वाराणसी (ब्यूरो)। थानों पर फोर्स की उपलब्धता की औचक जांच में मनमानी छुट्टियों का खेल उजागर हुआ। 30 थानों में करीब 200 दारोगा अवकाश पर या फिर विभिन्न मुकदमों की जांच के सिलसिले में शहर से बाहर मिले। रोहनिया थाने में 21 दारोगा परेड में उपलब्ध नहीं हो पाए। एडीसीपी और एसीपी ने अचानक थानों पर पहुंच कर परेड कराई तो ज्यादातर दारोगा अनुपलब्ध थे। अफसरों ने फोर्स की बड़े पैमाने पर अनुप्लब्धता को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष और प्रभारियों को मनमानी छुट्टी देने पर हिदायत दी.
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल कानून-व्यवस्था की स्थित चुस्त-दुरुस्त करने के लिए नित नए प्रयास कर रहे हैं। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शाम को थानों की 25 प्रतिशत फोर्स को बाहर निकलने के निर्देश हैं। इसी क्रम में थानों में फोर्स की उपलब्धता जांचने को शाम पांच बजे परेड कराई गई तो चौंकाने वाले निष्कर्ष निकले। 30 थानों में करीब 200 दारोगा उपलब्ध नहीं हो पाए। ऐसा नहीं कि सभी बगैर सूचना को गायब हों, अधिकांश ने अपने थाना प्रभारी से अवकाश लिया था या फिर जांच के सिलसिले में शहर से बाहर थे। संयुक्त पुलिस आयुक्त डा। के एजिलरसन ने बताया कि गड़बड़ी जैसी कोई बात नहीं है। यह जरूर है कि फोर्स की जरूरत को ध्यान में रखकर ही छुट्टियां देनी चाहिए, जो थाना प्रभारियों ने नहीं किया। उपनिरीक्षक किसी केस की जांच के सिलसिले में बाहर हैं तो अनुमति लेकर जाना चाहिए। अधिकांश ने अनुमति नहीं ली थी। आवश्यकता से ज्यादा अवकाश देना और बगैर अनुमति के शहर से बाहर जाना गंभीर विषय है। इस तरह की औचक जांच आगे भी कराई जाएगी, ऐसी स्थिति मिली तो कार्रवाई होगी.