वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस को किसी पहचान की जरूरत नहीं है। हर कोई यहां घूमने के लिए बेताब रहता है। यहां घूमने के लिए लोग काशी विश्वनाथ मंदिर, सारनाथ, काल भैरव मंदिर समेत और भी तमाम जगह पर घूमने के लिए जाते हैं। पर कई ऐसी जगह भी हैं, जिनके बारे में लोग बहुत कम जानते हैं। यहां कई ऐसे मंदिर हैं, जो कि कई मायने में प्रसिद्ध तो हैं ही। साथ ही उनकी अपनी मान्यता भी है। इसके अतिरिक्त भी यहां पर कई ऐसे म्यूजियम हैं, जिसे लोग बनारस आकर घूम सकते हैं। आगामी 27 सिंतबर को टूरिज्म डे है। इसके मद्देनजर दैनिक जागरण आइनेक्स्ट आज से एक न्यूज सीरीज की शुरुआत कर रहा है, जिसमें हम आपको बताएंगे कि टूरिज्म के मामले में बनारस में क्या-क्या खास है, जिसे आप एक्स्प्लोर कर सकते हैं। आज आपको बताते हैं कि वाराणसी में ऐसी कौन सी जगह हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं।
बनखंडी महादेव मंदिर के दर्शन करिए फोटो है
बनारस में बनखंडी महादेव का प्राचीन मंदिर है। इस 200 साल पुराने मंदिर की आकृति शिवलिंग की तरह है। मान्यता के मुताबिक, भगवान शिव के त्रिशूल पर बसे इस अद्भुत शहर में यूं तो कई शिव मंदिर हैं, लेकिन आज आपको जिस देवालय के बारे में बताने जा रहा है, वो दुनिया में सबसे अनोखा और अद्भुत है। शहर के रविन्द्रपुरी इलाके में बनखंडी महादेव का प्राचीन मंदिर है। खास बात ये है कि इस मंदिर की आकृति शिवलिंग की तरह है। शिवलिंग के आकार वाले इस मंदिर की ऊंचाई 60 फीट और इसका व्यास 30 फीट है। वाराणसी का यह मंदिर दूसरे मंदिरों की शैली से बिल्कुल अगल है। 1818 में स्वामी बनखंडी महाराज ने इसकी स्थापना की थी। उसके बाद 1993 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ और इसे शिवलिंग की आकृति में बनाया गया। बनखंडी महाराज के नाम पर ही इस मंदिर का नाम बनखंडी महादेव पड़ा। इस अनोखे शिवलिंग को आप जब आसमान से निहारेंगे तो इसकी सीढिय़ां अरघे के आकार की नजर आएगी।
कैसे पहुंचें
अगर आपको इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जाना है तो वाराणसी जंक्शन से आपको डायरेक्ट ऑटो रविन्द्रपुरी के लिए मिल जाएगी। वहीं, अगर आप वाराणसी जंक्शन से 200 किलोमीटर दूर बने बस स्टेशन पर उतरे हैं तो आपको बस स्टेशन के बाहर से भी ऑटो मिल जाएगा।
दीनदयाल हस्तकला संकुल
वाराणसी के बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल के बारे में भी लोग बहुत कम जानते हैं। इस जगह पर आपको वाराणसी की संस्कृति देखने को मिलेगी। यहां ऐसा बहुत कुछ देखने को है, जिसकी कल्पना तक न होगी और यह अहसास अनोखेपन का अहसास कराएगा। इस प्राचीनतम शहर की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत और कला को थ्रीडी तकनीक के सहारे जिस खूबसूरती से यहां प्रदर्शित किया गया है। उसे देखकर हर किसी की आंखें इसपर ठहर जाती हैं। कई बार तो यकीन नहीं होता कि दीवारों पर तस्वीर देख रहे हैं या गंगा किनारे खड़े होकर सचमुच के घाट। इसे ट्रेड फैसिलिटी सेंटर के नाम से भी जाना जाता है।
संकुल के शॉप्स, मार्ट व रेस्तरा हैं। बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर सहित तीन अतिरिक्त फ्लोर बनाए गए हैं। दो स्तरीय बेसमेंट में लगभग 400 वाहनों की पार्किंग की सुविधा है। बेसमेंट पर आफिस के अलावा 11 मार्ट, कनवेंशन सेंटर, फूड कोर्ट, 14 दुकानें, पूछताछ केंद्र, प्रवेश प्लाजा, आधुनिक गैलरी, दो हजार लोगों की क्षमता का एंफी थियेटर को बनाया गया। काशी के घाट, यहां की सर्पीली गलियां और बनारसी जीवन शैली सब कुछ इस तरीके से दीवारों पर प्रदर्शित किए गए हैं, जोकि बिल्कुल असली लगती है।
63 फीट ऊंची मूर्ति
चंदौली पड़ाव के गन्ना संस्थान परिसर में बने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक स्थल की सौगात प्रधानमंत्री ने 16 फरवरी 2020 को दी थी। यहां 63 फीट ऊंची पंडितजी की पंचधातु की विशेष प्रतिमा इंटरप्रिटेशन वाल एमफी थियेटर व वैदिक पार्क आकर्षण के प्रमुख केंद्र हैं। पंचधातु की प्रतिमा तैयार कर तीन शिफ्टों में इसे लाया गया। पहले सिर आया। इसके बाद धड़ और कुछ दिनों के बाद दोनों पैर लाए गए। 63 फीट की लंबाई वाली यह सबसे ऊंची प्रतिमा है। 70 डिग्री तापमान पर भी 30 वर्षों तक न तो इसकी चमक फीकी पड़ेगी और न ही जंग लगेगा। स्मृति उपवन में इंटरप्रिटेशन वाल पर दीनदयाल के जीवन जुड़ी अहम घटनाएं व विचारों को उकेरा गया है। वैदिक पार्क में धर्म व संस्कृति से जुड़ी तमाम चीजों का उल्लेख किया गया है। अगर आप बनारस आए तो इस खूबसूरत पार्क में जरूर जाए। क्योंकि यहां पर आपको बनारस की संस्कृति के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा।
ये भी घूमने की जगह
-काशी विश्वनाथ मंदिर
-भारत माता मंदिर
-आलमगीर मस्जिद
-मणिकर्णिका घाट
-दशाश्वमेध घाट
-दुर्गा मंदिर
-मानमंदिर घांट
-अस्सी घाट
-रामनगर किला
-भारत कला भवन संग्रहालय
-सारनाथ
-काल भैरव मंदिर
-वीटी मंदिर, बीएचयू
वाराणसी में कई ऐसी जगह भी हैं, जिसके बारे में लोग काफी कम जानते हैं। ऐसी जगह भी टूरिस्ट को घुमाई जाती हैं, जिससे वह बनारस के बारे में जान सकें।
अभिषेक, टूर एंड ट्रेवल
टूरिस्ट को उन जगह पर भी घुमाया जाता है। जिसके बारे में वह न जानते हों। वाराणसी में ऐसी तमाम जगह हैं, जिसमें काशी की संस्कृति देखने को मिलती है।
वर्षा मालवीय, टूर एंड ट्रेवल
वाराणसी में कई ऐसी भी जगह हैं, जिनके बारे में लोग कम जानते हैं। लोगो को उन जगह के बारे भी गाइड किया जाता है। इन जगहों में कई मंदिर और म्यूजियम शामिल हैं।
आरके रावत, डिप्टी डायरेक्टर टूरिज्म