केस-1
वाराणसी (ब्यूरो)। दशाश्वमेध एरिया में रुद्राक्ष विला, हो या होटल अगस्तो। किसी ने भी टूरिज्म डिपार्टमेंट से लाइसेंस नहीं ले रखा है। न ही फायर विभाग से एनओसी। होटल संचालक पिछले कई सालों से कमरों की बुकिंग से लेकर बर्थ डे पार्टी, रिंग सेरेमनी वगैरह आर्गनाइज करते रहे और अच्छा-खासा मुनाफा भी कमाया, लेकिन लाइसेंस लेना मुनासिब नहीं समझा।
केस-2
दशाश्वमेध स्थित एमके ग्रांड के कमरे टूरिस्टों से भरे रहते हैं। एक दिन की इनकम लाखों रुपए है। इसके बाद होटल संचालक ने न तो फायर डिपार्टमेंट से और न ही टूरिज्म डिपार्टमेंट से एनओसी ली थी। जांच के दौरान होटल में भी काफी खामियां मिलीं। इस पर प्रशासन ने इसका संचालन भी बंद करवा दिया।
केस-3
होटल मंगल मारूति, गोदौलिया चौराहा लक्ष्मणपुरा, होटल द बनारस जंगमबाड़ी रोड भी बिना रजिस्ट्रेशन और फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट से एनओसी लिए बिना संचालित पाए गए। जांच के बाद इन होटलों को तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया।
यह तीन केस फर्जीवाड़े की बानगी भर हैं। गोदौलिया, दशाश्वमेध, जंगमबाड़ी में पिछले तीन सालों में हर घर में होटल, लॉज और पीजी खुले, पर अधिकांश ने टूरिज्म डिपार्टमेंट और फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट से एनओसी नहीं ली। गोदौलिया से सोनारपुरा मार्ग ले लीजिए या फिर दशाश्वमेध से घाट का किनारा। सभी जगह यही हाल है। प्रशासन की टीम ने अवैध पीजी और अतिथि गृह के इस फर्जीवाड़े को एक्सपोज किया है।
फॉरेनर्स, डोमेस्टिक टूरिस्ट की भीड़
घाट किनारे से लेकर लंका, बीएचयू तक जितने भी अवैध लॉज और पीजी हैं। सभी में फॉरेनर्स और डोमेस्टिक टूरिस्ट आते हैं। साउथ के टूरिस्टों की भीड़ सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। शाम होते ही हर घर में संचालित लॉज और पीजी की रूफ पर बाकायदा पार्टी भी चलती है। इसकी जानकारी संंबंधित विभाग के अधिकारियों को रहती है, लेकिन अंकुश लगाने कोई नहीं जाता।
जागा विभाग, हुई कार्रवाई
शहर में बढ़ते होटल, लॉज और पीजी की संख्या को देखते हुए एडीएम प्रोटोकॉल के नेतृत्व में नगर निगम, वीडीए और पर्यटन विभाग की टीम ने दशाश्वमेध और गोदौलिया क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे होटल, लॉज और पीजी में जांच की तो उनके होश ही उड़ गए। जिस भी होटल में गए वहां पर न तो लाइसेंस मिला न नहीं फायर विभाग की एनओसी। यही नहीं टूरिज्म डिपार्टमेंट में कई तो आवेदन भी नहीं किए थे। बिना लाइसेंस के ही होटल संचालित करते हुए पाए गए।
80 को नोटिस
एडीएम प्रोटोकॉल प्रकाश चन्द्र का कहना है कि अब तक 80 लोगों को नोटिस जारी की गई है। 13 होटल संचालकों के खिलाफ सील की कार्रवाई की गई। जिन होटलों के खिलाफ एक्शन लिया गया है। वह रूम की बुकिंग नहीं कर पाएंगे। अगर करते हुए पाए तो एक्शन लिया जाएगा। इन पर नजर रखने के लिए लोकल थानाध्यक्ष को निर्देशित किया गया है।
इन पर हुई कार्रवाई
- रुद्राक्ष विला
- अगस्तो
- गार्डेन इन
- नमस्ते बनारस
- मंगल मारूति
- द बनारस
- एमके ग्राण्ड
जांच में नहीं मिले दस्तावेज
- सराय एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं मिला।
- फायर विभाग से एनओसी नहीं ली।
- टूरिज्म विभाग में पंजीकृत नहीं थे।
- नगर निगम से भी लाइसेंस नहीं लिए थे।
- वाराणसी में होटल पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज
होटल रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज
- साइट योजना की प्रति
- व्यवसाय परमिट
- स्वीकृत निर्माण योजना की प्रति
- बार लाइसेंस (यदि आवश्यक हो)
- अधिभोग प्रमाणपत्र की प्रति (नगरपालिका या संबंधित पंचायत द्वारा जारी)
- भोजन गृह लाइसेंस
- स्वास्थ्य एनओसी (स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी)
- संगीत लाइसेंस (यदि आवश्यक हो)
- पुलिस क्लीयरेंस प्रमाण पत्र
- साइनेज लाइसेंस (यदि आवश्यक हो)
- बिजली विभाग से एनओसी
- लिफ्ट क्लीयरेंस लाइसेंस
- पुलिस लाइसेंस
- जीएसटी पंजीकरण
- अग्निशमन विभाग से एनओसी
- ईएसटी पंजीकरण
- एफएसएसएआई लाइसेंस
- पीएफ पंजीकरण
- पर्यावरण मंजूरी प्रमाणपत्र
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होमस्टे रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज
- आवेदक का पासपोर्ट फोटो
- आवेदक का पहचान प्रमाण
- स्वामित्व का प्रमाण
- आवेदक का निवास प्रमाण
- निर्माण वर्ष सत्यापन प्रमाणपत्र
- रसोईघर, मुख्य द्वार, शौचालय, कमरे, भोजन कक्ष, पार्किंस आदि की तस्वीरें।
- अग्निशमन विभाग से एनओसी
- पुलिस सत्यापन
- आवेदक द्वारा स्वघोषणा
- आवेदक के कब्जे में मौजूद सभी मंजिलों का लेआउट प्लान
पीजी रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज
- अनापत्ति प्रमाण पत्र
- भवन पूर्णता प्रमाण पत्र
- ट्रेड लाइसेंस
- पुलिस सत्यापन
- अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र
- जीएसटी पंजीकरण
- संपत्ति बीमा:
- स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रमाणपत्र
फैक्ट एंड फीगर
400 रजिस्टर्ड होटल
992 रजिस्टर्ड धर्मशाला, मठ-मंदिर, पीजी, गेस्ट हाउस
13 अवैध अवैध होटल सील किए गए
13 होटलों को सील किया गया है। इनके पास फायर विभाग से एनओसी नहीं थी। यही नहीं लाइसेंस भी नहीं ले रखे थे। आगे भी अभियान जारी रहेगा।
प्रकाश चन्द्र, एडीएम प्रोटोकॉल
होटल, लॉज और पीजी के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। मानक के विपरीत अगर कोई होटल का संचालन करता है तो सील कर दिया जाएगा।
आरके रावत, उपनिदेशक, टूरिज्म डिपार्टमेंट