वाराणसी (ब्यूरो)। काशी के लोगों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। तभी तो काशी ने तमाम रिकॉर्ड अपने नाम किए हैैं। यहां के लोगों ने हर सेक्टर में नाम कमाया है और काशी को गौरव दिलाया है। फिर वह सबसे ज्यादा जीआई टैग की बात हो या फिर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकाड्र्स की। इसके अलावा भी कई वल्र्ड रिकार्ड काशी के नाम दर्ज हैं। आज आपको बताते हैं कि कौन-कौन से रिकार्ड काशी ने अपने नाम किए हैैं।
जीआई टैग में देश में फस्र्ट पोजिशन
बनारस देश का पहला शहर है, जहां के उत्पादों को सबसे ज्यादा जीआई टैग मिले हैं। यहां के 32 उत्पादों को जीआई टैग मिला है। दुनियाभर के लोग काशी के कलाकारों और उनकी कलाओं से परिचित होंगे। ऐसे में अकेले वाराणसी शहर ने अपने 32 जीआई उत्पादों के साथ देश व शहर का मान बढ़ाया है। बनारसी ब्रोकेड व बनारसी साड़ी, बनारसी लंगड़ा आम, सफेद बैंगन, बनारसी पान, आदमचीनी चावल, हैंडमेड कारपेट, चंपा साड़ीज एंड फैब्रिक, गुलाबी मीनाकारी, काष्ठकला, हैंडमेड दरी, ब्लैक पॉटरी, मेटल रिपोजिटरी क्राफ्ट, वॉल हैंगिंग, सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क, बलुवा पत्थर, बुडेन कार्विंग, हैंडब्लॉक प्रिंट, जरदोजी, पीतल बर्तन, ग्लेज पॉटरी, ब्रास वेयर, नगीना वुड क्राफ्ट और भी तमाम चीजों में सबसे ज्यादा जीआई टैग पाने वाला वाराणसी पहला शहर बन चुका है।
छह साल के अर्जुन का कमाल
अर्जुन ने अपने दम पर महाभारत का पासा पलट दिया था, वैसा ही कुछ वाराणसी के छह साल के अर्जुन ने किया है। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के दो रिकॉर्ड तोड़ अपना नाम दर्ज करवाया है। पहला रिकॉर्ड जोसेफ मैकग्रेइल-बेटुप द्वारा ऑस्ट्रेलिया के कैपिटल टेरिटरी कैनबरा में 2019 को 18 मी। दूरी से 40 सेमी। लक्ष्य में 10 तीरों को शूट करने का था, जिसका समय 1 मिनट 0.03 सेकेंड था। इसको अर्जुन ने 48.63 सेकेंड में पूरा किया। दूसरा रिकॉर्ड अमेरिका के माइक ट्रोना ने रोलर स्केटिंग पर तीरंदाज़ी करते हुए सबसे अधिक स्कोर बनाने का रिकार्ड 2000 को किया था। इसमें रोलर स्केटिंग करते हुए एक मिनट में 120 मीटर की दूरी तय करनी होती है तथा हर 20 मीटर पर रखे हुए 40 सेमी। के लक्ष्य को भेदना होता है। अभी तक का सबसे अधिक स्कोर 20 का है, जिसको अर्जुन ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए 32 स्कोर प्राप्त किया था। बताते चलें कि अर्जुन ने यह कारनामा वर्ष 2020 में कोइराजपुर के संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल के इंडोर स्टेडियम में पूरा किया था।
पुस्तक लिख बनाया इंटरनेशनल बुक आफ रिकाड्र्स
आज की युवा पीढ़ी कम उम्र में ही कई रिकार्ड अपने नाम कर ले रही है। सारनाथ निवासी आयुष प्रियदर्शी ने हाल में ही इंटरनेशनल बुक आफ रिकाड्र्स में सबसे कम उम्र के व्यक्ति द्वारा लिखी गई सबसे छोटी गैर कथा पुस्तक लिखकर अपने नाम वल्र्ड रिकार्ड स्थापित किया है। यह उपलब्धि मात्र 21 साल की उम्र में ही पा ली है। आयुष अशोका इंस्टीट््यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट कॉलेज के तीसरे वर्ष का छात्र है। उन्होंने अपने जीवन पर सबसे छोटी 41 पृष्ठों की गैर-कथा पुस्तक 'ओस के बाद इंद्रधनुषÓ लिखी है, जिसका प्रकाशन हो चुका है।
बनाई सबसे बड़ी पेटिंग
इंसान कड़ी मेहनत से अपनी तकदीर को भी बदल सकता है। कुछ ऐसी ही प्रेरणा के साथ बीएचयू के गोल्ड मेडलिस्ट, फैकल्टी आफ विजुअल आट्र्स सतीश कुमार पटेल आगे बढ़ रहे हैं। सतीश हाल ही में 26,129 स्क्वायर इंच की पेंटिंग बनाकर सुर्खियों में हैं। कागज के 22 टुकड़ों को जोड़कर बनाई गई इस पेंटिंग में सतीश ने बनारस के घाटों को आकर्षक तरीके से दर्शाया है। यह उनकी दूसरी सबसे बड़ी पेंटिंग है। नेशनल, इंटरनेशनल आर्ट एग्जीबिशन में भाग लेने वाले सतीश इसके पहले बीएचयू पर आधारित सबसे बड़ी पेंटिंग बना चुके हैं। सतीश शाम करीब 7.30 बजे अपनी सबसे बड़ी पेंटिंग बनाने के लिए बैठे थे, जिसे पूरा करते-करते उन्हें सुबह का 10 बज गया था। फिर उन्होंने थोड़ा ब्रेक लेकर तीन बजे तक उस पेटिंग को पूरा कर दिया था। सतीश ने वल्र्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने के लिए अप्लाई भी किया है।
77 घंटे बनाई पेंटिंग, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्र और पोर्टेट-कैरिकेचर आर्टिस्ट हरिओम का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। हरिओम ने लगातार 77 घंटे एक मिनट और 16 सेकेंड तक कैरिकेचर बनाते हुए यह उपलब्धि हासिल की। गाजीपुर के देवकली निवासी किसान रमेश सिंह के बेटे हरिओम ने वाराणसी के क्वींस कॉलेज में 8 से 11 नवंबर 2017 तक लगातार 77 घंटे में 712 कैरिकेचर बनाते हुए कनाडा के रोनल्ड फ्र ांसिस का रिकॉर्ड तोड़ा था। रोनाल्ड ने 61 घंटे 55 मिनट तक कैरिकेचर बनाकर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराया था। हरिओम की ओर से भेजे गए प्रमाण के आधार पर अब उसका नाम गिनीज बुक में दर्ज किया गया है। इससे पहले हरिओम ने 14 वर्ष की आयु में 24 घंटे में 261 पोर्टेट बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था। उसे स्पॉट पेंटिंग में राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।