी हो, शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाती है।
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मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर