वाराणसी (ब्यूरो)। Varanasi News: अबकी दिवाली में विक्टोरिया के सिक्के खरीदने में धोखा न खा जाएं कस्टमर्स, इसका विशेष ध्यान रखना होगा। पिछले साल कई कस्टमर्स विक्टोरिया का सिक्का लेकर हॉलमार्किंग सेंटर पहुंचे थे लेकिन तब तक काफी देरी हो चुकी थी। इसलिए इस बार दीपावली में विक्टोरिया के सिक्के खरीदने जा रहे हैैं तो देख ताककर खरीदें, क्योंकि मार्केट में असली के नाम पर नकली सिक्का भी बेच दिया जाता है।
धोखा न खा जाए
पिछली बार असली चांदी की विक्टोरिया सिक्के की जगह नकली चांदी के विक्टोरिया सिक्के से माता-लक्ष्मी की पूजा की गई। दो से तीन दिन बाद जब सिक्के से चमक आना शुरू हुआ तो यह सच उजागर हुआ। फिर क्या इसको लेकर जब हॉलमार्किंग सेंटर पहुंचे तो सेंटर वाले ने भी इसे नकली सिक्का कहकर वापस कर दिया। फिलहाल इस दिवाली में भी कमाई के चक्कर में कई सराफा शोरुम संचालक ने नए चांदी के सिक्के को पुराना बनाकर बेचने की फिराक में हैं। इसलिए जब भी विक्टोरिया सिक्के की खरीदारी करने जा रहे हैं तो संभलकर खरीदें।
असली विक्टोरिया 1050 में
असली विक्टोरिया को कई दुकानदार कमाई के चक्कर में 12 से 13 सौ रुपए में बेच देते हैं, जबकि मार्केट में असली विक्टोरिया की कीमत 1050 रुपए है। इसके बाद भी धनतेरस पर अधिक से अधिक मुनाफा के चक्कर में इस तरह से अधिकतर कारोबारी करते हंै। इसके लिए पहले से ही नकली विक्टोरिया को असली बनाकर रख देते हैं।
चांदी का सिक्का 1 हजार रुपए
मार्केट में चांदी सिक्के की कीमत 900 से 1 हजार रुपए कीमत है। इन सिक्कों को कई कारोबारियों ने राख और तेजाब से पुराना करके विक्टोरिया तैयार किए हैं।
प्योरिटी 91.60 टंच
धनतेरस पर अधिकतर लोग विक्टोरिया का सिक्का खरीदना चाहते हैं, क्योंकि उसकी प्योरिटी 91.60 टंच होती है। इसके मुकाबले अन्य सिक्का की कोई प्योरिटी नहीं होती है। कई छोटे कारोबारी तो गिलट का ही बनवा लेते हैं और इसे बेचकर अच्छा-खासा मुनाफा कमाते हैैं। इसलिए लोग विक्टोरिया सिक्के को ज्यादा पसंद करते हैं।
10 से 40 टंच तक बनवाते हैं
सराफा मार्केट से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य सिक्कों को कई शोरुम संचालक 10 से लेकर 40 टंच तक में बनवाते हैं। ऐसे सिक्कों की प्योरिटी कम होती है, लेकिन मार्केट में इसे शत-प्रतिशत शुद्ध कहकर बेचते हैं और पूरा रुपया कस्टमर्स से वसूलते हैं। ऐसे सिक्कों की मार्केट में कीमत 6 से लेकर 7 सौ रुपए है, जबकि ऐसे सिक्कों को तैयार करने की लागत दो से तीन सौ रुपए आती है।
2 लाख में से 10 परसेंट सिक्के एंटीक नहीं
सराफा मार्केट से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि पिछली बार दिवाली के बाद कई कस्टमर्स की ऐसी शिकायतें आयी थी कि उन्हें असली विक्टोरिया के नाम पर नकली सिक्का दे दिया गया। इसे लेकर कई कस्टमर्स हॉलमार्र्किंग सेंटर में भी गए लेकिन वहां पर सिर्फ सोने की शुद्धता परखी जाती है चांदी की नहीं। चांदी के सिक्के में घालमेल रोकने के लिए अभी तक कोई डिपार्टमेंट नहीं बना है। इसके खिलाफ लोग पुलिस प्रशासन के पास ही जाते हैं।
एंटीक शक्ल में ढला 91.60 प्रतिशत शुद्धता वाला ही चांदी का सिक्का खरीदें। 11.664 ग्राम वजन वाला पुराना असली को ही देखकर खरीदना चाहिए।
सत्यनारायण सेठ, अध्यक्ष, उप्र स्वर्णकार संघ
बिना बिल के सिक्का को नहीं खरीदना चाहिए। बिल लेने पर कस्टमर्स सेफ रहते हैैं। थोड़ा पैसा बचाने के लिए सस्ते दर पर सिक्का खरीद लेते हैं।
रवि सर्राफ, अध्यक्ष, स्वर्णकार संघ
दिवाली पर कई हजार सिक्का बिका है। इनमें से कई दुकानदारों ने ऐसे सिक्के बेच दिए, जो विक्टोरिया नहीं था।
कमल सिंह, सराफा कारोबारी
हर साल इस तरह से कई लोग चांदी का सिक्का बेच देते हैैं, जो प्योर नहीं होता है। आम पब्लिक भी इसको नहीं पहचान पाती।
रविशंकर, व्यापारी नेता
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विक्टोरिया सिक्के की प्योरिटी
91.60 टंच
अन्य सिक्कों की प्योरिटी
10 से लेकर 40 टंच तक
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पहचान
-असली सिक्के में किनारे की लाइन मोटी होती है
-नकली में सिक्के के किनारे की लाइन पतली होती है
-पुराना सिक्का उछालने पर टनटन की आवाज करता है
-नया सिक्का उछालने पर टनटन की आवाज नहीं आती