वाराणसी : इंटरनेट मीडिया पर आए दिन कुछ न कुछ प्रसारित होता रहता है जो देखते ही देखते जिला नहीं राज्यों की सीमा को लांघ जाता है। ऐसा ही एक फार्म प्रसारित है जिसे मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का बताया जा रहा है। साथ ही मैसेज भी है जिसमें लिखा है 4000 रुपये प्रतिमाह मिलेगी सहायता। फार्म और मैसेज फर्जी है। अब ये फार्म प्रोबेशन विभाग के लिए जी का जंजाल बन गया है। आए दिन लोग फार्म लेकर सीधे या डाक से कार्यालय पहुंच रहे हैं।
ये योजना उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए है। इसके बावजूद यह फार्म पंजाब-हरियाणा तक प्रसारित होकर पहुंच गया। एक सरकार को बयान देना पड़ा कि उनके यहां ऐसी कोई योजना नहीं है। जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकरण शरण पांडेय ने बताया कि प्रसारित फार्म एक पेज का है जबकि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का आवेदन पत्र तीन पेज का है। फार्म अपूर्ण है। प्रसारित होने की वजह से बहुत से अयोग्य लोग भी आवेदन कर रहे हैं। प्रोबेशन अधिकारी का कहना है कि ब्लाक मुख्यालय, बाल कल्याण अधिकारी या तहसील से पात्र व्यक्ति सही फार्म लेकर आवेदन करें। उसी स्थान पर जमा भी कर सकते हैं। इस योजना का 1965 बच्चे लाभ उठा रहे हैं। इसमें कोविड प्रभावित को 4000 और अन्य को 2500 रुपये की सहायता मिलती है। शिक्षा ग्रहण कर रहे कोविड प्रभावित बच्चों को सरकार ने लैपटाप दिया है। बाद में शादी के लिए एक लाख रुपये की सहायता भी दी जाती है।
कौन कर सकता है आवेदन
वाराणसी : मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रदेश सरकार की तरफ से उनके लिए शुरू की गई थी जिनके माता-पिता दोनों या माता व पिता में से किसी एक की एक मार्च 2020 के बाद कोविड से मृत्यु हो गई थी। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के रूप में सभी के लिए लागू कर दिया। अब किसी भी बच्चे के माता-पिता दोनों, दोनों में से कोई एक, दिव्यांग, असक्त, गंभीर रूप से बीमार माता-पिता भी बच्चों के लिए आवेदन कर सकते हैं। परिवार की आय तीन लाख रुपये से कम होनी चाहिए।