वाराणसी (ब्यूरो)। केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में होने के बावजूद लोगों की शिकायतों के निस्तारण में जिले का प्रदर्शन काफी खराब है। जून माह में समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) की रैंङ्क्षकग में वाराणसी 46 वें नंबर पर पहुंच गया। बताया जाता है कि प्रमुख रूप से बिजली विभाग, जलकल और नगर निगम की शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं होने की वजह से जनपद की यह दुर्गति हुई है। मुख्यमंत्री की सबसे महत्वाकांक्षी योजना आइजीआरएस है। लोग घर बैठे अपनी समस्या आइजीआरएस पोर्टल पर डाल सकते हैं। अन्य अधिकारियों के यहां नियमित और संपूर्ण समाधान दिवस आदि स्थानों पर आने वाली शिकायतें को भी आइजीआरएस पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है। इसके बाद संबंधित विभाग उसका निस्तारण करते हैं।
लिया जाता है फीडबैक
इतना ही नहीं शिकायतकर्ता का फीडबैक भी लिया जाता है। कई स्तरीय निगरानी के बावजूद जनपद में जून माह में 221 शिकायतें निस्तारण के अभाव डिफाल्टर हो गईं। शिकायतों के निस्तारण के लिए एक महीने का समय निर्धारित है। इस प्रकार पूरे माह में निस्तारण नहीं होने पर नियमानुसार जनपद के 21 अंक काट दिए गए। लोकसभा चुनावों अधिसूचना के बाद रैंङ्क्षकग पर रोक लगा दी गई थी। इस कारण फरवरी के बाद अब जून की रैंङ्क्षकग जारी की गई है।
विभागों को होता फारवर्ड
आइजीआरएस का कार्य देखने वाले लोगों का कहना है कि शिकायत आते ही संबंधित विभागों को फारवर्ड कर दिया जाता है। विभागों को हार्डकापी भेजा जाता है। उसके बाद भी निस्तारण नहीं आने पर संबंधित अधिकारी को फोन कर बताया जाता है कि उक्त शिकायत का निस्तारण नहीं होता है। कई बार दबाव बनाने पर झूठी रिपोर्ट लगा दी जाती है। गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं होने पर दोबारा रिपोर्ट मांगी जाती है। अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि जून 2023 में तो वाराणसी जनपद प्रदेश के 75 जिलों में 74वें स्थान पर पहुंच गया था। अब प्रशासन एक-एक समस्या के निस्तारण की मानिटङ्क्षरग कर रहा है।
हम लोग एक-एक शिकायत को मानिटर कर रहे हैं। संबंधित विभाग और अधिकारी को आदेश दिया गया है कि लोगों की समस्या के निस्तारण में प्राथमिकता बरती जाए। समय से गुणवत्तापूर्ण कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिया गया है।
-वंदिता श्रीवास्तव, एडीएम आपूर्ति।