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वाराणसी (ब्यूरो)।सड़कों पर जाम आम पब्लिक के लिए सिरदर्द बन गई है । कोई भी ऐसा चौराहा, तिराहा नहीं है जहां जाम न लगता हो। इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी बनाई है। इस कमेटी में हर क्षेत्र के 50 व्यापारियों, कारोबारियों को शामिल किया गया है। कमेटी की टीम हर चौराहे, तिराहे पर ट्रैफिक से निकालने में मदद करेगी। साथ ही व्यस्ततम चौराहे, तिराहे की ट्रैफिक को स्मूद करेगी। डिपार्टमेंट का ऐसा मानना है कि ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी से सिटी में जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी. सिटी के जाम वाले चौराहे सिटी के सबसे अधिक जाम वाले चौराहे मलदहिया, लहुराबीर, सिगरा, अंधरापुल, चौकाघाट, रथयात्रा, लंका, रविदास गेट, गिरिजाघर, गुरुबाग, गोदौलिया, पांडेयपुर, कचहरी, पहडिय़ा, विशेश्वरगंज, अर्दली बाजार, भेलूपुर, महमूरगंज, वरुणापुल हैं। इन चौराहों पर कमेटी की टीम तैनात की जाएगी. तैनात रहेगी कमेटी की टीम सभी चौराहों पर तैनात कमेटी के पदाधिकारी चाहें तो डे्रस कोड भी पहन सकते हैं। चौराहों पर ट्रैफिक कमेटी की टीम तैनात होने से सबसे व्यस्ततम 20 चौराहे स्मूद वर्क करेंगे। ट्रैफिक सिस्टम को ईजी बनाने के लिए डिपार्टमेंट ने एडवाइजरी कमेटी की टीम को अपने अपने क्षेत्र में स्मूद ट्रैफिक के लिए जिम्मेदारी सौंपी है. आगे निकलने की होड़ सुबह घर से निकलने पर टै्रफिक में फंस जाने पर काफी झुंझलाहट होती है। लगभग रोज जाम से पूरा शहर परेशान रहता है। कहीं चौराहा तो कहीं तिराहा पडऩे के कारण रुकना पड़ता है और जब ट्रैफिक सिग्नल खुलता है तो भीड़ साथ में चलने लगती है। आगे निकलने की होड़ में हर आदमी परेशान रहता है। इससे और भी जाम लग जाता है। इन सब को देखते हुए ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने ट्रैफिक एडवाजरी कमेटी बनाने का निर्णय लिया था. हर क्षेत्र में ट्रैफिक की टीम ट्रैफिक डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मानें तो शुरुआत में 50 लोगों को जिम्मेदारी दी गयी है। यह शहर के व्यस्ततम चौराहे पर ट्रैफिक सिस्टम को स्मूद बनाने का कार्य करेंगे। साथ ही ट्रैफिक नियम के बारे में भी जानकारी दी गई है। सभी को ट्रेंड कर चौराहों पर ट्रैफिक सिस्टम को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. और लोगों को जोड़ा जाएगा ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों की मानें तो टै्रफिक सिस्टम को बेहतरीन बनाने के लिए ट्रैफिक कमेटी के साथ अन्य लोगों को भी जोड़ा जाएगा। यही नहीं जो भी कारोबारी, व्यापारी ट्रैफिक को स्मूद बनाने में सहयोग करना चाहते हैं, वह भी टीम के साथ मिलकर शहर को जाम से मुक्त बनाने में मदद कर सकते हैं. 374 ट्रैफिक जवान विश्वनाथ धाम बनने के बाद शहर में टूरिस्टों की संख्या बढ़ गई है। प्रतिदिन 2 से ढाई लाख के करीब टूरिस्ट आ रहे हैं। इससे जाम की समस्या बढ़ गई है। इसलिए एडवाइजरी कमेटी बनाई गई है। शहर की ट्रैफिक सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए अब तक 186 हेड कांस्टेबल और 188 कांस्टेबल की ड्यूटी लगी हुई है. व्यापारी सहयोग करने को तैयार महानगर उद्योग व्यापार समिति के व्यापारियों ने पांच साल ट्रैफिक डिपार्टमेंट का सहयोग किया। व्यवस्थाएं बदलने के बाद समिति ने काम करना बंद कर दिया था। फिलहाल व्यापारियों का कहना है कि अगर समिति को फिर से एक्टिव किया गया है तो अच्छी बात है। इसमें सभी व्यापारी सहयोग करेंगे. फैक्ट एंड फीगर 186 हेड कांस्टेबल की लगी हुई है ड्यूटी 188 कांस्टेबल ट्रैफिक को करते हैैं कंट्रोल 50 लोग ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी में शामिल 20 सबसे व्यस्ततम चौराहों पर रहेगी ड्यूटी ट्रैफिक सिस्टम को स्मूद बनाने के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी बनाई गई थी। इसमें हर क्षेत्र के व्यापारियों, कारोबारियों को रखा गया है। इसके बाद और भी कमेटी से लोगों को जोड़ा जाएगा. राजेश पांडेय, एडीसीपी, ट्रैफिक सभी मिलकर सहयोग करेंगे तो ट्रैफिक सिस्टम में काफी सुधार आ जाएगा। पांच साल तक व्यापारियों ने यातायात नियोजन समिति बनारस ट्रैफिक सिस्टम में सहयोग किया था. प्रेम मिश्रा, अध्यक्ष, महानगर उद्योग व्यापार समिति