वाराणसी (ब्यूरो)। घर की रसोई हो, आसमान की सैर हो, आपके सपनों का घर हो या फिर कैंसर का इलाज बनारिसयों का रतन टाटा पर पूरा भरोसा था। सिर्फ ये चार ही नहीं, बल्कि रतन टाटा के समूह की 100 से ज्यादा कंपनियां हैं, जिनका हर सेक्टर में कारोबार फैला है। फिर बात चाहे नमक, चाय-कॉफी की हो या फिर घड़ी-ज्वेलरी या कार की। रतन टाटा ने क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया। रतन टाटा को उम्मीद की नई किरण भी कहा जाता था। वे अपनी दरियादिली के लिए पूरी दुनिया में मशहूर थे। उनकी दरियादिली की अमिट छाप बनारस में कैंसर हॉस्पिटल के रूप में साफ झलकती है। जहां कम पैसे में कैंसर मरीजों को बेहतरीन इलाज मिल रहा है। गरीबों का फ्री में इलाज होता है। ऐसी शख्यित के जाने से बनारस के लोग भी आहत हैं। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान श्रद्धांजलि दी गई। होमी भामा कैंसर हॉस्पिटल समेत पूरे शहर में जगह-जगह पर दो मिनट का मौन रखा गया। सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करने वालों का सिलसिला देर रात तक जारी रहा।
रतन टाटा की वाराणसी से भी यादें जुड़ी हुईं हैं। वे पांच साल पहले काशी आए थे। 19 फरवरी 2019 को न केवल काशी, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के कैंसर मरीजों की जान बचाने को लेकर बहुत बड़ी सौगात दी थी। दरअसल, 19 फरवरी 2019 को रतन टाटा द्वारा कैंसर मरीजों की जान बचाने के लिए वाराणसी समेत पूर्वांचल और आसपास के राज्यों को एक बड़ी सौगात दी गई थी। कैंसर के मरीजों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए रतन टाटा द्वारा वाराणसी में दो कैंसर हॉस्पिटल बनवाए गए।
पीएम मोदी भी लोकार्पण में हुए थे शामिल
टाटा ट्रस्ट द्वारा मुंबई स्थित होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने यहां चिकित्सा के जिम्मेदारी संभाली। इस संस्थान का लोकार्पण 19 फरवरी 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में उद्योगपति रतन टाटा, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई लोग भी शामिल हुए थे। इस अस्पताल में वाराणसी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल समेत आसपास के चार-पांच राज्यों से भी मरीज उपचार करवाने के लिए आते हैं।
काशी विश्वनाथ के किए दर्शन
रतन टाटा द्वारा खुलवाए गए दोनों संस्थान कैंसर मरीजों के इलाज और कैंसर नियंत्रण पर काम कर रहे हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी किए थे दर्शन पांच साल पहले वाराणसी दौरे के दौरान उद्योगपति रतन टाटा ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ई-रिक्शा पर बैठकर बीएचयू स्थित मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान का निरीक्षण भी किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। उसके बाद उद्योगपति रतन टाटा कभी वाराणसी नहीं आए। बुधवार की देर रात उनके निधन की खबर मिलने के बाद लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ के साथ ही पूरी काशी नगरी के लोग काफी दुखी हैं।
रतन टाटा का पूरा जीवन व्यापार जगत के लिए प्रेरणादायी है। कारोबार के साथ समाजसेवा करने की ललक हर उद्योगपतियों में होनी चाहिए। जाते-जाते रतन टाटा ने देश के उद्योगपतियों को समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का संदेश दे दिया है।
- संजय शर्मा, कारोबारी
भारत रत्न से कम नहीं थे रतन टाटा। बनारस में कैंसर हॉस्टिपल के रूप में उनकी यादें हमेशा-हमेशा के लिए काशी से जुड़ रहेंगी। काशी को कैंसर हॉस्पिटल की सौगात देकर उन्होंने देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों के सामने एक नई मिसाल पेश की हैं, जिसका हर चिकित्सक और आम पब्लिक ऋणी है।
-डॉ। एसएस पांडेय, चिकित्साधिकारी
रतन टाटा के निधन की खबर सुनकर हम सब स्तब्ध हैं। वो न केवल एक कुशल उद्योगपति थे, बल्कि मानवता की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहने वाले जनहितैषी व्यक्ति भी थे। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र के निर्माण में टाटा ट्रस्ट द्वारा सीएसआर के तहत की गई मदद के लिए अस्पताल प्रशासन सदैव उनका आभारी रहेगा।
डॉ। सत्यजीत प्रधान, निदेशक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र
रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एम.पी.एम.एम.सी.सी। एवं एच.बी.सी.एच.) की ओर से उद्योगपति व समाजसेवी रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान दोनों ही अस्पतालों में कर्मचारियों द्वारा दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
गंगा आरती के दौरान श्रद्धांजलि .
दशाश्वमेध गंगा सेवा निधि द्वारा विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती में देश के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि रतन टाटा को देश-विदेश से आए सैलानियों और मां गंगा के अन्यन भक्तों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। रतन टाटा जी को एक बार गंगा सेवा निधि द्वारा देव दीपावली के पावन मौके पर साल 2019 में चीफ गेस्ट का निमंत्रण भेजा गया था पर स्वस्थ कारणों की वजह से वो आ नहीं सके। उन्हें याद कर गंगा सेवा निधि ने देश के उस महान व्यक्ति को याद किया है, जो देश के लिए निस्वार्थ भाव से लगे हुए थे। इस दौरान गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव, श्रद्धालु पर्यटक मौजूद थे।