-
वाराणसी (ब्यूरो)। क्या आपको भी सड़क पर गाड़ी चलाते समय बार-बार बिना वजह के हॉर्न बजाने की आदत है या फिर आपके आसपास का कोई व्यक्ति ऐसा करता है। अगर ऐसा है तो इस आदत को जल्दी सुधार लीजिए। क्योंकि हर महीने ऐसे लोगों का चालान कट रहा है जो बिना वजह के गाड़ी में हॉर्न या हूटर बजाते हैं। इसलिए सावधान हो जाइये, क्योंकि ऐसा करने पर आपका 10,000 रुपये तक का चालान होगा। यातायात नियमों का उल्लंघन करना कानूनी अपराध है और इसके लिए आपका चालान तो होगा ही, साथ ही आपको जेल भी हो सकती है. 12,000 तक का कट सकता है चालान अगर आप बेवजह किसी नो हॉर्न जोन में हॉर्न बजाते हैं तो आपका चालान कट सकता है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस आपका 12000 रुपये तक का चालान काट सकती है। इसलिए जहां भी आपको पता चले कि आप नो हॉर्न जोन में हैं तो वहां बिल्कुल हॉर्न ना बजाएं। क्योंकि पुलिस लगातार इस तरह के लोगों का चालान काट रही है। दरअसल शहर की सड़कों पर चलने वाले वाहन इन दिनों आम आदमी की सेहत से खिलवाड़ कर रहें हैं। प्रेशर हार्न स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। इसलिए इस पर प्रतिबंध लगा है। लेकिन वाराणसी में यह रोक प्रभावी नहीं है। बसों और अन्य गाडिय़ों में लगे प्रेशर हार्न के कारण सड़क के किनारे खड़ा होना मुश्किल हो गया है। यही नहीं टीनएजर्स बाइकर्स भी दोपहिया में प्रेशर हार्न लगाकर और आटो चालक लाउडस्पीकर लगाकर दूसरे वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इनके कारण हादसे बढ़ रहे हैं. ये है नियम सरकार ने सड़कों पर चलने वाले भारी वाहनों को 45 से 55 डेसीबल के हार्न लगाने की अनुमति दी है। लेकिन, यहां तो नियम कानून को ताक पर रखकर 125 से 150 डेसीबल के हार्न बजाकर सड़कों पर चलते हैं। जबकि 150 डेसीबल तक के हार्न ट्रेनों में लगाए जाते हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण का खतरा बढ़ता है और लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। प्रेशर हार्न के कारण लोगों के कान पर असर पड़ता है और उनके बहरा होने का खतरा बढ़ जाता है। शहर में कान की समस्या से ग्रसित मरीजों की संख्या बढऩे पर ईएनटी चिकित्सकों ने भी चिंता जाहिर की है. ये होता है हेल्थ पर नुकसान अगर मनुष्य 60 डेसीबल से अधिक तेज की ध्वनि के बीच 8 से 10 घंटे बिताते हैं तो उन्हें जल्दी थकान महसूस होना, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द आदि होने लगता है। लगातार भारी शोरगुल के बीच रहने वाले लोगों की यह आदत में आ जाता है। लेकिन, आधी उम्र बीतने के पर ऐसे लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, स्थायी बहरापन, स्मरण शक्ति कमजोर हो जाना जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। नवजात बच्चों और गर्भस्थ शिशुओं के विकास को ध्वनि प्रदूषण बुरी तरह प्रभावित करती है। इस साल हुए चालान जनवरी -112 फरवरी -97 मार्च -101 अप्रैल -130 मई -88 जून -98 जुलाई -116 अगस्त-119 सिंतबर -99 अक्टूबर -109 लगातार बिना वजह हॉर्न बजाने वालों का चालान हो रहा है। अगर कोई ऐसा बार-बार करता है तो उसे जेल भी हो सकती है. राजेश पांडे, एडीसीपी, ट्रैफिक अगर मनुष्य 60 डेसीबल से अधिक तेज की ध्वनि के बीच 8 से 10 घंटे बिताता है तो उन्हें जल्दी थकान महसूस होना, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन जैसी समस्या हो सकती है. डॉ। सुशील कुमार अग्रवाल, ईएनटी सर्जन, आईएमएस बीएचयू