वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में नियमित डोर-टू-डोर कूड़ा उठान नहीं हो रहा है। वाराणसी वेस्ट सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी फर्जी रिपोर्ट बना रही है। यूजर चार्ज के नाम पर जहां भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं जनता गृहकर, जलकल, सीवर कर के अलावा कूड़ा उठान के लिए हर माह यूजर चार्ज देने को भी बाध्य हो रही है। इसके लिए जनता का भयादोहन हो रहा है। ऐसे में नगर निगम को कंपनी के स्थान पर सीधे घर-घर कूड़ा उठान का इंतजाम करना चाहिए।
मैदागिन स्थित टाउनहाल भवन में मंगलवार को महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता सदन की बैठक के दौरान आदि विश्वेश्वर वार्ड (वार्ड नंबर 69) के पार्षद इंर्देश ङ्क्षसह ने डोर-टू-डोर कूड़ा उठान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आदि विश्वेश्वर वार्ड में पांच हजार भवन है। वहीं जनसंख्या करीब 22 हजार से अधिक है। आदि विश्वेश्वर वार्ड में सफाई के लिए निगम की ओर से करीब 95 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। वहीं कंपनी इस वार्ड में महज 14 कर्मचारियों से घर-घर कूड़ा उठान करा रही है। कर्मचारियों की संख्या काफी कम होने के कारण नियमित रूप से कूड़ा उठान नहीं हो रहा है। सदन में उन्होंने यूजर चार्ज का सिस्टम समाप्त कर निगम के सफाई कर्मियों से सीधे घर-घर कूड़ा उठान कराने का सुझाव दिया।
क्यूआर कोड की करेंगे आनलाइन निगरानी
महापौर ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि अब घर-घर कूड़ा उठान की आनलाइन निगरानी क्यूआर कोड (क्विक रिस्पान्स कोड) में करने का निर्णय लिया गया है। इस क्रम में अब तक भेलूपुर, दशाश्वमेध, व कोतवाली जोन के 69500 भवनों पर क्यूआर कोड लगाया जा चुका है। दो माह के भीतर शहर के सभी 2.25 लाख भवनों क्यूआर कोड लगवाने का लक्ष्य रखा गया है।
भुगतान पर रोक, स्ट्रीट लाइट की मरम्मत में बढ़ा पांच करोड़
इस दौरान सदन में पार्षद सुरेश चौरसिया व पार्षद अमर देव ने पुनरीक्षित बजट (वित्तीय वर्ष 2024-25) में स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के लिए एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) कंपनी को सात करोड़ रुपये आवंटित करने पर आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि मूल बजट ईईएसएल कंपनी को दो करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। ईईएसएल कंपनी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत भी नहीं कर रही है। इसके बाद भी किस आधार पर ईईएसएल कंपनी का बजट पांच करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है। इस पर नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने स्पष्ट किया कि अनुबंध के तहत ईईएसएल कंपनी को 50 प्रतिशत धनराशि निगम व 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान राज्य वित्त आयोग से होता है। राज्य वित्त आयोग ईईएसएल कंपनी को 4.86 करोड़ रुपये भुगतान कर चुका है। इसके बाद निगम ने ईईएसएल कंपनी का भुगतान रोक दिया। वहीं शासन से ईईएसएल कंपनी पर राज्य वित्त आयोग का पैसा करने के लिए दबाव बनाया गया। इस पर शासन ने बताया कि सूबे कई जिलों में ईईएसएल का भुगतान बाकी है। यह धनराशि इसी में समायोजित कर ली जाएगी। वहीं राज्य वित्त आयोग ईईएसएल कंपनी को किए गए 4.86 करोड़ रुपये निगम को बाद में उपलब्ध कराएंगी। ऐसे में राज्य वित्त आयोग का भुगतान निगम के खर्चे में शामिल करना पड़ा है। वहीं अब निगम अपने स्तर से स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत करा रहा है।
दिवाली पर हर घर जलेगा दीया, आलोक विभाग जलवाएं स्ट्रीट लाइट
बैठक के दौरान उप सभापति नरङ्क्षसह दास ने दीपावली, देव दीपावली, छठ पूजा के मद्देनजर शहर की साफ-सफाई और बेहतर करने के लिए रात में भी सफाई करने की मांग की। साथ ही उन्होंने आलोक विभाग से दीपावली से पहले शहर की सभी बंद स्ट्रीट लाइटों को जलवाने की मांग की। कहा कि दिवाली पर हर घर दीया जलेगा, वहीं आलोक विभाग स्ट्रीट लाइट जलाएं।
अब रात में भी होगी सफाई : महापौर
त्योहारों को देखते हुए महापौर ने शहर की सफाई अब रात में भी कराने का निर्देश दिया। महापौर के प्रस्ताव का सदन ने मेज थपथपा का एक स्वर से स्वागत किया। सदन की कार्रवाई का शुभारंभ वंदेमातरम् व समापन राष्ट्रगान से हुआ।
उठा सीवर पानी का मु्द्दा
पार्षद बृजेश चंद्र श्रीवास्तव व अशोक कुमार मौर्य ने वरुणापार क्षेत्र में पानी और सीवर जैसे ज्वलंत मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सांस्कृतिक संकुल स्थित ध्वस्त हो चुके ट््यूबवेल का रिबोर करने में जलकल की लापरवाही के कारण विगत एक वर्ष से अधिक समय से हुकुलगंज में पेयजल की किल्लत बनी हुई है। आए दिन गंदे एवं बदबूदार पानी की आपूर्ति से जनता त्रस्त है। इसी प्रकार पार्षद अनिल सोनकर ने दीनापुर में जल निकासी की समस्या उठाई। इसी प्रकार लक्ष्मी कुंड की सफाई, फाङ्क्षगग, सहित अन्य मुद्दा भी सदन में उठा।
सिगरा स्टेडियम का नाम बदलने का भी उठा मुद्दा
इस दौरान पार्षद हारुन अंसारी ने डा। संपूर्णानंद के नाम हटकर सिगरा स्टेडियम बदलने का मुद्दा उठाया। महापौर ने कहा कि डा। संपूर्णानंद स्टेडियम के नाम नहीं बदला गया है। इस पर राज्यमंत्री का बयान भी आ चुका है। यदि नाम बदलना होता तो निगम की कार्यकारिणी व सदन में प्रस्ताव आता।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
-नगर निगम के 1132.93 करोड़ रुपये पुनरीक्षित बजट को मिली मंजूरी।
-जलकल के 295.05 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट को मिली मंजूरी।
- ज्वलनशील पदार्थों का लाइसेंस जारी करने।
-दीपावली के पहले सभी कर्मचारियों को वेतन व वेतन देने की मंजूरी।