वाराणसी (ब्यूरो)। काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ के भव्य और दिव्य धाम, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, नमोघाट, रिंग रोड और गंजारी स्टेडियम जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और रोपवे जैसी आधुनिक सुविधाओं से है। शहर की चौड़ी सड़कें और खूबसूरत गंगा घाट पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं। ये विकास कार्यों की श्रृंखला अब काशी मॉडल के रूप में उभरकर सामने आई है। काशी मॉडल को देखने के लिए विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक के विशेषज्ञों की टीम दो दिवसीय दौरे पर बनारस पहुंची।

शहर के लिए प्रेरणा बनेगाा

टीम मौके पर जाकर विकास कार्यों को देखी और काफी प्रभावित भी हुई। कहा कि काशी का विकास मॉडल अन्य देश और शहर के लिए प्रेरणा बनेगाा। धाम और घाटों का अवलोकन किया काशी में चल रही विभिन्न परियोजनाओं के स्थलीय अवलोकन को आए विश्व बैंक और एडीबी के विशेषज्ञों ने विश्वनाथ धाम, गंगा घाटों, दशाश्वमेध प्लाजा, रोपवे स्टेशनों समेत कुछ अन्य प्रोजेक्ट स्थलों का निरीक्षण किया। टीम गोदौलिया से दशाश्वमेध तक भीड़भाड़ के बीच पैदल ही गए।

आधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास

बनारस के विस्तार से पर्यटन पर कितना प्रभाव पड़ा और आने वाले दिनों में क्या फायदा होगा इसके बारे में वीडीए के अधिकारियों से चर्चा की। बताया गया कि काशी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर आधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से प्रयास किया जा रहा है। इन संस्थाओं से मिलेगी वित्तीय मदद टीम में शामिल सीमा रघुपति, ज्योति विजयन नायर, टाउन एंड कंट्री प्लान मो। मोनिस खान ने प्रोजेक्टों से सीधे लाभान्वित हो रहे लोगों से बातचीत की। दो दिन में टीम जिन जगहों पर पहुंची, उनके सामाजिक आर्थिक प्रभावों का अध्ययन कर केंद्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। टीम के दौरे के बाद माना जा रहा है कि काशी में भविष्य में जो विकास योजनाएं बनेंगी, उसमें इन वैश्विक संस्थाओं से वित्तीय मदद भी मिलेगी।

20 देशों के राजदूत काशी पहुंचे थे

अक्टूबर में आये थे जापानी पिछले माह अक्टूबर में 80 सदस्यीय जापानी प्रतिनिधिमंडल भी वाराणसी पहुंचा था। टीम ने सारनाथ के प्रमुख बौद्ध मंदिरों और पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण किया था। बुद्धा थीम पार्क में आधे घंटे तक पर्यटन विकास से संबंधित प्रजेंटेशन देखा। यहां धमेख स्तूप, प्राचीन मूल गंध कुटी विहार की ऐतिहासिकता से रूबरू हुए। भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन किया। अप्रैल में 20 देशों के राजदूत पहुंचे थे काशी बदलते काशी को देखने के लिए अक्टूबर से पहले अप्रैल महीने में 20 देशों के राजदूत काशी पहुंचे थे। उन्होंने शहर घूमने के साथ गंगा आरती का भी लुत्फ उठाया था।

सभी राजदूत मंत्रमुग्ध हो गए

गंगा की आरती देख सभी राजदूत मंत्रमुग्ध हो गए थे। वे कभी तस्वीर खींचते तो कभी सेल्फी लेते नजर आए थे। विश्वनाथ धाम, नमो घाट, सारनाथ समेत विभिन्न जगहों पर अवलोकन किया था। जमाइका के राजदूत एचई जेसन केएम हॉल व यूगांडा के हाई कमिश्नर ने लिखा कि भारत की संस्कृति और विश्व के प्रथम शहर में आना, ये हम सब लोगों के लिए एक बहुत अच्छा अनुभव रहा।