वाराणसी (ब्यूरो)। पूर्वांचल में वाराणसी को खेलों की नर्सरी भी कहते हैं। जिला, प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनारसी खिलाडिय़ों का जादू सिर चढ़कर बोला है। ओलंपियन ललित उपाध्याय इसका जीवंत उदाहरण हैं। वैसे तो वाराणसी में स्टेडियम की कमी नहीं हैं, लेकिन, यहां पर कुछ ऐसे खास स्टेडियम हैैं, जिन्होंने कई खिलाडिय़ों को तैयार किया है। उन्होंने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल तक अपना खेल प्रजेंट किया। इन स्टेडियम की कई बातें खास हैं जो इन्हें दूसरे स्टेडियम से अलग बनाती हैं। कहीं गल्र्स को प्रमोट किया जा रहा है तो कहीं खिलाडिय़ों की पौध तैयार की जा रही है। आगामी 29 अगस्त को नेशनल गेम्स डे है। इस मौके पर आपको बताते हैं इन खास स्टेडियम के बारे में।
गल्र्स को कर रहे प्रमोट
आज जितना लड़के खेल में आगे हैं। उतनी ही लड़कियां भी। लड़कियों ने कई इंटरनेशनल गेम्स में जीत हासिल की है। अब भी कुछ घर ऐसे हैं, जो लड़कियों को गेम्स खेलने की परमिशन नहीं देते हैं। उनमें अवेयरनेस लाने के लिए बनारस ब्रदर्स क्रिकेट एकेडमी गल्र्स को क्रिकेट में प्रमोट कर रही है। इन्होंने अपने स्टेडियम की शुरुआत वर्ष 2014 में की थी। तब उनके पास 7 बच्चे सीखने के लिए आते थे। अब उनके पास 70 बच्चे सीखने के लिए आते हैं। ये स्टेडियम गल्र्स को प्रैक्टिस कराकर देश के लिए खेलने के लिए तैयार कर रहे हैं। इसलिए वह गल्र्स से फीस भी लड़कों की तुलना में कम लेते हैं। इससे प्रेरित होकर लोग अपने घर की लड़कियों को स्टेडियम में खेलने के भेजते हैैं, जोकि क्रिकेट खेल कर नाम कमाना चाहती हैं। उनके यहां से हर साल डिस्ट्रिक्ट लेवल के लिए बच्चे सेलेक्ट होते हैं।
बड़ालालपुर स्टेडियम से निकले नेशनल प्लेयर
वाराणसी के बड़ालालपुर स्टेडियम में सिर्फ वाराणसी से ही नहीं बल्कि आस-पास के गांव व शहर से 500 से ज्यादा लोग सीखने के लिए आते हैं। इस स्टेडियम से भी सैकड़ों प्लेयर्स ने नेशनल तक का सफर तय किया है। यहां से हॉकी में अंकित यादव और किशन सरोज ने नेशनल तक अपने गेम को पहुंचाया। वहीं, एथलेटिक्स में अंशुल रजक ने नेशनल लेवल तक खेला, जिनके नाम 100 मीटर की रेस में जीत भी दर्ज है। हैैंडबॉल में रेशमा यादव, नैना यादव, प्रीति, सुषमा ने मुरादाबाद में चल रही कुश्ती में वाराणसी मंडल का प्रतिनिधित्व भी किया। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में खेले गए हॉकी और पश्चिम बंगाल में खेले गए फुटबाल प्रतियोगिता में जीत कर यहां की छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन किया।
20 से अधिक इनडोर गेम
सिगरा स्टेडियम में इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनने के बाद लगभग सभी स्पोट्र्स होंगे और सभी खेलों के खिलाड़ी तैयार किये जाएंगे। अब पूर्वांचल के खिलाडिय़ों को खेलने के लिए दूर नही जाना पड़ेगा। खेल प्रेमियों को वाराणसी में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच देखने को मिलेगा। इसमें बैडमिंटन, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग, स्क्वैश जैसे 20 से अधिक इनडोर खेल खेलने की सुविधा होगी। ओलंपिक स्तर का स्विमिंग पूल, वॉर्मअप पूल भी होगा। जिम, स्पा, योगा सेंटर, पूल बिलियर्ड्स और कैफेटेरिया के साथ बैंक्वेट हॉल भी बनेगा।
आज लड़कियां भी लड़कों की तरह ही गेम्स में आगे बढ़ रही हैं। इसलिए क्रिकेट और अन्य गेम्स में ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को जुडऩा चाहिए।
अमित कुमार देव, हेड कोच, बनारस ब्रदर्स क्रिकेट स्टेडियम
बड़ालालपुर स्टेडियम से सैकड़ों खिलाडिय़ों ने नेशनल तक का सफर तय किया है और कई जीत भी अपने नाम की है। लड़कों की तुलना में लड़कियों ने ज्यादा जीत हासिल की है।
मंजूर आलम, डीएसओ, बड़ालालपुर स्टेडियम