वाराणसी (ब्यूरो)। शहर की बेटियां जल्द ही क्रिकेट की पिच पर चौके-छक्के लगाती नजर आएंगी। बीते दो सालों में क्रिकेट की तरफ लड़कियों का रुझान तेजी से बढ़ा है। स्पोट्र्स स्टेडियम से लेकर प्राइवेट एकेडमी में अंडर-12 और अंडर-16 में सैकड़ों लड़कियां क्रिकेट की बारीकियां सीख रही हैं। अभी तक लड़के ही क्रिकेट सीखते नजर आते थे, लेकिन अब लड़कियों में भी इसका क्रेज देखने को मिला है। इंडियन क्रिकेट टीम में खेलने के साथ ही वीमेन आईपीएल से भी आसमान छू लेने की उनकी तमन्ना है। बनारस की बेटियां भी मिताली राज और स्मृति मंधाना से प्रेरित होकर क्रिकेट खेलना सीख रही हैं और इनका भी सपना है कि ये देश के लिए क्रिकेट खेलें।
सैैकड़ों लड़कियों ने कराया रजिस्ट्रेशन
शहर में बने प्राइवेट स्पोट्र्स स्टेडियम में सेशन 2024-2025 में सैकड़ों लड़कियों ने अंडर-16 वर्ग में क्रिकेट के प्रशिक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। उनका कहना है कि वह अपने शहर बनारस और अपने देश भारत का नाम रोशन करना चाहती हैं। इसके लिए वह दिन-रात किक्रेट की प्रैक्टिस भी कर रही हैं। लड़कियों को क्रिकेट में आगे ले जाने के लिए कोच रोजाना स्टेडियम में अभ्यास करा रहे हैं। प्राइवेट स्टेडियम में शाम 3 बजे से 6 बजे तक प्रैक्टिस होती है, जिसका चार्ज 1500 रुपये मंथली है। जिले की बेटियां जल्द ही क्रिकेट के पिच पर परचम लहराएंगी।
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बेटियों ने कहा- खुद के दम पर बनाएंगी पहचान
1- पढ़ाई के साथ क्रिकेट का सपना
16 साल की सांभवी ने बताया कि वह 4 महीने से किक्रेट की प्रैक्टिस कर रही हंै। वह कहती हैं कि टीवी पर लड़कियों को खेलते देख क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिलती है। मेरे क्रिकेटर बनने के फैसले का मेरे माता-पिता ने पूरा सम्मान किया है। वह 11वीं कक्षा में पढ़ाई के साथ देश के लिए क्रिकेट खेलने के सपने को पूरा करने में भी लगी हंै।
2- पेरेंट्स का है पूरा सपोर्ट
16 साल की मानसी ने बताया कि बचपन से ही लड़कों को किक्रेट खेलते देख मुझे एक क्रिकेटर के तौर पर आगे बढऩे की इच्छा थी। लेकिन, स्पोट्र्स स्टेडियम में प्रशिक्षण नहीं मिला तो प्राइवेट एकेडमी में प्रशिक्षण ले रही हंै। वह अपनी इंस्पिरेशन मिताली राज को मानती हैं और उनकी ही तरह देश के लिए खेलना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनके पेरेंट्स उनका पूरा सपोर्ट भी कर रहे हैं।
3- पांच घंटे करती हूं प्रैक्टिस
शहर में बने प्राइवेट स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रही 7 साल की अनन्या ने कहा कि वह रोजाना पांच घंटे प्रैक्टिस करती है। वह कहती है कि क्रिकेट में जिले का नाम रोशन करने का सपना है। सभी लोग कहते थे कि तुम्हारी बैैटिंग अच्छी है। इसके बाद क्रिकेट खेलने में लग गई है। मेरा सपना है कि मैैं इंडियन क्रिकेट टीम में खेलूं और अपने जिला व घर का नाम रोशन करूं।
जिले में अन्य खेलों में लड़कियां प्रशिक्षण ले रही थीं, लेकिन क्रिकेट में बेटियों के लिए अच्छी व्यवस्था नहीं थी। इसलिए एकेडमी में लड़कियों को प्रशिक्षण देना शुरू किया। उम्मीद है कि जल्द ही शहर की बेटियां क्रिकेट में नाम रोशन करेंगी।
अमित कुमार देव, हेड कोच, बनारस ब्रदर्स क्रिकेट एकेडमी