वाराणसी (ब्यूरो)। कैंट स्टेशन पर जीआरपी पुलिस ने पांच किलो अफीम के साथ झारखंड के रहने श्रवण कुमार और अनीस कुमार को गिरफ्तार किया। अफीम की कीमत 75 लाख रुपये बताई जा रही है। पूछताछ में तस्करों ने कई चौकाने वाली जानकारी दी। अफीम की यह खेप रांची से चंडीगढ़ ले जानी थी। इसके लिए तस्करों को 50-50 हजार रुपये मिलने थे। ट्रेन में सख्ती की वजह से तस्कर बस में अफीम रखकर रांची से बनारस पहुंच गए। दो दिन तक बनारस में मादक पदार्थ को डंप किया था। मौका देखकर पंजाब मेल ट्रेन के जरिए अंबाला जाने की योजना बनाई थी। इसके बाद यहां से चंडीगढ़ तक खेप पहुंचाने की प्लानिंग बनाई। जैसे ही ट्रेन पकडऩे के लिए कैंट स्टेशन पहुंचे तो जीआरपी ने सर्कुलेटिंग एरिया से पकड़ लिया। वे पिछले तीन साल से तस्करी में लिप्त थे।
इन रास्तों से मादक पदार्थ की सप्लाई
मादक पदार्थ की तस्करी का खेल बनारस के रास्ते से होता है। पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार से अफीम उठाकर पंजाब तक मादक पदार्थ की तस्करी होती है। दो स्टेप में माल की डिलेवरी होता है। पश्चिम बंगाल या झारखंड से माल लाकर बनारस में डम्प किया जाता है। इसके बाद टे्रन के जरिए जौनपुर, सुल्तानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद के रास्ते पंजाब और दिल्ली तक माल की सप्लाई होती है। ट्रेनों में सख्ती होने की वजह से सड़क के जरिए माल की सप्लाई में वाल्वो बस या छोटे-छोटे वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है। अभी चार महीने पहले तक मुंबई से मेफेड्रोन यानी म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स लाकर बनारस में खपाया जाता था, जो बेहद ही खतरनाक है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से गांजा भी बनारस के रास्ते लखनऊ, बरेली, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब तक भेजा जाता है।
तीन साल में 175 करोड़ का मादक पदार्थ जब्त
अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ योगी सरकार सख्ती से एक्शन ले रही है। इसका नतीजा ये है कि मादक पदार्थों की अवैध बिक्री रोकने के लिए गठित एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने विगत 3 वर्षों में वाराणसी समेत पूरे प्रदेश में अब तक 20,384.91 किलो अवैध मादक पदार्थ बरामद किया गया। इसकी कुल कीमत 175 करोड़ 49 लाख 27 हजार 500 रुपए है। अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ हुए ओवरऑल एक्शन की बात करें तो 4 वर्षों में अब तक 45 हजार किलो से अधिक का अवैध मादक पदार्थ जब्त किया गया है। एएनटीएफ ने तीन साल में कुल 187 अभियोग दर्ज किए हैं। इसमें 469 तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
सबसे ज्यादा गांजा की तस्करी
2022 से लेकर 2024 में अब तक इन तीन वर्षों में एएनटीएफ ने 6.37 किलो मार्फिन, 33.44 किलो हेरोइन (स्मैक), 129.63 किलो चरस, 106.62 किलो अफीम, 9,380.14 किलो डोडा (पोस्ता तृण), 10,725.26 किलो गांजा और 3.44 किलो मेफेड्रान जब्त किया है। यदि, इस वर्ष यानी 2024 में अब तक की गई कार्रवाई की बात करें तो कुल 91 अभियोग पंजीकृत किए गए, जबकि 190 गिरफ्तारियां हुईं। वहीं 1.78 किलो मार्फिन, 13.93 किलो हेरोइन (स्मैक), 23.85 किलो चरस, 61.88 किलो अफीम, 3414.98 किलो डोडा (पोस्ता तृण), 6467.01 किलो गांजा और 3.44 किलो मेफेड्रान जब्त किया गया है। कुल मिलाकर एएनटीएफ ने 9988.86 किलो मादक पदार्थ जब्त किया, जिसकी कुल कीमत 98 करोड़, 49 लाख और 52 हजार रही।
लंबे समय के बाद बनारस में अफीम पकड़ी गई। इसके पहले म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स की तस्करी ज्यादा होती थी। वैसे सबसे ज्यादा गांजा की तस्करी होती है। बंगाल, झारखंड या बिहार से मादक पदार्थ की तस्करी होती है।
- नीरज सिंह, नॉरकोटिक्स विभाग
फैक्ट एंड फाइल
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साल में जब्त किए 175 करोड़ के अवैध मादक पदार्थ
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मुकदमे नशे के सौदागरों के खिलाफ, 469 तस्करों की गिरफ्तारी
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करोड़ रुपए से ज्यादा के अवैध मादक पदार्थ 2024 में अब तक बरामद