वाराणसी (ब्यूरो)। आजमगढ़ जिले भर में नकली व जहरीली शराब पीने से ढाई दशक में अब तक करीब सवा सौ लोगों ने अपनी जान गवां दी है। नकली शराब के मामले में पूर्व एवं वर्तमान विधायक भी पकड़े जा चुके हैं। अब प्रशासन ने अवैध धंधे में शामिल लोगों को कड़ा सबक सिखाते हुए विधिक कार्रवाई करने का मन बना लिया है। नकली शराब के अवैध कारोबार के लिए कुख्यात जिले के देवारांचल क्षेत्र के साथ ही तमाम ईंट भट्ठे इस समय पुलिस के रडार पर हैं। शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस द्वारा छापेमारी कर शराब कारोबारियों की कमर तोड़ने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष २००२ में बरदह क्षेत्र इरनी गांव में ११ मौतें हुईं थी। २०१३ में मुबारकपुर क्षेत्र में जहरीली शराब से कुल ५३ लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। २०१७ में सगड़ी तहसील क्षेत्र में ३० लोगों की मौत हुई थी। २०१८ में कप्तानगंज थाना क्षेत्र में स्थित एक शिक्षण संस्थान में छापेमारी कर पुलिस ने भारी मात्रा में शराब बरामद कर बसपा के पूर्व विधायक सुरेंद्र मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था। २१ फरवरी २०२२ में जिले के अहरौला थाना क्षेत्र के माहुल कस्बे व फूलपुर में सरकारी दुकान से बिकी मिलावटी शराब से आठ लोगों की मौत हो चुकी है वहीं ४५ लोग बीमार पड़ गए थे। इस मामले में फूलपुर पवई के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव सहित अन्य कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। रमाकांत अभी भी जेल में निरुद्ध हैं। एहतियातन पुलिस पूरी तैयारी कर शराब कारोबारियों की टोह लेने में जुट गई है।