वाराणसी (ब्यूरो)। युवाओं के गुणों और देश के लिए किए उनके योगदान को सम्मान देने के लिए हर साल 12 अगस्त को इंटरनेशनल यूथ डे मनाया जाता हैये युवा अलग-अलग सेक्टर में अपना योगदान देकर देश की तरक्की में साथ दे रहे हैंऐसे ही कई युवा बनारस के हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही अपने शहर और देश का नाम रोशन कर दिया हैआज के खास दिन में हम आपको बताएंगे ओलंपियन ललित उपाध्याय, राजा पाठक, गौरव-सौरभ मिश्रा के बारे में, जिन्होंने सिर्फ नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल स्तर पर भी भारत को सम्मान दिलाया है

ललित उपाध्याय: हॉकी में रोशन किया नाम

ललित उपाध्याय आज पूरे देश और खासतौर पर बनारस के लिए हॉकी खिलाड़ी का चेहरा बन चुके हैंकभी बचपन के वो दिन थे कि ललित के पास हॉकी खरीदने के पैसे नहीं होते थेललित ने बताया कि पिता सतीश उपाध्याय प्राइवेट नौकरी करते हैं और परिवार की स्थिति ठीक न होने से पिता अक्सर निराश रहते थेललित दो भाई हैंबड़े भाई अमित उपाध्याय भी हॉकी खेलते थे और बड़े भाई को देखकर हॉकी को जीवन का लक्ष्य बनाया

उपलब्धि: इंटरनेशनल हॉकी प्लेयर ललित उपाध्याय को 2021 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया। 2017-18 में लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया हैपेरिस ओलंपिक में भारत ने स्पेन को हराते हुए कांस्य पदक अपने नाम कर लियाइस जीत में वाराणसी से ललित उपाध्याय ने भी बेहद अहम योगदान दियाललित इंडियन ऑयल में ग्रेड ए आफिसर हैं

गौरव-सौरभ मिश्रा ने कथक को बनाया जीवन

बनारस के दो ऐसे जुड़वा भाई जिन्होंने कथक को अपनी जीवन बनाया और अपने टेलेंट को इंटरनेशनल लेवल पर प्रस्तुत भी किया हैये दो भाई कलर्स चैनल ऑफ इंडिया पर झलक दिखला जा सीजन छह में शामिल हुएजहां माधुरी दीक्षित ने उनके कथक की तारीफ कीइसके अलावा सौरव और गौरव भारतीय टेलीविजन के कई रियलिटी शो जैसे इंडियाज बेस्ट जुड़वा (ज़ी टीवी), (लिविंग फूड चैनल) 'गंगा - द सोल ऑफ इंडियाÓ आदि का भी हिस्सा थे

इंटरनेशनल अपीयरेंस : भारत के साथ-साथ गौरव सौरव मिश्रा ने संगीत कार्यक्रमों के लिए स्विट्जरलैंड, फ्र ांस, इटली का भी दौरा कियाजहां उन्होंने कई कलाकारों के साथ सहयोग किया और अपने भारतीय कथक नृत्य रूपों को दुनिया के अन्य हिस्सों के नृत्य की अन्य शैलियों के साथ जोड़ा

डॉराजा संस्कृत के 'किंगÓ

डॉराजा पाठक, वर्तमान में इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर एजुकेशन, बीएचयू वाराणसी में मानविकी के सहायक प्रोफेसर हैंडॉपाठक ने आईआईटी, बीएचयू के सहयोग से एसवीडीवी, बीएचयू से ग्रहों की गणना के लिए प्रोग्रामिंग और सॉफ्टवेयर विकास पर अपनी पीएचडी पूरी की हैवह जेआरएफ अचीवर्स (नेट और जेआरएफ उम्मीदवारों के लिए एक नि:शुल्क कक्षा) के संस्थापक भी हैंइस कक्षा से 800 से अधिक विद्यार्थी नेट और जेआरएफ के लिए चयनित हुए

उपलब्धि: 2019 में डॉपाठक को जर्मनी से प्रतिष्ठित डीएएडी फेलोशिप से सम्मानित किया गयाइसके साथ ही वह जर्मनी, स्विट्जरलैंड, फ्र ांस और दक्षिण कोरिया के एजूकेशन इस्टीट्यूड में संस्कृत पर लेक्चर भी दे चुके हैंडॉपाठक को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिष्ठित संस्कृत श्री सम्मान, अवंतिका फाउंडेशन द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी सम्मान, सर्वभौमिक प्राच्य विद्या संस्थान द्वारा आचार्य नेमी चंद सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है

इन्होंने भी किया बनारस का नाम रोशन

-सिंह सिस्टर्स : दिव्या, प्रशांति, प्रतिमा, आकांक्षा, प्रियंका सिंह ने बास्केटबाल में इंडियन टीम में खेला

-पूनम यादव : कुश्ती में राज्य स्तर पर पांच गोल्ड मेडल जीत अपनी पहचान बनाई

-विशेष भृगुवंशी : बास्केटबाल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी व अर्जुन पुरस्कार विजेता

-प्रवीन सिंह : हॉकी में धनराज पिल्लै, आरपी सिंह के साथ ओलंपिक खेल चुके हैैं