वाराणसी (ब्यूरो)। पुराने और नये वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ही होना चाहिएवाहन पर पुराने पैटर्न का नंबर प्लेट लगाना और कम्प्यूटराइज नंबर बनाना दोनों इलीगल हैबावजूद इसके शहर में डंके की चोट पर यह इलीगल काम चल रहा है, जो शहर की सिक्योरिटी के साथ खिलवाड़ हैदैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने पड़ताल की तो नदेसर, घौसाबाद, रविेंद्रपुरी, मलदहिया समेत शहर में कई जगहों पर इस तरह का इलीगल काम चल रहा हैइसके अलावा फर्जी यानी डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) भी बनाने का खेल चल रहा है। 500 से 600 रुपए में दो पहिया, चार पहिया या ई-रिक्शा हो, सभी का एचएसआरपी बन जाएगा

सीन-1

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम सबसे पहले नदेसर ऑटो पाट्र्स मार्केट पहुंचीजहां लगभग सभी दुकानों पर लिखा है कि मेरे यहां कम्प्यूटराइज नंबर प्लेट बनता हैइसी बीच टीम एक नंबर प्लेट बनाने वाली दुकान पर पहुंचीपूछने पर दुकानदार ने बताया कि 100 से 200 रुपये में कम्प्यूटराइज यानी स्टाइलिस और इटेलिस या मनमाफिक नंबर प्लेट आसानी से बन जाएगाजब दुकानदार से पूछा गया कि यह नंबर प्लेट वाहन पर लगवाना उचित है या नहींजवाब मिला कि यह आपका रिक्स हैमुझे इसकी जानकारी नहीं है

सीन-2

इसके बाद टीम घौसाबाद भी पहुंची, जहां अधिकतर दुकानों में ऑटो पाट्र्स मिल रहे थेमात्र पांच दुकानें ही दिखीं, जहां कम्प्यूटराइज नंबर प्लेट बनने का बोर्ड दिखाटीम ने बाइक का नंबर प्लेट बनाने के बारे में जानकारी की तो पता चला कि यहां तो सभी प्रकार के वाहनों के नंबर प्लेट बनते हैंयहां तो मात्र 100 रुपये में ही कम्प्यूटराइज नंबर प्लेट बन जाता हैटीम ने पूछा कि एचएसआरपी भी बन जाएगादुकानदार ने बोला कि 300 रुपये में बन जाएगा, लेकिन डुप्लीकेट होगादेखने में उसी तरह लगेगा

पुराने नंबर प्लेट पर दौड़ रहे पांच लाख वाहन

आरटीओ में 13 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं, जिसमें दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया समेत बड़ी संख्या में भारी वाहन ट्रक, बस, डंफर, ट्राला भी शामिल हैंसभी वाहनों पर एचएसआरपी अनिवार्य है, लेकिन अभी तक बनारस में सिर्फ साढ़े छह लाख वाहनों में ही यह नंबर प्लेट लग पाई हैमोटर व्हीकल एक्ट में एचएसआरपी न लगवाने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है

हूबहू ओरिजनल की तरह

नई गाडिय़ों पर एचएसआरपी कंपनी से ही लगकर आ रही हैंपुरानी गाडिय़ों पर भी इसे लगवाना अनिवार्य हैऐसा नहीं करने पर चालान होगाइसी चालान के डर का फायदा नंबर प्लेट लगाने के काम से जुड़े लोग उठा रहे हैंहाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही हूबहू दिखने वाले डुप्लीकेट नंबर प्लेट धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं

विभाग की अनदेखी से फल फूल रहा इलीगल धंधा

नदेसर समेत शहर में कई जगहों पर नंबर प्लेट लगाने वाली दुकानों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के नाम पर खेल चल रहा हैआरटीओ की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण शहर में कई जगह यह गोरखधंधा फल-फूल रहा हैजब दुकानदारों से पूछा गया कि इस फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवाने के बाद पकड़े नहीं जाएंगे तो उनका जवाब था कि इसे पहचान पाना मुश्किल होगाइन दुकानदारों का कहना है कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही उसे बनाया जा रहा हैबड़ी संख्या में इन दुकानों पर पहुंचकर लोग नंबर प्लेट बनवा रहे हैं, जबकि इसे बदलने के लिए एजेंसी निर्धारित हैऑनलाइन आवेदन कर टाइम स्लाट लेकर उसे आसानी से बदलवाया जा सकता है

लगवा रहे गलत प्लेट

पिछले दिनों आरटीओ की तरफ से 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के करीब 80 हजार से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया हैऐसे वाहनों का ऑनलाइन तरीके से आवेदन नहीं किया जा सकता हैयदि कोई कोशिश करेगा तो पकड़ा जाएगाइसलिए ऐसे वाहन चालक इन गाडिय़ों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह दिखने वाले नंबर को लगवाकर उसे शहर में चला रहे हैं

सिर्फ हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट मान्य है, जो वाहन एजेंसी की ओर से बनवाया जाता हैकम्प्यूटराइज नंबर पूरी तरह से अवैध हैऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगीएचएसआरपी नहीं लगे वाहनों पर रोजाना कार्रवाई भी हो रही है

-श्यामलाल, एआरटीओ, प्रवर्तन

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फैक्ट एंड फीगर

2269

वाहनों का चालान अप्रैल से 23 अक्टूबर तक

14.80

लाख वाहन पंजीकृत हैं वाराणसी जिले में

8.30

लाख वाहनों पर एचएसआरपी नहीं

6.5

वाहनों पर लगी है एचएसआरपी