केस-1:
4 अक्टूबर (शुक्रवार) को बड़ागांव पुलिस ने शाम सराय मुगल रमईपट्टी गांव स्थित ङ्क्षहदुस्तान फायर वक्र्स नामक पटाखा के गोदाम और दुकान में छापेमारी की। इस दौरान स्वीकृत लाइसेंस के अनुमानित वजन से अधिक मात्रा में विस्फोटक पदार्थ पकड़ा गया। गोदाम में मिली तमाम अनियमितताओं को देखते हुए दुकान और गोदाम को सील कर दिया गया। 35 टन तीन सौ चौदह किलोग्राम विस्फोटक सामग्री जब्त की गई।
केस-2:
5 अक्टूबर (शनिवार) को चौक पुलिस ने दालमंडी में छापेमारी कर एक मकान में स्टोर कर रखे गए चार ङ्क्षक्वटल 49 किलो अवैध पटाखा बरामद किया। पटाखे तीन बोरियों और 10 कार्टून में रखे गए थे। पूछताछ में पता चला कि बरामद पटाखा नया चौक निवासी फैसल खान और फुरकान खान का है। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि जिस मकान में पटाखा बरामद हुआ वह गिरफ्तार फैसल का है। दीपावली और दशहरा पर्व पर पटाखा खपाने की तैयारी थी।
वाराणसी (ब्यूरो)।यह दो केस बताने के लिए काफी हैं कि दशहरा और दिवाली आते ही पटाखों का भंडारण तेज हो गया है। दिवाली से पहले शहर न दहले। जानें न जाएं। इसलिए वाराणसी पुलिस अलर्ट हो गई है। दो दिन में दो ठिकानों पर कार्रवाई कर पटाखों का अवैध भंडारण एक्सपोज किया। वाराणसी जिले में पटाखे बेचने और भंडारण करने का लाइसेंस सिर्फ पांच फर्मों के पास है और स्टॉक भी निर्धारित है। बावजूद इसके वाराणसी कमिश्नरेट में अवैध पटाखों के स्टॉक का खेल शुरू हो गया है।
ङ्क्षहदुस्तान फायर वक्र्स पर पहले भी छापेमारी
जेनिथ एजेंसी, साबिर अली की हिंदुस्तान फायर वर्क और तरुण मोटवानी की चार फर्म का लाइसेंस आगरा स्थित संयुक्त मुख्य विस्फोटक नियंत्रक कार्यालय से और एक लाइसेंस दिलीप मोटवानी की फर्म का डीएम कार्यालय से जारी हुआ है। बड़ागांव पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ङ्क्षहदुस्तान फायर वक्र्स ने अपने गोदाम में अवैध रूप से पटाखा भर रखा है। पुलिस ने अवैध पटाखा जब्त कर लिया। साथ ही दुकान और गोदाम को सील कर दिया गया। ङ्क्षहदुस्तान फायर वक्र्स के खिलाफ पहले भी अवैध रूप से पटाखे स्टोर करने पर कार्रवाई हो चुकी है।
यहां मिल जाते हैं पटाखे
वाराणसी में आतिशबाजी के शौकीन भलीभांति जानते हैं कि दालमंडी, बेनियाबाग, नई सड़क, हड़हा, लल्लापुरा, पितरकुंडा, नदेसर, दोषीपुरा और लोहता क्षेत्र में किसी भी त्योहार पर पटाखे आसानी से मिल जाएंगे। इस धंधे से तकरीबन पांच सौ अधिक लोग जुड़े रहते हैं, जो अवैध रूप से पटाखा बनाने का काम करते हैं। पटाखे बनाने के लिए शोरा, गंधक, पोटाश, लकड़ी के कोयले का चूरा और बारूद सहित अन्य केमिकल बनारस और इलाहाबाद से चोरीछिपे खरीद कर लाए जाते हैं। जब लापरवाही के चलते कोई हादसा होता है तो पुलिस या प्रशासनिक अमला हरकत में आता है और अभियान चलाकर कार्रवाई का कोरम पूरा किया जाता है।
बनारस से पड़ोसी जिलों में सप्लाई
वाराणसी में कागज पर सिर्फ पांच लोगों के पास पटाखा का लाइसेंस है, लेकिन बेचने और स्टोर करने वालों की संख्या काफी है। करीब डेढ़ दशक पहले हर साल हादसे होने पर 2010 में डीएम ने 25 फर्मों के पटाखे बेचने और भंडारण करने का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। इसके बाद किसी को नया लाइसेंस जारी नहीं किया गया। बावजूद इसके बनारस के ग्रामीण इलाकों में चोरी-छिपे पटाखों का अवैध भंडारण होता रहता है। बनारस से ही चंदौली, भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर समेत आसपास के अन्य जिलों में पटाखों की सप्लाई होती है।
चार साल पहले भी सील हुआ था गोदाम
बड़ागांव पुलिस ने अवैध पटाखों का भंडारण मिलने पर हिंदुस्तान फायर वक्र्स का गोदाम सील कर दिया था। इसके पहले 2020 में इसी फर्म के मालिक शाबी अली के खिलाफ पुलिस आईपीएस की धारा 9 बी विस्फोटक ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर अवैध गोदामों को सील कर दिया था। इसके साथ ही उनके पटाखा गोदाम के लाइसेंस को निरस्त करने के लिए रिपोर्ट भी भेजी गई थी। बावजूद इसके लाइसेंस निरस्त नहीं हुआ था।
सीपी ने अभियान चलाकर दिए कार्रवाई के निर्देश
दीपावली में अभी 24 दिन बाकी हैं, लेकिन वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने दीपावली से पहले अवैध पटाखों के कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है। साथ ही सराफा कारोबारियों से कहा कि संदिग्ध व्यक्तियों से सोना-चांदी न खरीदें, इनकी सूचना पुलिस को दें। सीपी के निर्देश पर पुलिस भी सक्रिय हो गई है।
वर्जन
दीपावली पर सोना-चांदी के अलावा पटाखों की जमकर खरीदारी होती है। इसे देखते हुए व्यापारियों को संदिग्ध लोगों से सोना-चांदी नहीं लेेने को कहा गया है। साथ ही सभी थाना प्रभारियों को अवैध पटाखों की सूचना पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
-मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर
बड़ागांव के गोदाम में मिलीं ये खामियां
1. स्टोरेज कैपेसिटी की अवहेलना: लाइसेंस के तहत अधिकतम भंडारण 15000 किलोग्राम किया जा सकता था, लेकिन मौके पर 35,314 किलोग्राम पटाखा बरामद हुआ।
2. नाबालिगों की उपस्थिति : पुलिस को गोदाम में नाबालिग काम करते मिले। यह सिक्योरिटी पैरामीटर्स की अनदेखी है।
3. इररेगुलर लेबलिंग: पटाखों के पैकेट पर चेतावनी और जानकारी का अभाव देखने को मिला।
4. फायर एक्सटिंग्यूशर की कमी : गोदाम में फायर एक्सटिंग्यूशर समेत आग बुझाने के पर्याप्त इक्विपमेंट नहीं मिले। पटाखों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण थे। यह सिक्योरिटी पैरामीटर्स के लिए जरूरी है।
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बिजली कनेक्शन में इररेगुलरिटी: गोदाम में बिजली कनेक्शन ठीक तरीके से नहीं था। इससे कभी भी आग लग सकती है।