वाराणसी (ब्यूरो)प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ एक बार फिर दान-पुण्य की वजह से सुर्खियों में हैकाशी विश्वनाथ मंदिर को हीरे का मुकुट दान किया गया है। 2294 हीरों से जड़ा यह मुकुट सावन के पवित्र महीने में बेंगलुरु की संस्था एमएस रामईह फाउंडेशन ने सीईओ को सौंपामुकुट की कीमत 47 लाख रुपए हैअभी कुछ दिन पहले उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता ने एक करोड़ 51 लाख रुपए दान किए थेदान करने वालों की संख्या सिर्फ दो ही नहीं, बल्कि इसकी लंबी फेहरिस्त हैयह सिलसिला भी सदियों पुराना हैबाबा के चरणों में सबसे पहले जीर्णोद्धार का क्रम महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने शुरू किया थाउन्होंने बाबा दरबार में नए सिरे से निर्माण सिर्फ मंदिर ही नहीं बल्कि गंगा घाटों का भी साल 1780 में कराया थाइसके बाद साल 1853 में महाराजा रणजीत सिंह ने लगभग 22.5 मन शुद्ध सोने से इसके शिखरों को स्वर्ण मंडित कराया थाविश्वनाथ धाम बनने के बाद पहले महाशिवरात्रि पर दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु ने 120 किलो सोना दान किया था, जिसकी कीमत उस समय 60 करोड़ आंकी गई थीयही वजह है कि मंदिर को मिलने वाले दान और चढ़ावे में भी अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली हैहाल ही में समाप्त हुए 2023-24 वित्तीय वर्ष में काशी विश्वनाथ में चढ़ावा चार गुना बढ़ गयामंदिर की वार्षिक आय पहले 20.14 करोड़ थी, जो बढ़कर 86.79 करोड़ रुपए हो गई है

उद्यमी गणेश गुप्ता ने पैतृक आवास ही दान कर दिया

विश्वनाथ धाम बनने से पहले भी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दान की होड़ रही हैभवनों को छोड़ दें तो अन्य दान गुप्त ही होते हैंमार्च 2016 में उद्यमी गणेश गुप्ता ने अपना दशाश्वमेध स्थित अपना पैतृक आवास मदिर को दान में दिया थाइसमें गेस्ट हाउस बनाया गया हैइसकी कीमत लगभग पांच करोड़ रुपये आंकी गई थीवहीं, बीते वर्ष कनाडा से 108 वर्ष बाद अपनी ही नगरी काशी में मां अन्नपूर्णा की प्राचीन मूर्ति की वापसी पर गुरुधाम चौराहे पर अग्रवाल महासभा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से संस्था के अध्यक्ष संतोष अग्रवाल ने मां अन्नपूर्णा को सोने का मुकुट, हार और कंगन चढ़ाकर श्रृंगार किया गया था

कॉरिडोर बनने के बाद बढ़े भक्त

13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद से मई 2024 तक मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या लगभग 17 करोड़ तक पहुंच गई हैकाशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के बाद ट्रस्ट की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुईवित्तीय वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक काशी विश्वनाथ धाम की आय में चार गुना वृद्धि हुई है। 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान भक्तों की संख्या में गिरावट आई थी, लेकिन बाद के वर्षों में इसमें अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है

पहले तो बाबा को दान में मिलती थी बाइक

बाबा का एक भक्त ऐसा भी था, जो अपनी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाने के लिए उनको बाइक दान कर रहा थाये भक्त हर उस नई बाइक को बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंचाता है, जो मार्केट में लांच होती हैबाबा के इस भक्त ने अब तक बाबा दरबार में एक दो नहीं बल्कि 13 बाइक्स और स्कूटीज दान की हैैंदेश की जानी मानी बाइक मेकिंग कम्पनी टीवीएस के ओनर की ओर से ये सारी बाइक्स और स्कूटीज बाबा दरबार को दान में दी जाती थींये सिलसिला 2004 से शुरू हुआ था और 2010 तक चला थाकम्पनी की ओर से विश्वनाथ मंदिर को अपाचे, पेप, पेप प्लस के अलावा कई नई बाइक्स दान में मिल चुकी हैं

2017 में 20.43 करोड़ तो 2024 में 86 करोड़

काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार 2017 से 2024 के बीच में बाबा काशी विश्वनाथ के खजाने में चार गुना की वृद्धि देखी गई हैप्राचीनतम और नवीनतम व्यवस्थाओं से युक्त मंदिर परिसर को देख भक्त काफी प्रसन्न होते हैं और सुलभ दर्शन प्राप्त करके उन्हें एक अच्छी अनुभूति भी होती हैवहीं, दिसंबर 2021 कॉरिडोर निर्माण के बाद से लेकर जून 2024 तक बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 16.22 करोड़ तक पहुंच गई हैमंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार बीते 7 वर्ष में बाबा काशी विश्वनाथ के खजाने में चार गुना की वृद्धि हुई है। 2017 की बात करें तो 20.43 करोड़ का चढ़ावा बाबा को अर्पित हुआ था, उस समय पुराना मंदिर परिसर थाजबकि 2018 में 26.32 करोड़, 2019 में 26 करोड़, 2020 के कोरोना काल में 10.09 करोड़, 2021 में 20.03 करोड़, 2022 में, 58.33 करोड़ और 2023-24 में शिव भक्तों द्वारा 86 करोड़ चढ़ावा चढ़ाया गया हैविशेष तौर पर 2021 दिसंबर के बाद से मंदिर प्रशासन के चढ़ावे में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है

चढ़ावे के रूप में हुई आय

वर्ष आय

2017-18 20.14 करोड़

2018-19 26.65 करोड़

2019-20 26.43 करोड़

2020-21 11.10 करोड़

2021-22 20.08 करोड़

2022-23 20.08 करोड़

काशी विश्वनाथ धाम की आय में पिछले 7 वर्षों में चढ़ावे, दान, टिकट और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय में चार गुना वृद्धि हुई हैवित्तीय वर्ष 2023-24 में शिव भक्तों ने 86 करोड़ चढ़ावा चढ़ाया हैइसके अलावा सोना, चांदी के रूप में गुप्त दान भी आता है

  • विश्वभूषण मिश्रा, सीईओ