वाराणसी (ब्यूरो)। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रों व पीएसी जवानों के बीच मंगलवार रात मारपीट हो गई। जवानों पर हास्टल में रहने वाले दो बाहरी युवकों को बचाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने हंगामा किया। सूचना पर कई थानों की फोर्स संग पुलिस अधिकारी परिसर में पहुंच गए। परिसर से पीएसी हटाने की मांग को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया। पुलिस व विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी मामले को संभालने में लगे रहे। छात्रों ने पीएसी के वाहनों पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया।
विश्वविद्यालय परिसर स्थित नरेन्द्र देव छात्रावास में रहने वाले छात्रों का आरोप है कि दो युवक बीते डेढ़ माह से हास्टल के एक कमरे में अवैध रूप से रह रहे थे। मंगलवार रात नौ बजे दोनों शराब पी रहे थे। कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया तो मारपीट पर आमादा हो गए। इसकी जानकारी हास्टल के अन्य छात्रों को होने पर एकजुट हो गए और दोनों बाहरी युवकों की पिटाई करने लगे। पिटाई से बचने के लिए दोनों पास की इमारत में मौजूद मेस की तरफ भागे। इसी इमारत में कैंप कर रहे पीएसी के जवान दोनों बाहरी युवक के पक्ष में आ गए। यह बात छात्रों को नागवार गुजरी और पीएसी के जवानों से भिड़ गए। दोनों पक्षों की ओर से लात-घूसे चलने लगे। पीएसी जवानों व छात्रों के बीच मारपीट की जानकारी होने पर एडीसीपी काशी जोन चंद्रकांत मीणा कई थानों की फोर्स लेकर पहुंचे। किसी तरह से दोनों पक्षों को अलग किया। छात्र परिसर से पीएसी हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। चीफ प्राक्टर प्रो। अमृता ङ्क्षसह, चीफ वार्डेन टीपी ङ्क्षसह, डीसीपी प्रमोद कुमार भी मौके पर आ गए। किसी तरह से छात्रों को समझा-बुझाकर हास्टल में वापस भेजा। पुलिस दोनों बाहरी युवकों को मेडिकल के लिए मंडलीय अस्पताल ले गई। जांच के लिए पुलिस परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।