वाराणसी (ब्यूरो)। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्माण भवन में अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के भविष्य को लेकर गहन मंथन हुआ। तय हुआ है कि शीघ्र ही मंत्रालय की तरफ से आइएमएस के आय-व्यय का लेखा-जोखा रखा जाएगा। बजट किस मद पर खर्च होगा, यह मंत्रालय ही तय करेगा। अभी बीएचयू बजट का निर्धारण करता है। मरीजों को एम्स जैसी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नया एमओयू होगा, इसके लिए सेवा-शर्तें तैयार की जा रही हैं।
कई दवाएं और जांचें निश्शुल्क हो सकती हैं। बैठक में पुराने एमओयू पर भी चर्चा की गई है। अगली तारीख पर अंतिम निर्णय हो सकता है। वार्षिक बजट में वृद्धि हो सकती है। बैठक में बीएचयू के कुलसचिव प्रो। अरुण कुमार ङ्क्षसह और आइएमएस निदेशक प्रो। एसएन संखवार कई जरूरी अभिलेख लेकर पहुंचे थे। वर्ष 2018 में हुए एमओयू के बाद बीएचयू अस्पताल में सुविधाओं का कितना विकास हुआ, इस पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों को संकेत मिले हैं कि मंत्रालय मरीजों की जांच और इलाज में इजाफा किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय) के बीच हुए पुराने एमओयू में वह सभी सुविधाएं मिलने की घोषणाएं की गईं थीं, जो एम्स में मरीजों, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ आदि को मिलती हैं। आइएमएस में नए विभागों के शुरू करने के साथ ही सुविधाओं की बेहतरी के लिए कायाकल्प के तहत काम भी करवाए जा रहे हैं। निदेशक प्रो। एसएन संखवार ने बताया कि अगली बैठक की तारीख नहीं मिल पाई है, लेकिन उस बैठक में काफी कुछ तस्वीर साफ हो सकती है।
बीएचयू में रेजिडेंट्स ने निकाला कैंडल मार्च
वाराणसी : कोलकाता में महिला रेजिडेंट डाक्टर के साथ रेप व मर्डर के मामले में रेजिडेंटों ने कैंडल मार्च निकाला। कोर्ट में सुनवाई से पहले रेजिडेंटों ने बुधवार की शाम न्याय की गुहार लगाई। कहा कि आज हम कैंडल मार्च निकालकर अपनी बहन के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। मामले में दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। बीएचयू में भी सुरक्षा को लेकर कई मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई भी ठोस कदम विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं उठाया गया है। गुरुवार को आइएमएस निदेशक से मिलेंगे।