वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए डीएम एस। राजलिंगम ने 17 सितंबर से अग्रिम आदेश तक ई-रिक्शा के पंजीयन पर रोक लगा दी है। बिना परमिट के चलने वाले सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी यह आदेश प्रभावी रहेगा। इसी कड़ी में परिवहन विभाग के मुख्यालय ने भी एक पहल की है। दिल्ली एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर रोक है। इसी तर्ज पर ई-रिक्शा की उम्र पांच साल करने का प्रपोजल शासन को भेजा गया है। इसी आधार पर यूपी सरकार केंद्र से ऐसा अनुरोध कर सकती है। यदि ई-रिक्शा की उम्र पांच साल तय कर दी जाएगी तो वाराणसी की सड़कों पर दौड़ रहे खटारा ई-रिक्शा रोड से हट जाएंगे और यहां जाम लगने की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
सेल पर नहीं पड़ेगा असर
डीएम के आदेश के बाद वाराणसी में ई-रिक्शा के पंजीयन पर रोक है। इसके चलते वाराणसी में ई-रिक्शा की सेल पूरी तरह से ठप हो गई है। ऐसे में यदि ई-रिक्शा की उम्र पांच साल डिसाइड कर दी जाएगी तो ई-रिक्शा कंपनियों के उत्पादन और सेल पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। यह निर्णय ठीक वैसा ही मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर 2015 से रोक लगा दी थी। एनजीटी ने इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 में संशोधन होने का इंतजार नहीं किया, एक्ट में अभी तक बदलाव नहीं हो सका है।
शासन को भेजा प्रस्ताव
परिवहन विभाग ने ई-रिक्शा की अराजकता से निपटने और इनके सही से संचालन के लिए प्रस्ताव शासन के पास भेजा है। इससे बड़ा निर्णय होने की उम्मीद जगी है। एनजीटी ने भले ही प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम उठाया था, लेकिन ई-रिक्शा के सड़क जाम वाले 'प्रदूषणÓ से सभी परेशान हैं।
लगातार गंभीर हो रही समस्या
वाराणसी सहित प्रदेश के अधिकांश शहरों से लेकर जिलों तक में यह समस्या और गंभीर होने की ओर बढ़ रही है, क्योंकि ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन की रफ्तार थमने का नाम ही नहीं ले रही है। यह हालत तब है जब सरकार प्रति ई-रिक्शा 12500 रुपये सब्सिडी नहीं दे रही है। 31 अगस्त तक वाराणसी के आरटीओ में 26282 ई-रिक्शा पंजीकृत है।
परमिट नहीं लेना होता
हालांकि ई-रिक्शा का रोड टैक्स माफ है और इन्हें परमिट भी नहीं लेना पड़ता है। वहीं, ई-रिक्शा को अन्य वाहनों की तरह अब रोड टैक्स देना पड़ेगा, अहम आदेश जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। नये आदेश से ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर अंकुश लग सकेगा। लखनऊ के अपर परिवहन आयुक्त एके ङ्क्षसह ने बताया कि ई रिक्शा के रजिस्ट्रेशन व उम्र पर केंद्र सरकार को निर्णय करना है। उम्र तय होने से बड़ी संख्या में ई-रिक्शा अनुपयोगी हो सकते हैं, शासन कुछ प्रकरणों पर जल्द निर्णय करेगा।
आयु तय होना जरूरी क्यों
-जितना हल्का वाहन होगा बैट्री से उतनी ही लंबी चलेगी, इसीलिए डेढ़ लाख रुपये के ई-रिक्शा का वजन बहुत कम है। आयु तय न होने से पुराने जर्जर ई-रिक्शा भी दौड़ रहे हैं। जो ट्रैफिक के लिए खतरा है।
-जिस तरह के ई-रिक्शा आ रहे वह 5 वर्ष तक ही सही से चल पाते हैं, ऐसे में उम्र तय होने पर अधिक आयु वाले ई-रिक्शा बिना प्रयास के सड़कों से बाहर हो जाएंगे।
-आयु तय होने से ई-रिक्शा कंपनियों को कोई नुकसान नहीं हैं, उनके उत्पाद व बिक्री में बड़ा असर नहीं पडऩा।
लखनऊ मुख्यालय से शासन को ई-रिक्शा की उम्र पांच साल तय करने का प्रपोजल भेजा गया है। इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि यह ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या को कंट्रोल करने में काफी हद तक कारगर साबित होगा। उम्र तय होने से बड़ी संख्या में ई-रिक्शा अनुपयोगी हो सकते हैं, शासन कुछ प्रकरणों पर जल्द निर्णय करेगा।
- सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन