वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस की सड़कों पर सफर के दौरान अचानक फायरिंग और पटाखे की तेज आवाज लोगों को डरा रही है। यह आवाज रीयल नहीं, बल्कि तेज रफ्तार से फर्राटा भर रहे बुलेट से निकल रही है। सुंदरपुर की रहने वाली डाली गुप्ता, नेवादा की स्वाति मौर्या, लहरतारा की प्रियंका दूबे समेत शहर की कई लड़कियां हैं, जो बुलेट देखते ही कान में बंद कर लेती हैं। रोजाना डॉयल-112 पर बुलेट के तेज आवाज की शिकायतें 10 से 12 पहुंच रही हैं। इसकी जानकारी होते ही परिवहन विभाग एक्शन में आ गया और शहर में विभिन्न स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान सड़कों पर मॉडिफाइड (प्रवर्तन) साइलेंसर लगाकर चलने वाली 5 बुलेट का चालान किया गया। इसके अलावा 130 छोटे-बड़े वाहनों का चालान किया और 12 वाहन सीज किए गए।
आधी से ज्यादा बुलेट मॉडिफाइ
बनारस में दो पहिया वाहन की संख्या लगभग सात लाख पहुंच गई है। इसमें करीब 22,430 बुलेट हैं। फिल्म कबीर सिंह रिलीज होने के बाद मनबढ़ रईसजादों में बुलेट लेेने का जबर्दस्त क्रेज बढ़ा, जिन्होंने अपनी बुलेट व स्पोट्र्स बाइक में मॉडिफाइ और तेज पटाखे की आवाज करने वाले साइलेंसर लगवा लिया, जो मोटर एक्ट के खिलाफ है। बावजूद इसके एक अनुमान के तहत शहर में आधी से ज्यादा बुलेट मॉडिफाइ हैं। इसके साथ युवा अपनी बाइक्स में ऐसे साइलेंसर का प्रयोग कर रहे हैं, जो ध्वनि प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। इससे परेशान लोगों की ओर से शिकायतें की जा रही हैं।
कई मुख्य मार्गों पर दौड़ रहे रईसजादे
गुरुवार को नई सड़क, सिगरा, कचहरी समेत कई मुख्य मार्गों पर फायरिंग व पटाखे की आवाज निकालने वाले बुलेट व बाइक से लोग परेशान दिखे। कुछ युवा बुलेट वाहन में रेट्रो साइलेंसर लगवा कर धड़ल्ले से सड़क पर दौड़ रहे हैं, लेकिन कोई धरपकड़ नहीं हो रही। बुलेट से पटाखा या बंदूक की गोली चलने जैसी आवाज निकलती है।
खराब हो जाती है नींद
जब ये वाहन कॉलोनियों या मोहल्ले से गुजरते हैं तो लोगों की नींद खराब हो जाती है। रोगी, बुजुर्ग या बच्चे तो बुरी तरह घबरा जाते हैं। मलदहिया के जसवीर सिंह तो अक्सर ट्रैफिक पुलिस से इसकी शिकायत भी करते हैं, लेकिन उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता। इसी तरह सिगरा के मनीष दीक्षित, महमूरगंज के गोपाल साहू, सामने घाट लंका के सतीष यादव, शशांक ने बताया कि पटाखे जैसी आवाज करने वाली बाइक ज्यादातर शाम के समय सड़कों पर दौड़ती नजर आती हैं। शहर के कुछ युवा मेन बाजार बाइकर्स महिलाओं व युवतियों के पास से गुजरते हैं, जिससे वे घबरा जाती हैं। इन बाइक से कई बार हादसे भी हो चुके हैं। लड़कियों के बीच से ये बाइकर्स जान बुझकर तेज आवाज के साथ निकलते हैं।
चर्चा में रहा आई त लिखाई
जुलाई 2021 में कचहरी चौराहे पर चेकिंग के दौरान एक बुलेट के पीछे की नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह आई त लिखाई देखकर तत्कालीन एसएसओ ने उसे सीज कर दिया था। यह फोटो भी सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई। पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी खूब सवाल उठे थे। इसके बाद शहर में बुलेट के खिलाफ जबर्दस्त अभियान चलाया गया था।
10 हजार जुर्माने का प्रावधान
वर्ष 2019 में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190(2) में संशोधन के अनुसार, अपनी बाइक पर प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर लगाकर वायु और ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना और छह महीने तक की कैद का प्रावधान है। यह जुर्माना तभी लगाया जाएगा जब आपका प्रेशर हॉर्न या मॉडिफाइड साइलेंसर 80 डेसिबल से ज्यादा शोर पैदा करता है।
सड़क सुरक्षा पखवाड़े के तहत चेकिंग अभियान चलाया गया है। बुधवार को मॉडिफाइड (प्रवर्तन) साइलेंसर लगाकर चलने वाली कई बुलेटों का चालान किया गया। कुल 130 छोटे-बड़े वाहनों पर कार्रवाई की। आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी।
- श्यामलाल एआरटीओ
बुलेट से तेज आवाज की शिकायतें आने पर कार्रवाई होती है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत बड़ी संख्या में चालान भी किया जाता है। मॉडिफाइ बुलेट के खिलाफ जल्द अभियान चलाया जाएगा।
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राजेश पांडेय, एडीसीपी ट्रैफिक