वाराणसी (ब्यूरो)। बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में शिवभक्त चौथे सोमवारी के लिए हाजिरी आज लगाएंगे। बाबा के जलाभिषेक को आतुर श्रद्धालुओं का हुजूम रविवार से ही जुटा और हर-हर महादेव का उद्घोष गंूजता रहा। सोमवार पर बाबा के रुद्राक्षमय श्रृंगार झांकी के दर्शन को रविवार की सुबह से ही मुख्य मार्गों सहित गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक का क्षेत्र शिव भक्तों से सराबोर रहा। हालांकि इसमें कांवरियों की संख्या कम और आम श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा दिखी। तीन द्वार बंद होने से संडे को श्रद्धालुओं की कतार बांसफाटक से मैदागिन की ओर तो दूसरी कतार गोदौलिया की ओर पहुंच थी।
चौथा सोमवार आज
आज सावन का चौथा सोमवार है, इसे लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पिछले सोमवार को 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रीकाशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग का दर्शन किया था। चौथे सोमवार पर भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसके साथ ही मंदिर ट्रस्ट की ओर से काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के रुद्राक्ष श्रृंगार की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। महादेव के भक्त बाबा के इस अलौकिक स्वरूप का दर्शन पाएंगे।
तीन द्वार से प्रवेश बंद
सावन माह में काशी आने वाले शिवभक्तों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.वहीं गंगा के जलस्तर के बढऩे से विश्वनाथ धाम पहुंचने के चार में से तीन द्वारों से प्रवेश संभव नहीं है। इसके बाद चौथे प्रवेश द्वार पर सोमवार को ज्यादा भीड़ होने की संभावना है। इसे लेकर मंदिर प्रशासन के साथ ही जिला और पुलिस प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप से परख लिया है।
लाइन में लगना पड़ेगा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि चौथे सोमवार को श्रद्धालुओं के लिए पूर्ववत की तरह की व्यवस्था रहेगी। तीन द्वार बंद होने से श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रहेगी। जो भी श्रद्धालु आए वह लाइन में लगने के लिए समय लेकर आए। क्योंकि बाढ़ के चलते इस बार तीन द्वार से भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा। गेट नं। चार के बगल से भक्तों के प्रवेश दिया जाएगा।
रुद्राक्ष दानों से सजेंगे बाबा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के चौथे सोमवार पर रुद्राक्ष श्रृंगार की झांकी सजेगी। महादेव के इस अद्भुत रूप के दर्शन रात आठ से 10 बजे तक भक्तों को प्राप्त होंगे। रुद्राक्ष के दानों एवं फूलों से मंदिर प्रांगण को सजाने काम रविवार को देर रात से ही शुरू हो गया था। भीड़ इतनी अधिक थी कि भक्तों को लंबा इंतजार के बाद झांकी दर्शन का सौभाग्य मिला।