वाराणसी (ब्यूरो)। स्टूडेंट्स की सुरक्षा और फोन की लत को छुड़वाने के लिए सीबीएसई ने एक तरकीब निकाली है। सीबीएसई स्कूल्स ने पेरेंट्स को मोबाइल एप्स डिवाइस के साथ स्मार्ट वॉच की मदद लेने को कहा है। ये कोई आम डिवाइस नहीं होती। इसमें पेरेंट्स जीपीएस ट्रैकर या सेफ्टी डिवाइस के जरिए अपने बच्चों की हर गतिविधि पर नजर रख सकते हैं। पेरेंट्स बच्चों को न सिर्फ कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा दिलवा सकते हैैं। बल्कि सेफ जोन भी उपलब्ध करा सकते हैं। पेरेंटल कंट्रोल एप के जरिए आप बच्चों की लोकेशन ट्रेकिंग, वाहन लॉकिंग कर सकते हैं और डाटा कंट्रोल भी कर सकते हैं।
बढ़ रहीं आपराधिक घटनाएं
दरअसल, बच्चों के साथ बढ़ रही आपराधिक घटनाएं व मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से उनकी सेहत पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को रोकने के लिए लोग एप्स और डिवाइस की मदद ले रहे हैं। ऐसे में किड्स ट्रैकर डिवाइस स्टूडेंट के लिए कारगर साबित होंगे। स्कूल की आईडी कार्ड पर पेरेंट्स किड्स ट्रैकर की छोटी डिवाइस लगा सकते हैं, जो पेरेंट्स के फोन पर लाइव लोकेशन उपलब्ध करवाती है। इसी तरह जीपीएस ट्रैकर डिवाइस से लैस स्मार्ट स्कूल बैग भी उपयोग में लिए जा रहे हैं। उसमें भी बच्चे की मूवमेंट का पता लगाया जा सकता है।
तुरंत बंद हो जाएगा इंटरनेट
सीबीएसई स्कूल के अनुसार, पेरेंट्स बच्चों पर पेरेंटल कंट्रोल एप के जरिए नजर रख सकते हैं। इसके माध्यम से मोबाइल के उपयोग का पूरा लेखा-जोखा उस एप में स्टोर होता है। इसमें पेरेंट्स बाद में चेक कर सकते हैं कि उनका बच्चा फोन में क्या यूज करता है। साथ ही इंटरनेट के इस्तेमाल का समय भी सीमित किया जा सकता है। उसके पूरा होते ही फोन पर इंटरनेट बंद हो जाता है।
गाड़ी टच करते ही बजेगा सायरन
कार, स्कूटर व बाइक में भी ट्रैकर डिवाइस लगाई जा सकती है। अगर आपका बच्चा गाड़ी से स्कूल जाता है तो आपको पता रहेगा कि आपका बच्चा सुरक्षित है कि नहीं। वहीं अगर आपका बच्चा छोटा है तो भी आप गाड़ी में ट्रैकर लगा सकते हैं, ताकि बच्चे पेरेंट्स की गैर मौजूदगी मेें गाड़ी का उपयोग नहीं कर सकें। गाड़ी का स्विच ऑन करते ही तुरंत पेरेंट्स के फोन पर मैसेज पहुंच जाता है कि कहीं वे बेवजह तो गाड़ी नहीं दौड़ा रहे।
बच्चों के साथ आए दिन अपराध की घटनाएं सुनाई देती हैं। ऐसे में पेरेंट्स को सेफ्टी डिवाइस का उपयोग करना चाहिए। इससे बच्चे क्या कर रहे हैं और फोन में क्या यूज कर रहे हैं। इन सबकी जानकारी पेरेंट्स को होती है।
गुरमीत कौर, सीबीएसई कोऑर्डिनेटर
बच्चों के साथ रास्ते में कोई अनहोनी न हो, इसके लिए जीपीएस ट्रेकर बहुत उपयोगी साबित होगा। इससे पेरेंट्स अपने बच्चों की लाइव लोकेशन को ट्रैक कर सकते हैैं।
सुधा सिंह, प्रिंसिपल, जयपुरिया स्कूल
अब मार्केट में जीपीएस ट्रैकर के स्कूल बैग भी उपलब्ध हैं, जोकि बच्चों के लिए काफी सेफ रहेंगे। पेरेंट्स अपने बच्चों की हर मूवमेंट पर नजर रख सकते हैं।
नीलम सिंह, प्रिंसिपल, संत अतुलानंद स्कूल