Varanasi Crime News: पुलिस, सीबीआई, ड्रग्स अफसर, आरबीआई, ईडी और अन्य एजेंसियों के अफसरों की तरह धौंस, इंक्वायरी, इंवेस्टिंग और आवाज निकालकर डिजिटल अरेस्ट के जरिए साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ गया है। पब्लिक तो इन्हें रियल समझकर डर जा रही है, लेकिन असल में यह फर्जी यानी नकली अफसर होते हैं,

केस
1

रिटायर्ड शिक्षिका रक्षिता से 3.55 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आने के बाद कमिश्नरेट पुलिस के हाथ-पांव फूल गए थेडिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठगों ने लूट को अंजाम दिया थाहालांकि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया

केस 2

साइबर ठग लगातार सक्रिय हैैंइसके तहत उन्होंने निहार पुरोहित से 28 लाख, रिटायर्ड बैंक मैनेजर से 19 लाख, सौम्या सिंह से 11 लाख, सीए से 12 लाख समेत वाराणसी में डिजिटल अरेस्ट के जरिए कई साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है

पुलिस, सीबीआई, ड्रग्स अफसर, आरबीआई, ईडी और अन्य एजेंसियों के अफसरों की तरह धौंस, इंक्वायरी, इंवेस्टिंग और आवाज निकालकर डिजिटल अरेस्ट के जरिए साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ गया हैपब्लिक तो इन्हें रियल समझकर डर जा रही है, लेकिन असल में यह फर्जी यानी नकली अफसर होते हैं, लेकिन सवाल यह है कि आखिरकार वीडियो कॉल के दौरान यह बिल्कुल रीयल अधिकारी की तरह दिखते हैंबैकग्राउंड में संबंधित विभाग का चिह्न और शानदार आफिस का सच क्या हैदैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने साइबर क्राइम के एक्सपर्ट से बातचीत की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आईटीवी पर प्रसारित क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया और वेब सीरीज फिल्मों में अफसरों की दमदार एक्टिंग को देखकर साइबर क्रिमिनल टे्रंड हो रहे हैंपढ़े-लिखे होने के कारण इनकी इंग्लिश बहुत अच्छी होती हैये पढ़े-लिखे अनपढ़ शातिरों के झांसे में आकर जिले में रोजाना दस से अधिक साइबर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं और चंद मिनटों में लाखों का माल पार कर दे रहे हैं

पढ़े-लिखे हो रहे शिकार

पढ़े-लिखे अनपढ़ शातिरों के झांसे में आकर जिले में साइबर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैंसाथ ही लुटेरों के खजाने भी भर रहे हैंहैरानी की बात यह है कि पढ़े-लिखे लोग ही अधिकतर ऐसे ठगों के शिकार बन रहे हैं और जीवनभर की जमा पूंजी एक ही झटके में खत्म कर दे रहे हैंवाराणसी में इस साल जनवरी से जून तक साइबर अपराध के लगभग सात हजार मामले सामने आए हैं

विदेशों में बैठकर दे रहे ठगी को अंजाम

इन दिनों साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैंइंटरनेट के जरिए जालसाज ठगी के नए-नए तरीके अपना कर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैंये ऐसे लोग हैं, जो आईटी कंपनी से किसी कारण निकाले गए हैंतकनीकी रूप से बहुत सक्षम और एक्सपर्ट है, जिन्हें साइबर ठगी गिरोह हॉयर कर विदेश बुलाया जा रहा हैइसके अलावा बैंक कर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई हैइन्हीं की मिलीभगत से ठगी के पैसे इधर से उधर होते हैं। 3.55 करोड़ की ठगी में लखनऊ स्थित बैंक के कई कर्मचारी पकड़े गए थे

विदेशों में बैठकर घटनाओं को अंजाम

वैसे तो साइबर ठगी के केस पूरे देश में आ रहे हैं, लेकिन वाराणसी में ज्यादा शिकार हो रहे हैंसाइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि साइबर अपराध मुख्य रूप से तीन दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों म्यांमार, लाओस और कंबोडिया में बैठे अपराधियों द्वारा किए जा रहे हैंसाइबर क्राइम के कुल मामलों में से 46 प्रतिशत इन्हीं तीन देशों से हुएइन मामलों में करीब 86 करोड़ रुपये की ठगी हुईराष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल 1 जनवरी से 30 जून के बीच वाराणसी में 7 हजार शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि साल 2023 में लगभग 15 हजार शिकायतें प्राप्त हुई थीं

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पकड़े गए साइबर अपराधी

हिमांशु वर्मा, बीसीए

अनंत कुमार, बीकाम एलएलबी

दीपक चंद्र, कम्प्यूटर एक्सपर्ट

सरफराज, बैंक अधिकारी

नुरुल हुदा बैंक अधिकारी

आरिफ खां, आईटी

नीरव आईटी

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2021 से 2024 के बीच साइबर फ्र ॉड

2024 : (जून तक) 4 हजार

2023 : 7 हजार

2022 : 3 हजार

वर्जन

यह दौर डिजिटल का हैजागरूकता के बावजूद साइबर की घटनाएं बढ़ी हैंसाइबर ठगी के अधिकार शिकार लोग पढ़े-लिखे होते हैं, लेकिन ठगों के जाल में फंस जाते हैंठगी करने वाले तो एक्सपर्ट होते हैंक्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया जैसे सीरियल देखकर फर्जी अफसर बनने और पूछताछ करने में ट्रेंड हो जाते हैं

-सरवणन टी, एडीसीपी, साइबर क्राइम