वाराणसी (ब्यूरो)। सावन के चौथे सोमवार को भी काशी में आस्था और विश्वास का संगम दिखा। बाबा के प्रिय माह सावन के विशेष दिन सोमवार को शिव भक्त दूर-दूर से काशी में श्रद्धा का जल चढ़ाने पहुंचे। कांधे पर कावड़ लिए कांवरिया नंगे पाव बाबा के आस्था में उनके दरबार तक खींचे चले आए। तीन द्वार बंद होने के बाद भी भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला। एक कतार मैदागिन की ओर तो दूसरी कतार गोदौलिया की ओर रही। लाइन अंतिम पंक्ति में होने के बाद भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए हौले-हौले आगे बढ़ते रहे। देर शाम तक 3 लाख भक्तों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई।
भक्तों ने किया झांकी दर्शन
बाबा का दर्शन करने के लिए रविवार की शाम से भक्त कतारबद्ध रहे। भोर में मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए बाबा के मंदिर का पट खोल दिया गया। इसके बाद बारी-बारी से सभी भक्त बाबा का झांकी दर्शन कर निहाल हो उठे। भक्तों के लिए मंदिर में सुरक्षा-इंतजाम की विशेष व्यवस्था की गयी थी।
रुद्राक्ष से किया श्रृंगार
श्रावण माह के चौथे सोमवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष से श्रृंगार किया गया। महादेव के भक्त काशी पुराधिपति के इस विशेष स्वरूप का दर्शन कर निहाल हुए। 22 जुलाई से शुरू हुए सावन के 22 दिन में 40 लाख से अधिक भक्त श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का आशीर्वाद ले चुके हैं।
आस्था का अटूट संगम
भगवान शिव में आस्था की अटूट कतार रविवार दिन से ही सड़कों पर दिखने लगी थी। गंगा में डुबकी और पात्र मे गंगा जल लिए हुए शिवभक्तों का रेला विशेश्वर के दरबार की ओर रात से बढ़ता रहा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि हर सोमवार को बाबा को अलग अलग स्वरूपों का श्रृंगार हो रहा है। इस सोमवार को बाबा का विशेष रुद्राक्ष श्रृंगार हुआ। सावन के चौथे सोमवार को देर शाम तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके थे, जबकि सावन माह में अब तक 40 लाख 11,674 से अधिक भक्तों ने बाबा के दर्शन किये हैं।