वाराणसी (ब्यूरो)। पूरे एक सप्ताह तक लगातार गिरावट के बाद गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढऩे लगा हैमंगलवार सुबह जलस्तर में डेढ़ सेंटीमीटर प्रति घंटा की वृद्धि रिकार्ड की गईसुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 68.24 मीटर पर रहा, जो 12 घंटे बाद रात आठ बजे तक 14 सेमी और बढ़कर 68.38 मीटर हो गयाजलस्तर अभी चेतावनी ङ्क्षबदु से 01.88 मीटर नीचे हैएक बार फिर जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए प्रशासन, एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीम अलर्ट हैलगभग सभी घाटों का संपर्क टूट गया हैबाढ़ के चलते मणिकर्णिका घाट की छत पर शवदाह की प्रक्रिया चल रही हैउधर, वरुणा नदी किनारे डूब क्षेत्र में लोग एक बार फिर सामान समेटने लगे हैंकई इलाकों में बाढ़ का पानी घाट के ऊपर तक पहुंच गया है

एक सप्ताह पहले रही अफरातफरी

पिछले गुरुवार यानी आठ अगस्त की शाम तक गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई थी और यह चेतावनी ङ्क्षबदु से महज 0.932 मीटर नीचे रह गया थाइससे सभी घाट डूब गए थे, शवदाह व गंगा आरती घाटों की सीढिय़ों पर होना आरंभ करना पड़ातटवर्ती इलाकों में पानी भर गया था, वरुणा में पलट प्रवाह से सारनाथ के कई क्षेत्रों तथा चिरईगांव क्षेत्र में गंगा के तटीय इलाकों में घरों और खेतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया थाइससे गंगा व वरुणा के आसपास रहने वालों के लिए दुश्वारियां काफी बढ़ गई थींदर्जनों परिवरों को बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी थीवाराणसी में गंगा में चेतावनी ङ्क्षबदु 70.262 मीटर और खतरे का ङ्क्षबदु 71.262 मीटर है

-----------------

जलस्तर में लगातार वृद्धि

-मंगलवार को सुबह 8 बजे गंगा नदी का जलस्तर 68.24 मीटर था

-डेढ़ सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से रात आठ बजे तक जलस्तर 68.38 मीटर पहुंच गया

-गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर एवं खतरे का बिंदु 71.26 मीटर है

-वर्तमान में गंगा चेतवानी बिंदु से 01.88 मीटर नीचे है

-------------

प्रशासन की ओर से बाढ़ से बचाव के लिए अपील

बाढ़ से पूर्व

-ऊंचे स्थानों को पहले से चिन्हित करें, जर्जर भवन में न रहें

-जरूरी कागजात राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड इत्यादि का वॉटरप्रूफ बैग में संभाल कर रखें

-आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री जैसे-बिस्किट, लाई, भुना चना, गुड़, चूड़ा, नमक, चीनी, सत्तू इत्यादि एकत्र करें

-बीमारी से बचाव के लिए क्लोरिन, ओआरएस व आवश्यक दवा प्राथमिक उपचार किट में रखें

-सूखे अनाज एवं मवेसियों के चारे को किसी ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखें

-जैरीकैन, छाता, तिरपाल, रस्सी, हवा से भरा ट्यूब, प्राथमिक उपचार किट, मोबाइल व चार्जर, बैटरी चालित रेडियो, टार्च, इमरजेंसी लाइट, माचिस इत्यादि पहले से तैयार रखें

-पशुओं में होने वाली बीमारियों के रोकथाम के लिए पशुओं को समय से टीकाकरण करायें

-----------

बाढ़ के दौरान

-बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं बच्चों, वृद्धों, दिव्यांगजनों एवं बीमार व्यक्तियों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुचायें

-घर छोडऩे से पूर्व बिजली का मुख्य स्विच व गैर रेगुलेटर को अनिवार्य रूप से बन्द करें एवं शौचालय सीट को बालू से भरी बोरी से ढकें

-बाढ़ में डूबे हैंडपंप के पानी का सेवन न करें

-उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी का उपयोग करें

-बाढ़ के पानी के संपर्क में आयी खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें

-गर्भवती महिलाओं को आशा एवं एएनएम की मदद से सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था करें

-बिजली के तार, पोल एवं ट्रांसफार्मर से दूर रहें

-डंडे से पानी की गहराई की जांच करें, गहराई पता न होने पर उसे पार करने का प्रयास न करें

-विषैले जानवरों जैसे-सांप, बिच्छू आदि से सतर्क रहें

-सांप काटने पर पीडि़त व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं

------------

बाढ़ के बाद

-बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों एवं संरचनाओं में प्रवेश न करें

-क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें

-क्षतिग्रस्त पुल या पुलिया को वाहन द्वारा पार करने का प्रयास न करें

-स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित घोषित करने पर ही बाढ़ में डूबे हैंडपम्प के पानी का उपयोग करें

-महामारी की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं घरों के आसपास ब्लीचिंग पॉउडर का छिड़काव करें

-संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए मरे हुए पशुओं एवं मलबों को एक जगह एकत्र कर जमीन में दबाए

-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें

हेल्पलाइन नंबर जारी

बाढ़ संबंधी किसी भी प्रकार समस्या, सहायता या जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्नवत दूरभाष संख्या पर संपर्क किया जा सकता है

0542-2508550

0542-2504170

91400371374