वाराणसी (ब्यूरो)। गंगा किनारे 200 मीटर के दायरे में रहने वालों के लिए राहत भरी खबर है। वह अपने जर्जर भवन की मरम्मत वीडीए की शर्तों के अनुसार करा सकते हैं। हादसों के बाद वीडीए प्रशासन ने जर्जर मकानों की मरम्मत के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। गाटर, पटिया ही नहीं अगर दीवार व छत भी खराब है तो उसे दुरुस्त कर रहने लायक बना सकते हैं।
निर्माण और पुननिर्माण भी करा सकेंगे
काशी विश्वनाथ मंदिर के पास जर्जर मकान से हादसों के बाद प्रशासन अलर्ट है। गंगा किनारे मकान के निर्माण और पुनर्निर्माण के संबंध में गाइडलाइन जारी की है। बशर्तें वीडीए की शर्तों के तहत।
एक-दो नहीं सैकड़ों मकान हैं जर्जर
गंगा किनारे एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों मकान ऐसे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। घाट किनारे संकरी गलियां हंै। इन गलियों में कई मकानों से प्रतिदिन मिट्टी गिरती है। ईंट भी निकलकर गिर जाती है। इसके चलते लोग जब गलियों से बाहर निकलते हैं तो संभलकर निकलते हंै।
जर्जर मकानों का गिरना जारी है
खोवा गली में जर्जर मकान ढहने के बाद कई मोहल्लों में जर्जर मकानों के गिरने का सिलसिला जारी है। यह मकान सैकड़ों साल पुराना है।
भ्रम की स्थिति न पालें
वीडीए के टाउन प्लानर प्रभात कुमार का कहना है कि लोग इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति में हैं, लेकिन कुछ मानक हैं जिनको ध्यान में रखकर कोई भी यह कार्य कर सकता है। गंगा तट से 200 मीटर के अंतर्गत भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण संभव है, जिसकी व्यवस्था के लिए कुछ मानक निर्धारित हैं। ऐसे निर्माण कार्य जिनको प्रारंभ करने से पहले प्राधिकरण से अनुमति आवश्यक नहीं है। कुछ ऐसे भी हैं कि निर्माण कराने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य और मानकों को पूरा करना भी जरूरी है।
इस तरह ले सकेंगे परमिशन
गंगा नदी तट से 200 मीटर के अन्तर्गत भवनों की मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए वीडीए की वेबसाइट अथवा हेल्प डेस्क के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। आवेदक भवन के मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए आवेदन पत्र के साथ मौजूद भवन का मानचित्र, स्वामित्व संबंधी अभिलेख, भवन की लोकेशन, भवन की वर्तमान स्थिति के सभी उपलब्ध दिशाओं से फोटाग्राफ्स, नगर निगम के जारी चिठ्ठा एवं शपथ-पत्र जमा किये जाएंगे।
इन कार्यों के लिए परमिशन जरूरी नहीं
- सफेदी एवं रंगाई-पुताई करना।
- सैप्टिक टैंक अथवा सोक पिट का निर्माण करना।
- दीवारों पर प्लास्टर करना या प्लास्टर की आंशिक मरम्मत करना।
- पुन: फर्श के निर्माण करना।
- हैंडपंप लगाना।
- नाला, नालियों, पाइपों, केबिलों या अन्य उपकरण के रेनोवेशन तथा मरम्मत के लिए निर्माण कार्य।
- सौर ऊर्जा के लिए छत पर आवश्यक संरचनाओं का निर्माण।
इन कार्यों के लिए परमिशन जरूरी
- संपूर्ण भूखंड पर निर्मित भवन को गिराकर मानक अनुसार पुनर्निर्माण करना।
- छत, बालकनी, बरामदे में पैरापेट का निर्माण।
- नगर निगम की तरफ से जारी मानक के अनुसार दीवारों का पुनर्निर्माण कार्य करना।
- नगर निगम की तरफ से जारी नक्शे के विपरित नये निर्माण किये जाने की अनुमति नहीं है।
- भवन में सीमित तल क्षेत्रफल में बेहतर उपयोग अथवा वास्तुदोष के निराकरण के लिए परिवर्तन किया जा सकेगा।
- भवन के बाहरी स्वरूप में किसी भी प्रकार की परिवर्तन की अनुमति नहीं है।
- भवन के वर्तमान उपयोग में परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
- भवन जिस उपयोग में लाया जा रहा वहीं उपयोग रहेगा।
-बिना अनुमति के अथवा नगर निगम द्वारा जारी मानक के विपरित निर्माण किये जाने पर एवं भवन का उपयोग परिवर्तित किये जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
निरीक्षण के साथ ऐसे होगा निर्धारण
-प्राप्त आवेदन की पुष्टि के लिए संबंधित जोनल अधिकारी एवं अवर अभियंता सामान्य स्थल निरीक्षण करेंगे।
-प्राप्त आवेदन को प्राधिकरण में प्राप्ति के दिनांक से 15 वर्किंग डेज में निस्तारित किया जायेगा।
-गंगा नदी तट से 200 मीटर के अंतर्गत भवनों के मरम्मत, पुनर्निर्माण के लिए आवेदन संबंधी प्रक्रिया या जानकारी के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी या कोई शिकायत के लिए 0542-2283305 और वाट्सएप नंबर-7518102822 पर संपर्क किया जा सकता है।
वर्ष 2015 की गाइडलाइन के अनुसार गंगा नदी से 200 मीटर के दायरे में मकान जर्जर है तो मकान का मरम्मत व निर्माण करा सकते हैं।
प्रभात कुमार, टाउन प्लानर, वीडीए
साहब, मेरा जर्जर भवन ध्वस्त करा दीजिए
- जनसुनवाई में दर्ज हुईं 13 शिकायतें, फरियादियों ने किया अनुरोध
वाराणसी : जानमाल का खतरा देखते हुए अब भवन स्वामी स्वयं जर्जर इमारतों को गिराने के लिए पहल कर रहे हैं। इस क्रम में मंगलवार को नगर निगम में संभव जनसुनवाई के दौरान गीता यादव ने भवन संख्या बी 24/20 कश्मीरीगंज, भेलूपुर की इमारत जर्जर होने का हवाला देते हुए निगम से ध्वस्त करने की गुहार लगाई। इसी प्रकार भवन संख्या सीके 33/71 व 72 नेपाली बाग की प्रमिल पांडेय ने भी जर्जर इमारत को ध्वस्त करने के लिए प्रत्यावेदन दिया है। निगम ने इसका परीक्षण कर नियमानुसार जल्द से जल्द कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। संभव जनसुनवाई के दौरान कुल 13 शिकायतें आईं।