वाराणसी (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा देवेंद्र शर्मा ने कहा कि समाज में बच्चों में फैली कुप्रथा नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर लगातार कार्य करने की जरूरत है। साथ ही मंदिरों पर तिलक लगाने वाले बच्चों का पता लगाकर उन्हें शिक्षा से जोड़ा जाए। उन्हें मुख्यमंत्री स्पांशरशिप योजना का लाभ दिलाया जाए।
डा। देवेंद्र शर्मा मंगलवार को सर्किट हाउस में वाराणसी मंडल के अधिकारियों के साथ बाल संरक्षण से संबंधित योजनाओं आदि की समीक्षा कर रहे थे। निर्देश दिया कि गाइड लाइन के अनुसार विद्यालय के 100 मीटर के दायरे में पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि की दुकानें न हों। शिक्षण संस्थानों को नशे से मुक्त रखने के लिए प्रहरी क्लब की स्थापना की जाए। Óएक युद्ध नशे के विरुद्धÓÓ अभियान से देश को नशामुक्त बनाना है। बाल विवाह काफी कम हुआ है लेकिन हमें लोगों को और जागरूक करने की जरूरत है। बच्चों को साइबर क्राइम व मोबाइल की लत से दूर रखने के लिए कार्यशाला आयोजित करें। 21 वर्ष से कम आयुवर्ग वालों को दुकानों पर शराब और मेडिकल स्टोर्स पर एच-1 माडल की दवाइयां किसी भी दशा में न दी जाएं। बैठक में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अशोक यादव, सीडीओ हिमांशु नागपाल व चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर के समाज कल्याण, श्रम, शिक्षा, जिला बाल संरक्षण इकाई, अल्पसंख्यक कल्याण, दिव्यांगजन कल्याण, आबकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।