वाराणसी (ब्यूरो)। मंगलवार देर रात से बुधवार सुबह तक झमाझम बारिश के चलते पूरा शहर पानी-पानी हो गया। गलियां ही नहीं, बल्कि सड़कों पर जगह-जगह जलभराव के चलते बड़ी आबादी घरों में ही कैद हो गई। मजबूरी में घर से आने-जाने वालों को 3 फीट तक पानी से होकर गुजरना पड़ा। पूरा शहर बारिश के पानी के आगे बेबस नजर आया। शहर के व्यस्ततम गोदौलिया समेत कई मार्केट और एरिया में पानी भरने से चाय नाश्ते और रेहड़ी पटरी की कई दुकानें नहीं खुल पाईं। वहीं, श्रद्धालु और पर्यटक भी बारिश के पानी से होते हुए गंगा घाट और मंदिर जाते दिखे। घर के बाहर जलभराव के चलते बड़ी संख्या में बच्चे भी स्कूल नहीं गए। लंका से लेकर कैंट स्टेशन, कज्जाकपुरा, हनुमान फाटक से पीलीकोठी तक सड़कों पर जलभराव दिखा। कैंट रेलवे स्टेशन के पास रोडवेज के सामने वॉटर लाइन टूट गई। इससे पानी का फव्वारा करीब 70 फीट ऊंचा उठकर रेलवे लाइन पर गिरा। ट्रेनें आईं तो यात्री भी भीग गए। इस बारिश ने वाराणसी नगर निगम की पोल भी खोलकर रख दी है। बीते 24 घंटों में वाराणसी में 3.03 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई।
दावों की खुली पोल
नगर निगम प्रशासन की ओर से मानसून सीजन से पहले ही शहर के प्रमुख नाले-नालियों की सफाई का दावा किया किया गया था, लेकिन झमाझम बारिश में ही नगर निगम के दावों की पोल खुल गई। गोदौलिया चौराहा व उसके आसपास सड़क पर घुटने भर पानी भर गया। कई दुकानों में पानी घुस गया। इससे दुकानदारों व राहगीरों को काफी परेशानी हुई। गुरुधाम चौराहा, नवाबगंज, शिवाजी नगर, रवींद्रपुरी, बादशाहबाग, महमूरगंज समेत शहर के कई एरिया से करीब 40 शिकायतें नगर निगम और जलकल के पास पहुंची, जिसका शाम तक निस्तारण करा दिया गया।
77 एमएम बारिश हुई
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में 77 एमएम (3.03 इंच) बारिश हुई है, जो इस सीजन की दूसरी सबसे ज्यादा बारिश है। इसके पहले 7 जुलाई को 127 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई थी। बारिश से अस्सी से तुलसीघाट, सोनारपुरा, शिवाला, रविंद्रपुरी सहित अन्य इलाकों में सड़क से लेकर मकान, दुकान में पानी घुस गया। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो। मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि चार दिन ऐसा ही मौसम रहने के आसार हैं। इस दौरान तेज हवा के साथ बारिश होने और तापमान में कमी की संभावना है।
रूरल एरियाज में भी परेशानी
बारिश से शहरी-ग्रामीण इलाकों में जलभराव हो गया। इससे लोगों का राह चलना मुश्किल हो गया। कई जगहों पर घुटनों तक पानी आ गया, जिससे पैदल के साथ ही दो पहिया सवारों को भी परेशानी हुई। चौकाघाट से नाटी इमली जाने वाली सड़क के साथ ही अंधरापुल से नदेसर मार्ग, सरैया, सरायमोहाना, पुलकोहना, भदऊ डॉट पुल, बेनिया, नई सड़क, महमूरगंज आदि जगहों पर इतना पानी भर गया कि वाहन बंद हो गए। लोगों को ढकेलकर वाहन ले जाना पड़ा।
नगर निगम की लापरवाही से बारिश के बाद गोदौलिया चौराहे जलमग्न हो गया। जगह-जगह सीवर चोक हो गया। सड़कें, गलियां और पार्क तालाब में तब्दील हो गई। इससे मजबूरन व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी हैं। इससे व्यापारियों को सामान का ज्यादा नुकसान हुआ है।
- मनोज पटेल, पिशाच मोचन
यदि सीवर और नाली साफ रहते तो ऐसी नौबत नहीं आती। जलभराव के चलते सुबह-सुबह बच्चे स्कूल नहीं गए। लोगों को आफिस, दफ्तर और शॉप पर जाने में काफी दिक्कतें हुई। सरकार और जनप्रतिनिधियों ने काशी को लेकर तरह-तरह के दावे किए थे, लेकिन धरातल पर स्थिति बदतर है। नगर निगम प्रशासन जनता पर सिर्फ टैक्स बढ़ाने की बजाय जनहित के मुद्दों पर भी ध्यान दे।
- राहुल सिंह, पीली कोठी