वाराणसी (ब्यूरो)। सीएम योगी आदित्यनाथ पहली बार सम्पूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी गए। इस दौरान उन्होंने विवि के ऐतिहासिक सरस्वती भवन में संरक्षित दुर्लभ पांडुलिपियों में रास पंचाध्यायी, श्रीमद्भगवतगीता व विशेष कपड़े पर स्वर्ण अक्षरों एवं स्वर्ण कलाओं से युक्त दुर्गासप्तशती को देखकर भाव विभोर हो गए। सीएम योगी ने भारतीय संस्कृति के धरोहर को संरक्षित करने के अभियान को निरंतर जारी रखने और विवि द्वारा किये जा रहे इस प्रयास की प्रशंसा भी की। सीएम योगी ने भारत सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन द्वारा पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्य में प्रदेश सरकार के स्तर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।
थ्री-डी म्यूजियम का होगा निर्माण
सीएम योगी ने 234 वर्षीय मुख्य भवन के अंदर का अवलोकन कर भारतीय नक्षत्र विद्या, भारतीय खगोल विद्या, भारतीय ऋ षियों द्वारा किए गये कार्यों के ऊपर म्यूजियम बनाये जाने और शास्त्रार्थ की परम्परा को इसी भवन में कराये जाने का निर्देश दिया। भारतीय ज्ञान परम्परा के अति प्राचीन केंद्र सम्पूर्णानन्द संस्कृत विवि के ऐतिहासिक मुख्य भवन में वैदिक वांग्मय के क्रमिक विकास पर थ्री-डी म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 16 संस्कारों, 64 कलाओं, 18 विद्या स्थान को विस्तृत रूप दिखाया जाएगा। निरीक्षण के दौरान सीएम योगी ने राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, चौकाघाट को पुन: इस संस्था के संकाय के रूप में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया।
छात्रावास का किया निरीक्षण
सीएम योगी ने गंगानाथ झा छात्रावास का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने छात्रावास में साइकिल एवं वाहन स्टैंड बनाये जाने का निर्देश देते हुए कहा कि स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। साथ ही जर्जर तारों को बदलने सहित अन्य आवश्यक कार्यों को समय पर पूरा करें। इस दौरान कुलपति प्रो। बिहारी लाल शर्मा, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल, आयुष मंत्री डॉ। दयाशंकर मिश्र दयालु, विधायक डॉ। नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव, डीएम एस। राजलिंगम, एडिशनल सीपी एस चिनप्पा आदि मौजूद थे।