वाराणसी (ब्यूरो)। साहब, मेरे घर में दो पंखे, एक फ्रिज, सीएफएल बल्ब, और टुल्लू पंप है। पहले मात्र छह से 700 रुपए बिल आता था, लेकिन अब 2 हजार से 2200 रुपए आता है। सर, मेरा मीटर लंबे समय से तेज भाग रहा है। इसकी लगातार शिकायत की जा रही है, लेकिन अभी तक बदला नहीं गया। सर, सुबह 10 बजे से लाइट कटी है। अभी तक आई नहीं, कब तक लाएगी। प्लीज बता दें इस तरह की शिकायतों की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के आईजीआरएस पोर्टल (जनसुनवाई) पर भरमार है। अनदेखी के चलते उनकी फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। लगभग हर फीडर पर इस तरह की खूब शिकायतें दर्ज हो रही हैं। वाराणसी जोन प्रथम और वाराणसी जोन द्वितीय में चार सितंबर तक 10,603 शिकायतें आई। उनमें 9895 प्रकरण का निस्तारण कर दिया गया, जबकि 631 शिकायतें अभी तक लंबित हैं।
समय बीत गया, नहीं लगी रिपोर्ट
इनमें मंडल स्तर पर 50 और अधिशासी अभियंता स्तर पर 581 मामले हैं। मंडल स्तर के 203 प्रकरण में आख्या रिपोर्ट लगा दी गई, लेकिन शिकायतकर्ता असंतुष्ट हैं। वहीं, 128 मामलों में समयावधि बीत गई, लेकिन आख्या नहीं लगाई गई। इसमें अधिशासी अभियंता स्तर से लापरवाही बरती गई। 155 मामलों में अधीक्षण अभियंता ने अब तक अनुमोदन नहीं दिया। वाराणसी जोन प्रथम में 45 व वाराणसी जोन द्वितीय के जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली में 110 मामलों का अनुमोदन नहीं हुआ है।
कंप्लेन में जौनपुर आगे
आईजीआरएस पोर्टल पर 4 सितंबर तक वाराणसी जिले की 4069 शिकायतें आई। इनमें 3705 का निस्तारण कर दिया गया। 47 प्रकरण डिफाल्टर हो गए। 317 आवेदन लंबित हैं। इसी तरह जौनपुर में 4191 शिकायतों में 4001 का निस्तारण हुआ है। पांच केस डिफाल्टर की श्रेणी में चले गए। 185 मामले निस्तारित नहीं हुए। चंदौली में 749 लोगों ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई, उनमें 645 की आख्या रिपोर्ट लगा दी गई। 72 प्रकरण डिफाल्टर हो गए। 32 मामले लंबित है। गाजीपुर में 1594 शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिसमें 1543 का निस्तारण किया गया। 4 डिफाल्टर हो गए और 47 मामले लंबित है।
आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों का समय के अंदर निस्तारण करने का निर्देश दिया गया है। वाराणसी प्रथम जोन में शिकायतें कम हैं। असंतुष्ट का फीडबैक आने पर दोबारा जांच कराई जाती है। आख्या पर अनुमोदन नहीं देने की जांच कराई जाएगी।
- अरविंद कुमार सिंघल, चीफ इंजीनियर जोन फस्र्ट
टॉवर लगाने में तारों का अड़चन
देश के पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट रोपवे का निर्माण तारों में उलझ गया है। कैंट से रथयात्रा तक रोप-वे का ट्रायल देव दीपावली से पहले शुरू होना था, लेकिन बिजली विभाग और टेलीफोन के तारों के कारण टॉवर लगाने में समस्या आ रही है। इसके चलते तय समय तक ट्रॉयल का काम पूरा होता नहीं दिख रहा है। बिजली विभाग की लापरवाही के कारण भी इस साल के अंत तक पूरा यह संभव नहीं लग रहा है। नेशलन हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने वीडीए प्रशासन को तारों की शिफ्टिंग नहीं होने से टॉवर बनाने में दिक्कत संबंधित रिपोर्ट भेजी है। कैंट से रथयात्रा के बी रोपवे के संचालन के लिए 18 टॉवर बने हैं, या निर्माणाधीन है, जो इस माह के अंत तक पूरा हो जाएंगे। वीडीए वीसी पुलकित गर्ग ने बताया कि बिजली विभाग को कुछ दिनों में तार हटाने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। विभाग ने सोमवार से तार हटाना शुरू कर देने का भरोसा दिया है। बुधवार को इस कार्य की प्रगति जानने के लिए फिर बैठक होगी।