वाराणसी (ब्यूरो)। बीएचयू के शताब्दी प्रेक्षा गृह में शनिवार को देशी गाय के संरक्षण को होने वाली संगोष्ठी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द किसानों को नई दिशा देंगे। Óभारतीय गाय, जैविक कृषि एवं पंचगव्य चिकित्साÓ विषयक दो दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी का शुभारंभ करेंगे। बीएचयू में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में आयोजन सचिव प्रो। ओपी ङ्क्षसह ने बताया कि संगोष्ठी में कई प्रदेशों के 300 विज्ञानी शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
देशी गाय, गोपालन एवं पंचगव्य चिकित्सा द्वारा कैंसर, मधुमेह, अवसाद, रक्तचाप व एलर्जी के उपचार के साथ जैविक खेती के विषय में मंथन किया जाएगा। देशी गायों के संरक्षण पर जोर रहेगा। वर्ष 2000 से 2020 तक देश में कुल दूध उत्पादन में उत्तर प्रदेश का स्थान पहला रहा है, जबकि इन 20 सालों में दूसरे स्थान पर राजस्थान काबिज रहा। भारतीय नस्ल की गायों जैसे, गंगातीरी, साहीवाल, गिर व लाल ङ्क्षसधी के दूध में ए-2 कैसिइन प्रोटीन पाया जाता है, इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
आटिज्म और न्यूरो विकारों को दूर करता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है। पोटेशियम से ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करने में मदद मिलती है। राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन आयुर्वेद संकाय के काय चिकित्सा और गो-विज्ञान अनुसंधान केंद्र देवलापुर के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है। उन्होंने बताया कि 15 सत्रों में शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। नेपाल के भी विशेषज्ञ शामिल होंगे।