वाराणसी (ब्यूरो)। महाकुंभ 2025 में भीड़ प्रबंधन को लेकर रेलवे प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। वाराणसी से प्रयागराज के लिए जो भी स्पेशल ट्रेनें चलेंगी, वह बनारस स्टेशन से ही संचालित होंगी। ट्रेन प्रयागराज नहीं, बल्कि रामबाग या झूंसी तक ही जाएंगी। इस रूट की महज पांच से दस फीसदी गाडिय़ां ही कैंट स्टेशन से प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेंगी। इसी तरह काशी से अयोध्या के लिए ट्रेनें कैंट रेलवे स्टेशन और वाराणसी सिटी से चलेंगी। कुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अस्थाई रूप से यात्री वेटिंग हाल बनाया जाएगा।
नई पटरी का काम 85 फीसदी पूरा
डीआरएम एसएम शर्मा शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। कैंट रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान निदेशक कक्ष में डीआरएम ने कहा कि दीपावली तक कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच की चौड़ाई बढ़ाने और नई पटरी बिछाने का काम लगभग 85 फीसदी पूरा हो गया है। सेकेंड एंट्री पर स्थित पुराने पीआरएस स्थल का पुर्नउपयोग करने पर विचार किया जा रहा है। एक सवाल पर बोले, गंगा पर बनने वाले देश में पहली तरह के सिग्नेचर ब्रिज के लिए सड़क परिवहन, जल परिवहन, सेतु निगम, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
दीपावली तक प्लेटफार्म नंबर पांच से चलेंगी ट्रेनें
इसके पूर्व डीआरएम एसएम शर्मा ने ट्रैक की संरक्षा एवं पॉइंट्स, यात्री सुविधाओं और प्लेटफॉर्म संख्या चार एवं पांच पर निर्माणाधीन कार्य को परखा। लक्ष्य के सापेक्ष 25 अक्टूबर तक हर हाल में इसे पूरा करने का निर्देश दिया, ताकि दीपावली तक ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो सके। इसके बाद उन्होंने सिक लाइन, वाशिंग लाइन वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा स्टेशन परिसर का मुआयना किया। उन्होंने विभिन्न कार्यस्थलों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों के साथ संवाद किया तथा सभी को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रेरित किया।
ट्रेनों में लगेंगे 103 जनरल कोच
यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए 22 गाडिय़ों में 103 जनरल कोच लगाए जाएंगे। खासकर प्रयागराज और अयोध्या धाम जाने वाली ज्यादातर ट्रेनों में कोच बढ़ेंगे। महाकुंभ में बनारस और प्रयागराज रामबाग स्टेशनों के बीच विशेष ट्रेनें चलाने की योजना है। ये गाडिय़ां उत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के समन्वय से चलेंगी। वाराणसी-अयोध्या कैंट-लखनऊ रूट पर स्थित जौनपुर जंक्शन और जफराबाद जं। के बीच प्रस्तावित दोहरीकरण के लिए गोमती नदी पर बनने वाले पुल की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बन रही है। इस दौरान एडीआरएम लालजी चौधरी व राजेश कुमार सिंह (एनईआर) और स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता मौजूद थे।
कॉलेज के छात्रों से लिया आइडिया
इस अवसर पर एक अन्य गतिविधि के तहत उन्होंने रेलवे की व्यापारिक तथा वाणिज्यिक सेवाओं में वृद्धि और विस्तार कार्य करने के लिए छात्रों से सुझाव मांगा। इस मौके पर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंस तथा महात्मा गांधी विद्यापीठ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट के प्रबंधन विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान करके उनका उत्साहवर्धन किया।