वाराणसी (ब्यूरो)। हर मरीजों और उनके परिजनों के नस-नस में दौड़ रहा है कबीरचौरा ब्लड बैंक का ब्लडपिछले पांच सालों में कबीरचौरा के ब्लड बैंक ने खून के रिश्ता को इतना मजबूत किया कि जब किसी को जरूरत पड़ती है तो जान बचाने के लिए तैयार रहता हैयही वजह है कि पिछले एक साल में कबीरचौरा का ब्लड बैंक ने 7 हजार यूनिट ब्लड डोनेट कर मरीजों की जान की रक्षा की है

सभी ग्रुप का ब्लड अवेलेवल

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल का ब्लड बैंक फैसलिटीज के मामले में काफी हाईटेक हो चुका हैकिसी को भी ब्लड की जरूरत पड़ती है तो ब्लड ग्रुप बताने पर तुरंत मुहैया कराया जाता हैचाहे वह बी पाजिटिव हो या फिर ओ पाजिटिव, सभी ग्रुप का ब्लड आसानी से मिल जाता है

हाईटेक है ब्लड बैंक

कबीरचौरा ब्लड बैंक के फार्मासिस्ट जितेन्द्र पटेल ने बताया, ब्लड बैैंक अब काफी हाईटेक हो चुका हैइस साल ब्लड बैंक को 2 एडीसीपी मशीनें मिली हैं, जो इस वक्त काम कर रही हैं और अब डेंगू के प्रकोप के समय अब यहां मरीजों को एडीसीपी भी मिलेगीइसका लाइसेंस सरकार से मिल चुका हैअबतक कुल मिलाकर 27 कर्मचारी और 35 मशीनें काम कर रही हैं, जिसमें कई सारी मशीनें ब्लड प्रिजर्व रखने के लिए है और कई सारी अलग अलग टेस्टिंग मशीन उपलब्ध है

1977 में ब्लड बैंक की शुरुआत

फार्मासिस्ट जितेन्द्र पटेल का कहना है कि 1977 में ब्लड बैंक की शुरुआत हुई थीमरीजों के लिए ब्लड बैंक में सभी ग्रुप का ब्लड मौजूद हैकैंप में ब्लड बैंक के स्टाफ जाते हैं ब्लड कलेक्शन में सहयोग करते हैंकई संस्था और संगठन के लोग अपने यहां कैंप में बुलाते हंैब्लड डोनेट करने में सहयोग भी करते हैं

10,134 यूनिट कलेक्शन

ब्लड बैंक ने पिछले एक साल में 10,134 यूनिट ब्लड का कलेक्शन किया हैजबकि 9762 यूनिट ब्लड मरीजों को दिया भी गया हैइसको देखते हुए ब्लड बैंक ने मरीजों की ब्लड सप्लाई के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है

थैलेसीमिया पेशेंट्स पर फोकस

फार्मासिस्ट जितेन्द्र पटेल के अुनसार 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक 7397 यूनिट ब्लड का कलेक्शन किया गयाजबकि 7220 यूनिट मरीजों को सप्लाई कर दियाइनमें जननी सुरक्षा योजना के तहत 1916 यूनिट प्रेगनेंट औरतों को दिए गए और थैलेसीमिया पेशेंट को 303 यूनिट दिया गया। 1 अप्रैल 2024 से 31 जूलाई 2024 तक 2737 यूनिट ब्लड का कलेक्शन हुआवहीं, 2542 युनिट सप्लाई किया गयाजननी सुरक्षा योजना के तहत 658 यूनिट थैलेसिमीया पेशेन्ट को 107 यूनिट दिया गया

बी और ओ पॉजिटिव ब्लड की डिमांड

पटेल का कहना है कि शहर में सबसे अधिक ब्लड लेने वाले बी और ओ पाजिटिव के लोग आते हैंइनकी संख्या 60 से 70 परसेंट होती है और बाकी के 30 से 40 परसेंट बी नेगेटिव, बी नेगेटिव, एबी पॉजिटिव होते हैं

ब्लड बैैंक की क्षमता

वर्तमान में 600 से अधिक यूनिट ब्लड प्रिजर्व कर सकते हैं और 600 यूनिट प्लाज्मा, 600 यूनिट प्लेटलेटस प्रिजर्व कर सकते हैंसरकारी अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों को नि:शुल्क ब्लड दिया जाता है, लेकिन बाकी लोगों को सरकार के द्वारा जारी शुल्क 1050 देने होते हैं

कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल के ब्लड बैंक से मरीजों की सहूलियत के अनुसार ब्लड दिया जाता हैधीरे-धीरे और सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं

डॉमुकुंद श्रीवास्तव, ब्लड बैंक प्रभारी