वाराणसी (ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक लैंडमार्क फैसले में कहा है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना और देखना, पॉक्सो और आईटी एक्ट के तहत क्राइम है। इस फैसले के मद्देनजर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने चाइल्ड पोर्न के मामलों का बनारस में स्टेटस जाना तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। लोहता एरिया में दो युवकों को मुंबई से दोस्त ने वाट्सएप पर चाइल्ड पोर्न वीडियो भेजा था। दोनों युवकों ने वीडियो को कई बार देखा। यही नहीं, मंडुवाडीह और रोहनियां के युवकों को भी किसी ने चाइल्ड पोर्न वीडियो भेजा था। इसकी सूचना आते ही साइबर सेल पुलिस ने इन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। इसी तरह साइबर महिला क्रिमिनल ने मंडुवाडीह एरिया के रहने वाले रिटायर्ड बिजलीकर्मी को वाट्सएप वीडियो कॉल की। कॉल रिसीव होने पर पोर्न वीडियो दिखाया और ब्लैकमेल शुरू कर दी। बदनाम करने का भय दिखाकर 60 हजार रुपए वसूल लिया। अर्दली बाजार के रहने वाले युवक के फेसबुक अकाउंट पर एक लड़की ने वाट्सएप नंबर मांगा और तुरंत वीडियो कॉल किया। उस युवक को न्यूड वीडियो दिखाकर लगातार धमकी देेने लगी। वीडियो वायरल होने के डर से युवक ने 80 हजार रुपए दे दिया। यह सिर्फ एक दिन की घटना नहीं है, बल्कि बनारस में चाइल्ड पोर्न से सेक्सटॉर्शन तक की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
अमेरिकन संस्था ने दी रिपोर्ट
सोशल मीडिया पर अगर आपने चाइल्ड पोर्न से जुड़े वीडियो देखे या शेयर किए तो आपको जेल जाना पड़ सकता है। वाराणसी में अब तक चाइल्ड पोर्न से जुड़े वीडियो शेयर करने पर 10 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। दरअसल, अमेरिका की एक स्वयंसेवी संस्था ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को एक रिपोर्ट उपलब्ध कराई थी। इस रिपोर्ट में उन लोगों की जानकारी थी जो चाइल्ड पोर्न से जुड़े वीडियो देखते हैं या फिर चाइल्ड पोर्न के लिंक अन्य लोगों को सोशल मीडिया पर भेजते हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन सभी के बारे में एनसीआरबी की ओर से दिल्ली पुलिस को नाम, पता, मोबाइल नंबर और जीमेल आईडी तक उपलब्ध कराई गई थी। पुलिस को शिकायतों के साथ संबंधित वीडियो भी उपलब्ध कराए गए हैं। 15 सेकंड से लेकर करीब साढ़े चार मिनट तक की इन वीडियो क्लिप में नाबालिग लड़के-लड़कियां आपस में अश्लील हरकतें करते दिखाई दे रहे हैं। जो वीडियो शेयर किए गए थे। वह वीडियो बच्चों के खिलाफ शौन शोषण के प्रति भड़काने वाले जेल जा सकते हैं।
फैक्ट एंड फीगर
10 से ज्यादा एफआईआर वाराणसी में दर्ज हुई हैैं
02 युवकों को साइबर सेल ने किया था गिरफ्तार
15 सेकंड से लेकर साढ़े चार मिनट तक का वीडियो
लड़कियों के नाम से फर्जी अकाउंट
इंटरनेट मीडिया ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठगी के नए तरीके भी सामने आ रहे हैं। इन दिनों खूबसूरत लड़कियों के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर पहले सोशल मीडिया या डेटिंग एप्स पर दोस्ती करते हैं, और फिर अपने शिकार को ठगने के लिए नाटकीय तरीके अपनाते हैं। साइबर अपराधी अक्सर वाट्सएप और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करते हैं। वे सुंदर लड़की की प्रोफाइल बनाते हैं और भोले-भाले लोगों से दोस्ती कर लेते हैं। एक बार दोस्ती हो जाने के बाद, वे रात के समय वीडियो कॉल करते हैं। इस दौरान, वे पहले से रिकॉर्ड की गई न्यूड वीडियो को अपने शिकार के सामने प्रस्तुत करते हैं। साथ ही, वे अपनी बात को पुख्ता करने के लिए शिकार की वीडियो को भी रिकॉर्ड कर लेते हैं। इसके बाद, वे शिकार को धमकी देते हैं कि यदि वह पैसे नहीं देता, तो वे वीडियो को उसके दोस्तों और रिश्तेदारों के पास भेज देंगे।
बरतें सावधानियां
1. प्रोफाइल प्राइवेसी सेटिंग : अपने सोशल मीडिया अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग को मजबूत रखें। अनजान लोगों को अपने प्रोफाइल की जानकारी न दें।
2. वीडियो कॉल का रिसेप्शन : अंजान नंबर से आई वीडियो कॉल को रिसीव करने से बचें। अगर गलती से रिसीव कर लिया है, तो कैमरा को चेहरे की तरफ न रखें।
3. वीडियो की रिपोर्टिंग : यदि आपकी वीडियो बिना अनुमति के ऑनलाइन अपलोड की गई है, तो तुरंत उस पर रिपोर्ट करें। कई प्लेटफार्म पर ऐसे वीडियो को हटाने की प्रक्रिया होती है।
4. व्यक्तिगत जानकारी का साझा न करना : किसी भी अंजान व्यक्ति से अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
चाइल्ड पोर्न वीडियो देखना और शेयर करना अपराध की श्रेणी में आता है। पूर्व में भी इस मामले में कार्रवाई हुई है। इंटरनेट की दुनिया में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। ठगों के नए-नए तरीकों को पहचानना और उनसे बचना ही सबसे अच्छा उपाय है। यदि आप ठगी का शिकार होते हैं तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
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सरवणन टी, प्रभारी, साइबर क्राइम