वाराणसी (ब्यूरो)। रामनगर बलुआघाट पर गजीबो (मंडपनुमा संरचना) का गुंबद का छत गिरने से एक मजदूर की मौत होने और भ्रष्टाचार के आरोप में उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) सहायक अभियंता (सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर) दिलीप कुमार और अवर अभियंता रेनू जायसवाल को निलंबित कर दिया है। यूपीपीसीएल के महाप्रबंधक दिनेश कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण कुमार शर्मा से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इस मामले में कई और पर गाज गिरनी तय है। वहीं, प्रोजेक्ट मैनेजर की तहरीर पर मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय के खिलाफ रामनगर थाने में धारा-106 अनैच्छिक हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, मृतक मेवालाल के पुत्र दशमी ने रामनगर थाने में तहरीर दी है। घटना के दूसरे दिन शुक्रवार को जिलाधिकारी एस राजङ्क्षलगम की ओर से गठित चार सदस्यीय टीम ने मौका-मुआयना करने के साथ निर्माण सामग्री का नमूना लिया।
रामनगर बलुआ घाट पर पर्यटन मंत्रालय की ओर से 10.50 करोड़ रुपये से 132 मीटर लंबा सुंदरीकरण कराया जा रहा है। पर्यटन विभाग ने यूपीपीसीएल को काम सौंपा है और कार्यदायी संस्था मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय है। गुरुवार को दोपहर में बारिश के बाद अचानक गुंबद का छत भर भराकर गिर पड़ा। अंदर बैठे चंदौली के रहने वाले 57 वर्षीय मेवालाल की दबने से मौत हो गई। पास के रहने वाले भाईलाल का कुत्ता भी बैठा था, वह भी चपेट में आ गया। दूसरे दिन शुक्रवार को शिवपुर में शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। अंतिम संस्कार रामनगर स्थित शमशान घाट पर किया गया। बड़े बेटे दशमी ने पिता को मुखाग्नि दी। रामनगर थाना प्रभारी राजू ङ्क्षसह ने बताया कि यूपीपीसीएल के अभियंता की तहरीर पर सोनभद्र के रहने वाले मेसर्स ओमप्रकाश पांडेय खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
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चार सदस्यीय टीम को जांच में मिली कई खामियां
जिलाधिकारी एस राजङ्क्षलगम की ओर से अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आशुतोष ङ्क्षसह, ङ्क्षसचाई विभाग मंडी प्रखंड के अधिशासी अभियंता राजेश यादव, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिशासी अभियंता विनोद राय पहुंचे। टीम ने बन रहे पक्का घाट, सीढ़ी, स्टोन छतरी, चेङ्क्षजग रूम, फ्लोर के साथ बाउंड्री की एक-एककर गुणवत्ता की जांच की। अभियंता को घाट निर्माण में सरिया की मोटाई मानक के अनुरूप नहीं मिली। पिलर की दूरी अधिक थी, पत्थरों की चौड़ाई 30 से 40 एमएम मिली जबकि चौड़ाई न्यूनतम 60 एमएम होनी चाहिए। निर्माण में गिट्टी-बालू और सीमेंट का मिलावट सही नहीं थी। लाल बालू की जगह अहरौरा का भस्सी इस्तेमाल किया जा रहा था। अहरौरा की गिट्टी भी मिली। मौके पर अभियंताओं ने सवाल भी उठाया। वहीं, एडीएम सिटी ने निर्माण कार्य की पूरी वीडियोग्राफी कराई। इसके अलावा स्थानीय लोगों से बयान भी लिया।