वाराणसी (ब्यूरो)। लखनऊ, प्रदेश सरकार ने लापरवाही बरतने व मनमाने ढंग से काम करने के आरोप में वाराणसी नगर निगम में कार्यरत मुख्य कर निर्धारण अधिकारी कुमार असीम रंजन को निलंबित कर दिया है। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने शनिवार को उनका निलंबन आदेश जारी करते हुए उन्हें नगरीय निकाय निदेशालय से संबद्ध कर दिया है। इस मामले की जांच अपर आयुक्त प्रशासन वाराणसी मंडल को सौंपी गई है।
कुमार असीम रंजन पर आरोप है कि वह उच्च स्तर से प्राप्त निर्देशों का अनुपालन नहीं कर रहे थे। कार्यकारिणी समिति की बैठक में पूरी तैयारी के साथ उपस्थित न होने पर तत्कालीन नगर आयुक्त ने 14 जुलाई 2023 को उन्हें चेतावनी भी दी थी। जी-20 के कामों में अपेक्षित रुचि न लेने के कारण भी उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है। गृहकर वसूली व बड़े बकायेदारों से वसूली में रुचि न लेने पर बीती फरवरी में उनका वेतन रोक दिया गया था।
प्रमुख सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लगातार लापरवाही व शिथिलता बरतने पर कुमार असीम रंजन पर कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के तहत निलंबन की कार्रवाई की गई है।
शासन का आदेश भी नहीं मान रहे थे असीम रंजन
शासन ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी (सीटीओ) कुमार असीम रंजन का स्थानांतरण मार्च में इसी पद पर शाहजहांपुर में कर दिया था। शाहजहांपुर सीटीओ राकेश कुमार सोनकर को वाराणसी नगर निगम भेजा था। शासन के निर्देश पर राकेश कुमार 16 मार्च से वाराणसी नगर निगम में सीटीओ का कार्य देख रहे हैं। दूसरी ओर शासन के अपने स्थानांतरण के विरूद्ध सीटीओ कुमार असीम रंजन हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने उनका स्थानांतरण रद कर दिया था। इसके बाद असीम रंजन ने दोबारा वाराणसी में इसी पद पर ज्वाइन कर लिया। इसे लेकर कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बन गई। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने शासन को इसकी जानकारी मार्च में ही दे दी गई थी।